सोमवार, 4 मई 2020

कोरोना संक्रमित खून से संक्रमण की आशँका नगण्य - कोरोना संक्रमित खून से संक्रमण का अभी तक नहीं मिला कोई मामला

कोरोना संक्रमित खून से संक्रमण की आशँका नगण्य 
कोरोना संक्रमित खून से संक्रमण का अभी तक विशअव नहीं मिला कोई मामला 
कोरोना संक्रमित रक्त दान रोकने के लिए  निगरानी   
ब्लड डोनर की हो रही है थर्मल और फिजिकल स्क्रिनिंग
हेल्दी डोनर के सलेक्शन के लिए नाको ने  जारी गाइड लाइन   
कुमार संजय। लखनऊ

रक्तदाता का चयन करने में तमाम सावधानी के बाद भी कोरोना संक्रमित रक्त दाता का खून किसी मरीज में चढ जाए तो भी मरीज में कोरोना संक्रमण की आशंका नगण्य है। संजय गांधी पीजीआइ के ट्रांसफ्यूनजन मेडिसिन विभाग के प्रो. अतुल  विश्व की सबसे संस्था अमेरिकल रेड क्रास जो रक्त दान के मानक तय करती है  के तमाम निष्कर्ष का हवाला देते हुए बताते है कि अभी तक ब्लड ट्रांसफ्यूनजन ( रक्त चढाने) से किसी में कोरोना संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई है। न ही कहीं से कोई इस तरह का केस रिपोर्ट हुआ है जिसमें संक्रमण रक्त चढाने से हुआ हो। विशषज्ञ कहते है कि  इसके बाद स्वस्थ्य रक्त दाता के चयन के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के अधीन काम करने वाले  नेशनल एडस् कंट्रोल अर्गनाजेशन ने रक्त दाता की स्क्रिनिंग के गाइड लाइन जारी किया है। इसमें रक्त दाता का थर्मल स्क्रिनिंग के बाद पूरी हिस्ट्री ली जाती है। हिस्ट्री किस एरिया से है। घर या परिवार या आस पास कोई संक्रमित है। यात्रा की क्या हिस्ट्री रही सहित तमाम सवाल पर रक्त दाता के खरा उतरने के बाद ही रक्त दान लिया जाता है। रत्त दान के लिए स्वस्थ्य रक्त दाता को सलेक्ट किया जाता है । इसके लिए पहले से मानक तय है जिसमें शरीर का भार, हीमोग्लोबीन का स्तर , पहले से बीमारी और किसी दवा का इस्तेमाल तो नहीं कर रहे है तमाम जानकारी लेने के बाद स्वस्थ्य रक्त दाता को सलेक्ट किया जाता है। संजय गांधी पीजीआई के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन के प्रो. अतुल के मुताबिक कोरोनो के संक्रमण की आशंका के बाद स्क्रीनिंग के मानत बढा दिए गए है।
कोरोना संक्रमित  रक्त चढाने ने मरीज में नहीं होगा संक्रमण
प्रो. अतुल का कहना है कि तमाम सावधानी के बाद भी यदि किसी कोरोना संक्रमित का रक्त ले कर किसी मरीज में चढ गया तो मरीज में संक्रमण की आशँका 0.1 फीसदी ही है क्यों कि रक्त वहीं रक्त दाता देगा जिसको लक्षण नहीं होगे ऐसे में वायरल लोड बहुत ही कम होगा। इसके आलावा संभव है कि संक्रमण के बाद उस रक्त दाता में एंटीबाडी बन गयी है जिसके कारण वह दूसरे को संक्रमित नहीं करेंगा।

रक्त दाता के रक्त में शुरू होगा कोरोना स्क्रिनिंग


अभी रक्त दाता का रक्त लेने के बाद हिपेटाइटस, एचआईवी सहित तमाम  जांच की जाती है जिस पर खरा उतरने के बाद ही रक्त मरीज को चढाने के लिए ओके किया जाता है। अब हम लोग कोरोना एंटी बाडी की जांच के लिए कार्य योजना तैयार कर लिए है । मई के अंत तक केमी इल्युमिनेशन तकनीक से जांच के लिए किट मिल जाएगी। इससे जो थोडी बहुत आशंका है वह खत्म हो जाएगी।  

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