बुधवार, 24 जुलाई 2019

पीजीआइः पैर का नर्व लगाया हाथ में आ गया दम

पीजीआइः पैर का नर्व लगाया हाथ में आ गया दम 

नर्व इंजरी के कारण चली गयी थी हाथ में जान  
एक्सीडेंट के बाद हाथ में चोट न खरोंच फिर न लगे दम तो संभव है नर्व इंजरी
कुमार संजय। लखनऊ
 27 वर्षीय सोनू रोड एक्सीडेंट  का शिकार हुआ। कही कोई चोट न फ्रैक्टर लेकिन हाथ में दम चला गया। संजय गांधी पीजीआइ के प्लास्टिक सर्जरी  प्रो अंकुर भटनागर ने पैर के नर्व को हाथ में रोपित किया । अब सोनू का हाथ में ताकत आ गयी है। नर्व टूटने या इंजरी के कारण  कारण दिमाग हाथ को कमांड देना बंद कर देता है। हाथ में लकवा मार जाता है। संवेदना खत्म हो जाती है। हाथ में दम न होने से रोज मर्रा की जिंदगी प्रभावित होती है। ऐसे हाथ में जान डालना ब्रेकियल पेक्सिस नर्व सर्जरी के जरिए संभव हो गया है। हाथ को कमांड  देने के लिए  पांच नर्व होती है।  कुछ लोगों में सभी नर्व डैमेज होती है तो कुछ लोगों में दो या तीन।कुछ नर्व डैमेज होती है जो उसे दोबारा माइक्रो न्यूरल सर्जरी कर जोड़ते है।  सभी नर्व के डैमेज होने पर शरीर के दूसरे अंग के नर्व को निकाल ग्राफ्ट( रोपित) करते हैं। इस जटिल सर्जरी में आठ से नौ घंटे लगते है। नर्व को जोड़ने के बाद नर्व ग्लू लगाकर नर्व को फिक्स करते हैं। ब्रेकियल पेक्सिस नर्व इंजरी के 10 फीसदी मामलों में समय के साथ हाथ काम करने लगता है लेकिन 90 फीसदी मामलों में सर्जरी या दवा से ही इलाज संभव होता है। नर्व इंजरी का पता एमआरआई और नर्व कंडक्शन जांच से लगता है।  

क्या है नर्व
मासपेशियों को काम करने के लिए दिमाग से सिगनल मांसपेशियों तक 0.5 से 2 मिमी मोटाई का तंतु से जाता है । इसे नर्व कहते है। इसमें इंजरी या टूट जाने पर दिमाग से सिगलनल नहीं जाता जिससे हाथ में लकवा मार जाता है।    

इंजरी के 3 से 6 महीने में सर्जरी से परिणाम बेहतर
प्रो.अंकुर के  मुताबिक नर्व इंजरी के मामले देर से आते है जिसके कारण सर्जरी का परिणाम उतना बेहतर नहीं मिलता है। देखा गया है कि तीन से 6  महीने में सर्जरी करने पर एक साल में बेहतर परिणाम मिलने लगता है। बताया कि नर्व की इंजरी होने पर दिमाग कुछ दिन भल जाता है कि यह मेरा अंग था जिसके कारण दोबारा जोड़ने पर दिमाग लंबे समय के बाद सिगनल देना शुरू करता है।
  
अब सोनू की कलाई भी होगी सीधी

 हाथ में पूरी ताकत आ गयी लेकिन कलाई लटक रही अब कलाई को सीधा करने के लिए इसी हफ्ते आर्थो डिसेस सर्जरी कर कलाई में प्लेट लगाया है जिसके बाद कलाई सीधी हो गयी है। अब सोनू दोनों हाथों से काम कर पाएंगा। प्रो. अंकुर के मुताबिक नर्व सर्जरी के बाद ताकत आने में 6 महीने से एक साल तक लगता है । एक सर्जरी में खर्च 30 से 35 हजार आता है। 


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें