जन्म की तारीख और समय: 4 मार्च 1907, सान फ्रांसिस्को, कैलिफ़ोर्निया, संयुक्त राज्य अमेरिका
मृत्यु की जगह और तारीख: 19 अगस्त 2024, Olot, स्पेन
राष्ट्रीयता: अमेरिकी, स्पेनी
माता-पिता: जोसेफ ब्रान्यास जूलिया
दुनिया की लगभग सभी सभ्यताओं में चाहे उनकी धार्मिक मान्यताएं जो भी हों, एक बात यह कॉमन है कि सब लोग लम्बी उम्र जीना चाहते हैं जिसमे बीमारियां लगभग न हों।बल्कि कुछ तो अमर भी होना चाहते हैं। लोगों की इस इच्छा का फायदा उठाते हुए दुनिया भर के वैज्ञानिक लम्बे जीवन के रहस्यों का पता लगाने हेतु शोध में लगे हुए हैं।
अभी पिछले हफ्ते प्रकाशित हुए एक बेहद जटिल तकनीकी तरीकों का इस्तेमाल कर हुए वैज्ञानिक अध्ययन में बड़ी दिलचस्प जानकारियां सामने आई हैं। यह अध्ययन अभी दुनिया की सबसे लम्बे समय तक और बगैर किसी बीमारी के जीवित रहने वाली महिला (117 साल की उम्र में पिछले साल २०२४ में उनका देहांत हुआ) महिला "मारिया ब्रान्यास" पर कई वर्षों तक हुए शोध पर आधारित है। उनके मरने से कई साल पहले से ही वैज्ञानिकों के एक समूह ने दुनिया की सबसे उम्रदराज इस महिला के Genes , प्रोटीन्स, मेटाबॉलिस्म, और उनके खानपान से संबधित विषयों पर गहन शोध आरम्भ कर दिया था, —और शोधकर्ताओं का कहना है कि उनकी लंबी उम्र सिर्फ़ सौभाग्य की वजह से नहीं थी।
अपने एक बयान में Maria ब्रान्यास ने अपनी लंबी उम्र का श्रेय "अनुशासन, शांति, परिवार और दोस्तों के साथ अच्छे संबंध, प्रकृति के साथ संपर्क, emotional stability, कोई चिंता नहीं, कोई पछतावा नहीं, भरपूर सकारात्मकता और टॉक्सिक लोगों से दूर रहने" को दिया था।
हालाँकि वैज्ञानिक शोध में जो परिणाम मिले उसमे संक्षेप में निम्न बातें प्रमुखता से सामने आईं:
Genetics ने अहम भूमिका निभाई: उनके पास कुछ दुर्लभ gene variants थे जो longevity और मजबूत immune system से जुड़े हुए थे। उनके शरीर में aging धीमी होने के संकेत दिखे, जैसे कि लंबे telomeres (DNA के सुरक्षा देने वाले सिरे) और उनके blood cells में कम age-related mutations।
उनका immune system युवा बना रहा: ज़्यादातर बुज़ुर्गों के विपरीत, उनके immune response में आश्चर्यजनक रूप से सक्रियता थी, जिससे वे अपनी उम्र के अन्य लोगों की तुलना में बीमारियों से बेहतर तरीके से लड़ पाईं।
सरल diet और lifestyle: मारिया ने एक सीधी-सादी diet अपनाई—अधिकतर eggs, meat और कुछ सब्जियाँ। उन्होंने processed foods से परहेज़ किया और न तो धूम्रपान किया, न शराब पी। वे ज़्यादातर जीवन भर स्वतंत्र रहीं, जिससे उनका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य अच्छा बना रहा।
कम inflammation levels: Chronic inflammation कई age-related बीमारियों से जुड़ी होती है। मारिया के शरीर में inflammation का स्तर कम था, जिससे उन्हें heart disease और Alzheimer’s जैसी बीमारियों से बचाव मिला हो सकता है।
Gut health भी महत्वपूर्ण रही: उनके gut bacteria युवा लोगों जैसे थे, जिससे उन्हें digestion, immunity और समग्र स्वास्थ्य में मदद मिली।
इस शोध पत्र में उनकी रोजाना की डाइट क्या होती थी उसका भी ब्यौरा बड़े विस्तार से दिया गया है, ऐसा भोजन जो वे लगभग पिछले २० सालों से लगातार कर रही थीं। वैसे तो यह मुख्यतः मेडिटरेनीयन डाइट थी जिसे पहले से भी वैज्ञानिकों द्वारा बहुत स्वास्थप्रद माना गया पर सबसे विलक्षण बात जो मुझे लगी वह हर दिन नियमित रूप से दही (योगर्ट) का सेवन करती थीं लगभग दिन में ३ बार. लंच, आफ्टरनून के स्नैक में और रात को भी।
आप अपने जेनेटिक मेकअप को तो बदल नहीं सकते, पर दही तो खा ही सकते हैं। सबको आसानी से उपलब्ध है।
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