गोद भरने के लिए कोरोना संक्रमण की आशंका को कर दिया दर किनार
किसी भी महिला के लिए मां बनना सबसे बडा सपना होता है। गर्भ धारण से लेकर प्रसव होने तक वह कई तरह की मानसिक और शारीरिक बदलाव को महसूस करती है । वह गर्भावस्था और भी महत्व पूर्ण हो जाती है खास तौर पर जब हाई रिस्क प्रिगनेंसी हो। कोरोना काल में जब लोग हाथ लगाने से डर है ऐसे में इन्हे छोड़ नहीं जा सकती है। कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच संजय गांधी पीजीआई का मैटर्नल एंड रीप्रोडेक्टिव विभाग रोज अल्ट्रासाउंड, सीजेरियन और प्रसव के आलावा एंटी नेटल चेक अप कर रहे हैं। विभाग की एडिशनल प्रोफेसर इंदु लता साहू कहती है महिलाओं को छोड़ नहीं सकते है क्योंकि यह ऐसी स्थित है जो टाली नहीं जा सकती है। संक्रमण के खतरे से बचने के लिए पूरा प्रोटेक्शन लेते है। बरेली के ग्रामीण परिवार में जंम हुआ। सामान्य परिवार था। पिता लाल सिंह काफी संघर्ष के बाद पढ़ लिख कर गन्ना विभाग में नौकरी पाए। मां चित्रा कुमारी गृहणी थी। हमारे पूरे खानदान में कोई डाक्टर नहीं था । परिवार की इच्छा थी कि डाक्टर बनूं। ईश्वर की कृपा से बीएससी करने के बाद एमबीबीएस में प्रवेश मिला। इसके बाद एमडी किया। तीन साल सफदर गंज अस्पताल दिल्ली में सीनियर रेजीडेंसी किया। इसके बाद पीजीआई में बतौर ज्वाइ किया। डा. इंदु कहती है कि संक्रमण होने पर किसी भी क्वरटाइन होना पड़ सकता है लेकिन अभी तक सब ठीक चल रहा है। पिता की प्रेरणा से कोरोना काल में सेवा का हौसला है । कई बार डर तो लगता है लेकिन हम ही डर जाएंगे तो इन महिलाओं का केयर कैसे होगा यही सोच काम पर डटे रहने की हिम्मत देती है। पति प्रो.संदीप साहू संस्थान में है एनेस्थेसिया विभाग में वह और हमारे विभाग के संकाय सदस्य, संस्थान प्रशासन हर कदम हौसला बढाते हैं।
कोट
स्त्री रोग विशेषज्ञ है वह गर्भावस्था के दौरान सेवा या प्रसव के लिए पूरा एहतियात बरते। अपने और पेरामेडिकल स्टाफ को पूरी सुरक्षा के साथ काम में लगाएं। यह स्थित है जिसमें प्रसव या एंटी नेटल केयर टाला नहीं जा सकता है।
डा. इंदु लता सहू
एमबीबीएस- किंग जार्ज मेडिकल विवि
एमडी- किंग जार्ज मेडिकल विवि
सीनियर रेजीडेंसी- सफदर गंज दिल्ली
एडिशनल प्रोफेसर- मैटर्नल एंड रिप्रोडेक्टिव हेल्थ विभाग एसजीपीजीआई
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