रविवार, 28 जुलाई 2019

स्तन में गांठ तो जांच कराएं जांच - स्तन की हर गांठ नहीं होता कैंसर

स्तन में गांठ तो जांच कराएं जांच

स्तन की हर गांठ नहीं होता कैंसर 
  
पीजीआई में ब्रेस्ट इमेजिंग अपडेट पर वर्कशॉप



जागरण संवाददाता। लखनऊ

स्तन हर की हर गांठ कैंसर नहीं होती है फिर भी गांठ होने पर उसकी जांच करना जरूरी है। यह बात संजय गांधी पीजीआई की रेडियोलाजिस्ट प्रो. अर्चना गुप्ता ने स्तन कैंसर पर आयोजित सीएमई में कही। कहा कि  महिलाओं में स्तन के भीतर या बाहर कोई गांठ महसूस होती है। स्तन में दर्द के साथ अचानक उसका आकार का बढ़ रहा है। स्तन से तरल द्रव निकल रहा है। तो तुरंत डॉक्टर की मदद ले और उपयोगी जांच कराएं। ये लक्षण स्तन कैंसर के हो सकते हैं।  पीजीआई और मेदांता के सहयोग से ब्रेस्ट इमेजिंग अपडेट पर आयोजित सीएमई में विशेषज्ञों ने स्तन कैंसर की पहचान के लिए मौजूद नवीन तकनीक के बारे में जानकारी दी।  स्तन कैंसर की पहचान के लिए  एमआरआई, अल्ट्रासाउंड, ब्रेस्ट मेमोग्राम, डिजिटल ब्रेस्ट मेमोसेन्थेसिस के बारे प्रशिक्षु रेडियोलॉजिस्ट और टेक्नीशियन को जानकारी दी गई। वर्कशॉप में एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज मेरठ, बीएचयू वाराणसी और जीएसबीएम कानपुर डॉक्टर और टेक्नीशियन मौजूद थे। वर्कशॉप का लाइव वेबकास्टस किया गया। पीजीआई के सीनियर रेडियोलॉजिस्ट डॉ. शिवकुमार ने कहा कि ऐसे आयोजनों से प्रशिक्षु रेडियोलॉजिस्ट को नई तकनीक की जानकारी मिलती है।


स्तन कैंसर महिलाओं में मौत की अहम कारण
डॉ. अर्चना बताती हैं कि विश्व मे हर साल करीब दो मिलियन महिलाएं स्तन कैंसर की चपेट में आती हैं। बीते साल वर्ष 2018 में स्तन कैंसर से छह लाख 27 हज़ार महिलाओं की मौत हो चुकी है। महिलाओं में मौत का सबसे बड़ा कारण स्तन कैंसर है। विकसित क्षेत्रों में महिलाओं में स्तन कैंसर की दर अधिक है।


समय पर जांच से इलाज संभव है

डॉ . अर्चना गुप्ता बताती है स्तन कैंसर की यदि समय पर पहचान हो जाय तो इलाज मुमकिन है। स्तन कोशिकाओं में होने वाली अनियंत्रित वृद्धि स्तन कैंसर का मुख कारण हैं। ये वृद्धि गांठ का रूप ले लेती है। जिसे कैंसर ट्यूमर कहते हैं। महिलाओ में स्तन कैंसर की कमी हैं। स्तन में गांठ आकर बढ़ने पर बिना किसी संकोच के  घरवालो को बताए। डॉक्टर की परामर्श लेकर जांच करायें। समय पर इलाज होने पर पूरी तरह से स्तन कैंसर से निजात पाई  जा सकती है।
 
इनमें होता है स्तन कैंसर

परिवार में किसी को स्तन कैंसर होने पर आगे की पीढ़ी में होने की आशंका अधिक होती है। देर से शादी करने वाली महिलाओं में, जल्दी मासिक धर्म आने वाली किशोरियों में, देर गर्भ धारण करने वाली महिलाओं में स्तन कैंसर होने की संभावना अधिक होती है।

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