बुधवार, 31 जुलाई 2019

पीजीआइ की संविदा नर्सेज को मिल रहा है देश में सबसे कम वेतन

 पीजीआइ की संविदा नर्सेज को मिल रहा है देश में सबसे कम वेतन   
संविदा नर्सेज को रेलवे में 44 नौ सौ और आईसीएमआर में 31 पांच सौ का वेतन
नर्सिग एसोसिएशन ने जताया विरोध

संजय गांधी पीजीआइ में इलाज का स्तर को देश के बडे तीन संस्थानों के बराबर है । इलाज में नर्सेज की अहम भूमिका है लेकिन संविदा- आउट सोर्सिग पर तैनात नर्सेज को वेतन काफी कम है।  रेलवे में संविदा पर तैनात नर्स को 44, 900 मानदेय दिया जाता है। इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च में तैनाज नर्सेज को 31, 500 फिक्स मानदेय़ दिया  जाता है  वहीं पर यहां पर केवल 18  हजार मान देय दिया जाता है। इस तरह की अनियमता के कारण नर्सेज बहनों का शोषण हो रहा है। किसी कारण वस अवकाश ले लिया तो उस दिन का पैसा काट लिया जाता है। कर्मचारी नेताओं ने रेलवे के बराबर मानदेय़, अवकाश  और जाब सिक्योरटी के लिए आंदोलन की चेतावनी दी है। मांग की है कि सरकार एक देश एक कानून के तहत वेतन या मानदेय का तय किया जाए। जांब सिक्योरटी भी नहीं है जब ठेकेदार जिसे चाहे बाहर कर देता है। युवा मानव शक्ति का उपयोग किया जाता है। यही हजारों मरीजों की जिंदगी बचाने के लिए वर्षों तक काम करते है लेकिन जब चाहें उसे बाहर कर देते है। मांग किया कि परमानेंट पदों पर क्रम के अनुसार इनका सीधे समायोजन किया जाए क्योंकि संविदा पर तैनाती सलेक्शन प्रक्रिया के तहत होता है । इस लिए समायोजन में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। आउट सोर्सिग के नाम पर बीच में ठेकेदार रखा गया है तो कमीशन लेता है रेलवे या आईसीएमआर की तरह सीधे रखने में क्या परेशानी है । बीच  में ठेकेदार केवल कमीशन के लिए रखा गया है। 

महिलाओं का हो रहा हैै शोषण
 संजय गांधी पीजीआइ नर्सेज एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा शुक्ला ने संस्थान में संविदा- आउट सोर्सिग पर तैनात नर्सेज को मिल रहे वेतन पर एतजार जताते हुए कहा कि नर्सेज को रेलवे के बराबर या आईसीएमआर के बारबर वेतन दिया जाए। सीधे तैनात किया जाए ।  उत्तर भारत के सबसे बडे इस अस्पताल में एक देश एक कानून लागू नहीं है। महिला संंसाधन का शोषण हो रहा है इस प्रोफेसन 90 फीसदी महिलाएं है जो आवाज नहीं उठा पा रही है। शोषण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके लिए हर स्तर पर आंदोलन होगा।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें