शनिवार, 4 अप्रैल 2020

10 से 12 दिन में 90 फीसदी संक्रमित मरीज कह रहे है कोरोना को ना






90 फीसदी कोरोना संक्रमित मरीज के 10से 12 दिन में हो जाते है निगेटिव
गले और नाक में वायरस के उपस्थिति पर आती है कोरोना की रिपोर्ट
ठीक होने के बाद भी आ सकती है कोरोना पाजिटिव रिपोर्ट
कुमार संजय। लखनऊ
कोरोना वायरस से संक्रमित 90 फीसदी लोगों में दस से 12 दिन मे जाच रिपोर्ट निगेटिव हो जाती है । बाकी लोगों में कुछ लंबा समय लग सकता है। हर व्यक्ति के शरीर की मालीक्युलर संरचना अलग होती है इस लिए कुछ लोगों में लंबा समय लग सकता है। यदि 10 से 12 दिन में रिपोर्ट निगेटिव नहीं आ रही है तो इसको लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं है। कुछदिन में अपने आप निगेटिव आ जाएगी। रैपिड टेस्ट में लक्षण खत्म होनेके बाद लंबे समय़ तक रिपोर्ट पाजिटिव आ सकती है।    
 इंडियन एसोसिएशनआफ माइक्रोबायलोजिस्ट सदस्य डा.विनीता खरे के मुताबिक माइल्ड पाजिटिव लोगों में आरएनए वायरल लोड कम रहता है देखा गया है कि इनमें 10 से 12दिन में मालीक्युलर कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव हो जाती है लेकिन अधिक वायरल लोड के मरीजों में थोड़ा लंबा समय लगता है लेकिन परेशाऩी मरीज में काफी कम हो जाती है। डा. विनीता कहती है अभी हम लोगों के पास इस तरह के कम मामले है लेकिन इंटरनेशनल मेडिकल जर्नल में दूसरे देशों में शोध पत्र के आधारा पर सारी जानकारी एकत्र कर रहे है।

लांसेट जर्नल के एक शोध में 76 मरीजों पर हुए शोध के आधार पर कहा जा सकताहै 90 फीसदी मरीजों में जांच रिपोर्ट10 से 12 दिनमें निगेटिव हो जाती है यानि नाक और गले में वायरस खत्महो जाताहै।देखा गया है कि नए संक्रमित कोविद 19 मरीज में  जितना अधिक वायरल लोड होता है लक्षण भी उतने गंभीर होते है। देखा गया कि गंभीर मामलों में वायरल लोड 60 गुना माइल्ड( हल्के) केस के मुकाबले अधिक होता है। देखा गया कि 10 से 12 दिन में माइल्ड और गंभीर केस के 90 फीसदी मामले निगेटिव हो जाते है।
वायरल लोड के आधार पर होती है प्लानिंग
यह भी देखा गया कि अधिक वायरल लोड वाले मरीजों में दूसरी परेशानियां जैसेदिल,किडनी,फेफडे की परेशानी अधिक होताहै इनको आइसीयू की भी जरूरतपड़ सकत है। डा.विनीता का कहना है कि वायरल लोड के आधार पर आगे इलाज की प्लानिंग में काफी मदद मिल सकती है।   

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