हर मिनट 700 से अधिक साइबर हमले, अस्पताल बने नए निशाने
पीजीआई में जागरूकता कार्यक्रम
भारत में हर मिनट औसतन 702 साइबर हमले हो रहे हैं, जिनमें से करीब 22 प्रतिशत स्वास्थ्य संस्थानों पर होते हैं। विशेषज्ञों ने चेताया कि अब अस्पताल सिर्फ इलाज के केंद्र नहीं, बल्कि मरीजों की संवेदनशील जानकारी के भंडार बन चुके हैं, जिन्हें साइबर अपराधी लगातार निशाना बना रहे हैं। वे फिशिंग ईमेल, नकली लिंक, फर्जी वेबसाइट और ओटीपी ठगी के ज़रिए लोगों को जाल में फँसाकर बैंक खातों तक खाली कर देते हैं।
इसी गंभीर विषय पर एसजीपीजीआईएमएस के अस्पताल प्रशासन विभाग ने मंगलवार को “साइबर सुरक्षा बनाम स्वास्थ्य सेवा संगठन और मिशन शक्ति” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया। कार्यक्रम का आयोजन प्रो. आर. हर्षवर्धन की अध्यक्षता में हुआ, जिसमें पद्मश्री प्रो. आर.के. धीमान, प्रो. शालीन कुमार, कृतिका शर्मा (आईएएस), श्री आशुतोष पांडे (आईपीएस), श्री ऋषभ रनवाल (आईपीएस), श्री रल्लापल्ली वसंत कुमार (आईपीएस) और श्रीमती सौम्या पांडे (पीपीएस) मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
प्रो. धीमान ने कहा कि डिजिटल अस्पतालों में साइबर सुरक्षा अब वैकल्पिक नहीं बल्कि आवश्यक हो गई है। आईपीएस अधिकारी आशुतोष पांडे ने लोगों से संदिग्ध लिंक, अज्ञात कॉल या लुभावने ऑफर से बचने की सलाह दी और साइबर ठगी की शिकायत के लिए हेल्पलाइन 1930 या वेबसाइट साइबरक्राइम.जी ओ. इन का उपयोग करने को कहा।
संगोष्ठी में मिशन शक्ति के तहत महिलाओं की डिजिटल सुरक्षा और जागरूकता पर भी चर्चा हुई।
कार्यक्रम में 150 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया और मौके पर सोटो प्रतिज्ञा डेस्क पर कई लोगों ने अंगदान की शपथ भी ली।


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