खुद की बीमारी भूल कोरोना मरीजों के सेवा में लगा
खुद लिवर की बीमारी से लड़ते हुए कोरोना मरीजों की जिंदगी बचाने के लिए अस्पताल से छुट्टी पाते है काम में लग गए। तीन महीने लिवर की बीमारी के वजह से भर्ती रहे । 10 मार्च को अस्पताल से छुट्टी मिली । कोरोना संकट खडा हो गया था । 11 मार्च को सुबह ड्यूटी पर पहुंच गया। पता चल गया था ट्रामा सेंटर को राजधानी कोविद अस्पताल बनाया जा रहा है। मेरी ट्रामा सेंटर पर पहले से तैनाती थी इस लिए कोरोना वार्ड के संचालन के लिए बडी तैयारी शामिल होने की ललक थी। संजय गांधी पीजीआई कोविद अस्पताल के मेडिकल सोशल सर्विस आफीसर डा. सुधीर कुमार श्रीवास्तव कहते है कि कोरोना के संक्रमण के खतरे से तमाम लोगों ने बताया कि आप पहले से बीमार है ऐसे में आप में संक्रमण की आशंका अधिक है। मैने सोचा कि जब लिवर की बीमारी से बच गए तो कोरोना हमारा कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा..सब ईस्वर की इच्छा है....जो होना होगा कोई टाल नहीं पाएगा। पत्नी अनिता श्रीवास्तव लगातार तीन महीने तक अस्पताल में सेवा में लगी थी। लिवर की परेशानी देखा था। वह ड्यूटी न करने के लिए कह रही थी लेकिन जब बताया तो वह तैयार हो गयी। अब तो वह पूरा घर संभाल रही है। बेटा देवांशु दिल्ली में इंजीनियर है लाक डाउन में आ गया तो घर की टेंशन और दूर हो गयी। कोरोना अस्पताल में आशंकित और पाजिटिव दोनो तरह के मरीज आते है । सबसे एक्सपोजर होता लेकिन पूरा एहतियात बरतते है। मरीजों की काउंसलिग के आलावा मरीजों से जुडे 15 से अधिक काम है। सब काम ठीक से चले इसकी पूरी जिम्मेदारी है। संचालन में तमाम तरह की परेशानी रोज आती है लेकिन निदेशक प्रो.आरके धीमन, सीएमएस प्रो. अमित अग्रवाल, कोविद प्रभारी डा. आरके सिंह को जैसे ही परेशानी बताते है वह लोग तुरंत उसका सामाधान करते हैं। पब्लिक प्लेस है इस लिए कई तरह की परेशानी आती है जिसे निपटाने में एमएसडब्लू मदलसा द्दिवेदी, अवनीश त्रिपाठी, मधुलिका मिश्रा सहित अन्य सहयोगी पूरी मदद करते हैं। सुबह अस्पताल पहुंचने के बाद लौटने का कोई समय नहीं होता है। कई बार तो रात में जाना होता है।
कोट
अस्पताल में वही आता है जो परेशान होता है। हम सबकी जिम्मेदारी है कि उनकी मदद करें कुछ न कर पाएं तो कम से कम प्यार से उनकी परेशानी सुने और उचित सलाह दें। प्यार के दो शब्द उनके लिए संजीवनी का काम करते हैं।
डा. सुधीर कुमार श्रीवास्तव
मेडिकल सोशल सर्विस आफीसर कोविद अस्पताल एसजीपीजीआई
एमए,पीएचडी मनोविज्ञान अवध विवि फैजाबाद
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