रक्तस्राव रोककर 30 फीसद घायलों की बचा सकते हैं जान
एसजीपीजीआइ, केजीएमयू और वील कर्नल मेडिकल हॉस्पिटल अमेरिका मिलकर पूरे प्रदेश में तैयार करेंगे जीवनदूत
दुर्घटना के शिकार व्यक्ति में हो रहे रक्तस्नाव को मौके पर मौजूद लोग यदि रोक दें तो उसकी मौत को टाला जा सकता है। 30 फीसद घायलों में मौत का कारण अत्यधिक रक्तस्नाव होता है। इसकी रोक थाम को लेकर आम लोगों को जागरूक करने के लिए संजय गांधी पीजीआइ, केजीएमयू और वील कर्नल मेडिकल हॉस्पिटल अमेरिका ने प्रदेश में अभियान शुरू किया है। इसके तहत स्कूली बच्चों, पुलिस सहित अन्य समाजसेवियों को रक्तस्नाव रोकने के साधारण तरीके के बारे में जागरूक किया जाएगा।
कार्यक्रम के संयोजक प्रो. संदीप कुमार और प्रो. संदीप तिवारी ने तय किया है कि वह पूरे प्रदेश के लोगों को रक्तस्नाव रोकने के लिए जागरूक करेंगे। इसके लिए हर जिले में मास्टर ट्रेनर तैयार करेंगे। ये ट्रेनर 10 लोगों को रक्तस्नाव रोकने का तरीका सिखाएगा। प्रो. संदीप के मुताबिक रक्तस्नाव रोकने के लिए किसी खास उपकरण की जरूरत नहीं है। केवल मौके पर मौजूद कपड़े, रबड़ से भी खून बहना रोक सकते हैं।
क्या परेशानी होती है
’रक्तस्नाव होने पर रक्त को थक्का जमाने वाले तत्व केसाथ प्लेटलेट्स कम हो जाते हैं।
’शरीर में आक्सीजन की कमी हो जाती है, जिस कारण आर्गन फेल्योर हो जाता है।
’रक्तस्नाव के कारण ब्लड प्रेशर भी कम हो जाता है।
रोकने का तरीका
’10 मिनट तक घाव पर दोनों हथेली से प्रेशर बनाएं, यदि घाव गहरा है तो कोई साफ कपड़ा घाव में भर कर प्रेशर दें
’नस कटी है तो जहां कटी है उससे दो से तीन सेमी ऊपर कपड़े या रबड़ से खूब तेज बांध दें, जिससे रक्तस्नाव रुक जाए और इसे अस्पताल पहुंचने तक बंधा रहने दें।
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