गुरुवार, 9 अक्टूबर 2025

एड़ी के दर्द से मिली मुक्ति जिंदगी हुआ आसान

 


पीजीआई एपेक्स ट्रामा सेंटर


प्लाज्मा रिच थेरेपी से एड़ी के दर्द से मिली मुक्ति जिंदगी हुआ आसान


 पीआरपी थिरेपी से पहली बार हुआ इलाज


 दो साल से चलना फिरना  हो गया था कठिन




बाराबंकी की 42 वर्षीय गृहिणी सुनीता वर्मा पिछले दो वर्षों से क्रॉनिक प्लांटर फेशियाटिस (एड़ी का पुराना दर्द) से परेशान थीं। रसोई में लंबे समय तक खड़े रहना, बाज़ार जाना  कठिन हो गया था।  दवाइयों और आराम से राहत न मिलने पर उन्हें एसजीपीजीआई के फिजिकल मेडिसिन एंड रिहैबिलिटेशन (पीएमआर) विभाग में रेफर किया गया।  मस्कुलोस्केलेटल अल्ट्रासाउंड और अन्य परीक्षणों के बाद पीएमआर टीम ने उन्हें अल्ट्रासाउंड-गाइडेड प्लेटलेट रिच प्लाज्मा (पीआरपी) थेरेपी दी, जिससे उन्हें  राहत मिली। थेरेपी के साथ स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज, चाल प्रशिक्षण (गैट ट्रेनिंग) और जूते में सुधार (फुटवेयर मॉडिफिकेशन) जैसे व्यक्तिगत पुनर्वास अभ्यास भी कराया गया। छह हफ्तों में उनके दर्द में उल्लेखनीय कमी आई और तीन महीने में वे फिर से बिना किसी परेशानी के अपने दैनिक कार्य करने लगीं। अल्ट्रासाउंड जांच में ऊतकों में सुधार और सूजन में कमी की पुष्टि हुई। प्रो. सिद्धार्थ ने बताया कि यह  पहला मामला जिसमें  पीआरपी थिरेपी से इलाज किया गया। अब यह तकनीक स्थापित हो गई है। एपेक्स ट्रॉमा सेंटर के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. राजेश हर्षवर्धन ने पीएमआर टीम को बधाई देते हुए कहा कि इस पहल से अत्याधुनिक चिकित्सा विज्ञान को रोगी देखभाल से सीधे जोड़ा गया है।


 


क्या होती है पीआरपी थेरेपी


विभाग के प्रो. सिद्धार्थ राय ने बताया कि इस तकनीक में मरीज के अपने रक्त से प्लेटलेट्स को अलग कर सटीक रूप से दर्द ग्रस्त फेशिया (ऊतक) में इंजेक्ट किया जाता है।प्लेटलेट्स में मौजूद ग्रोथ फैक्टर्स ऊतकों की मरम्मत में मदद करते हैं और सूजन को कम करते हैं। यह शरीर की प्राकृतिक उपचार प्रक्रिया को तेज करता है।


 


इन परेशानियों का भी संभव होगा इलाज


प्रो. राय के अनुसार, अल्ट्रासाउंड-गाइडेड पीआरपी थेरेपी न केवल एड़ी के दर्द (प्लांटर फेशियाटिस) में, बल्कि बर्साइटिस, अकिलीज़ टेंडिनोपैथी, गठिया, लिगामेंट चोटें और डायबिटिक फुट जटिलताओं में भी प्रभावी है।इसके अलावा, अल्ट्रासाउंड-गाइडेड ग्रोथ फैक्टर कंसन्ट्रेट थेरेपी जैसी उन्नत तकनीक भी अब स्थापित हो चुकी हैं, जो पुराने मस्कुलोस्केलेटल दर्द और उपचार-प्रतिरोधी स्थितियों में अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो रही हैं।


 


हर शुक्रवार विशेष ओपीडी


प्रो. सिद्धार्थ राय ने बताया कि अब हर शुक्रवार एपेक्स ट्रॉमा सेंटर में फुट एंड एंकल रिहैबिलिटेशन क्लिनिक आयोजित की जाती है।विभाग के प्रमुख प्रो. अरुण श्रीवास्तव ने कहा कि यह पहल निचले अंगों की चोटों और पुराने दर्द से पीड़ित मरीजों के पुनर्वास को तेज़ करेगी। इसके अलावा मधुमेह, वृद्धावस्था या अत्यधिक कार्यभार से उत्पन्न जटिलताओं से ग्रस्त लोगों के लिए भी यह क्लिनिक एक बड़ा सहारा साबित होगी।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें