ओरल हाइजिन से कम होगी कोरना के संक्रमण की आशंका
भारतीय विशेषज्ञों ने की हैंड हाइजन के साथ गाइड लाइन में शामिल करने की सिफाऱिश
कुमार संजय़। लखनऊ
हैंड हाइजिन के साथ ही ओरल हाइजल कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलाव में कागर हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि पोवीडोन-आयोडीन( रसायन) से गरारा या कुल्ला करने से वायरस के संक्रमणको रोका जा सकता है। इस रसायन का माउथ वास आसानी से 40 से 50 रूपए में उपलब्ध है जो काफी बचाव में कारगर साबित हो सकता है। पहले के शोधों में देखा गया है कि आईसीयू में भर्ती मरीजों में क्लोरोहैक्साडीन या पोवीडोन आयोडीन से गरारा या कुल्ला कराने से वेंटीलेटर के कारण होने वाले निमोनिया से काफी बचाव होता है। वेंटीलेटर के कारण होने वाले निमोनिया को वेंटीलेटर एसिएसेटेड निमोनिया कहते है। यह आईसीयू मरीजों के लिए कई बार घातक साबित होता है। इसके सामान्य भर्ती मरीजों में इससे गरारा करने पर निमोनिया की आशंका कम होती है। इसी आधार पर विशेषज्ञों ने कोरोना से बचाव में हैंड हाइजिन के साथ ही ओरल हाइजन को बचाव के लिए गाइड लाइन में शामिल करने की सिफारिश की है। इंटरनेशनश मेडिकल जर्नल ओरल डिजीज में भारतीय दंत विशेषज्ञों ने पोवीडोन –आयोडीन गारगल एस ए प्रोफाइलिटिक इंटरवेंशन टू इट्रप्ट द ट्रांसमिसन आफ सार्स-कोवि-2 विषय पर रिपोर्ट में कहा है कि ओरल हाइजिन से गले और मुंह की सफाई होती है जिससे वायरस नष्ट हो हो सकता है।
कैसे करें ओरल हाइजन
विशेषज्ञों ने कम से कम दिन में दो बार या हर बार ब्रश करने के बाद 30 सेकंड के लिए 15 मिलीलीटर माउथवाश से मुंह रख कर मुंह में हिलाएं। इसका इस्तेमाल करने के तुरंत बाद पानी से कुल्ला करने, खाने या पीने की कोशिश न करें।
ओरल हाइजीन के फायदे: फेफड़े रहते हैं हेल्दी
मसूड़ों की बीमारी और संक्रमण का दूर रहना अच्छी डेंटल हाइजीन के फायदे हैं जो की हमारे लंग्स के स्वास्थ्य के लिए भी उपयोगी है। ओरल केयर न करने से मुंह में पनपने वाले बैक्टीरिया की वजह से मसूड़ों की बीमारी और संक्रमण हो सकता है। ये बैक्टीरिया सांस के द्वारा फेफड़ों में प्रवेश कर सकते हैं। इससे श्वसन संबंधी संक्रमण जैसे क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज और निमोनिया का खतरा बढ़ जाता है।
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