फाइब्रोसिस में राहत देगा हर्बल नुस्खा
गोरखमुंडी, तुलसी और शहद से बनी दवा से मुँह की बीमारी में राहत
शोध को नेशनल जर्नल ऑफ मैक्सिलोफेशियल सर्जरी ने किया स्वीकार
कुमार संजय
सुपारी, गुटखा और पान मसाला खाने वालों में आम बीमारी ओरल सबम्यूकोस फाइब्रोसिस के इलाज को लेकर नई उम्मीद सामने आई है। शोध विज्ञानियों ने देखा है कि गोरखमुंडी, तुलसी और शहद से बने हर्बल अर्क को मानक इलाज के साथ देने से मरीजों को मुँह खोलते समय होने वाले दर्द और जलन से तेज़ राहत मिली।
शोधकर्ताओं ने 60 मरीजों को दो समूहों में बाँटा।
पहले समूह को सिर्फ मानक इलाज दिया गया, जिसमें स्टेरॉयड इंजेक्शन, हायल्यूरोनिडेज़ और एंटीऑक्सीडेंट दवाएँ शामिल थीं। दूसरे समूह को वही मानक इलाज, लेकिन उसके साथ गोरखमुंडी, तुलसी और शहद से तैयार हर्बल अर्क भी दिया गया। देखा गया कि हर्बल अर्क लेने वाले मरीजों में जलन और दर्द में उल्लेखनीय कमी देखी गई ।
वहीं, सूजन से जुड़े बायोमार्कर इंटरल्यूकिन-6 का स्तर दोनों समूहों में घटा, लेकिन सिर्फ मानक इलाज लेने वाले मरीजों में यह कमी तुलनात्मक रूप से अधिक पाई गई। शोधकर्ताओं का कहना है कि यह हर्बल अर्क बीमारी को पूरी तरह खत्म करने वाली दवा नहीं है, लेकिन इसे सहायक इलाज के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है, ख़ासकर शुरुआती मरीजों में।
क्या है फाइब्रोसिस
ओरल सबम्यूकोस फाइब्रोसिस मुंह की गंभीर बीमारी है, जो पान, गुटखा और तंबाकू के सेवन से होती है। इसमें मुँह की झिल्ली सख्त हो जाती है, मुँह खोलना कठिन होता है और दर्द या जलन होती है। यह पूर्व-कैंसर अवस्था है। रोकथाम और समय पर इलाज जरूरी है।
हर्बल अर्क के घटक
गोरखमुंडी — सूजन और दर्द कम करने वाली जड़ी-बूटी
तुलसी — रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली औषधि
शहद — घाव भरने और जलन घटाने में उपयोगी
शोध टीम
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी से
डॉ. ऋचा, प्रो. विभा सिंह, डॉ. शादाब मोहम्मद, प्रो. यू. एस. पाल, डॉ. गीता सिंह, डॉ. अमिया अग्रवाल, डॉ. अरुणेश के. तिवारी।
सेंटर फॉर्म फॉर एडवांस्ड रिसर्च, केजीएमयू के
डॉ. नीतू निगम।
आयुर्वेद आचार्य
डॉ. अभया एन. तिवारी।
सेवाथा यूनिवर्सिटी, चेन्नई के
डॉ. शांतोष कन्ना।
शोध को
नेशनल जर्नल ऑफ मैक्सिलोफेशियल सर्जरी ने हाल में स्वीकारा किया है।
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