पीजीआई
तीन सर्जरी के बाद सामान्य हुई जिंदगी आगे होगी हार्मोनल थेरेपी
-पहले हुई दो सर्जरी लेकिन बढ़ती गयी परेशानी
-सर्जरी के बाद मूत्र द्वार से आने लगा था मल
- पहले लिया होता विशेषज्ञ से सलाह तो शायद बच जाती ओवरी
हरदोई की रहने वाली 15 वर्षीय बबीता के पेट में दर्द से निजात दिलाने के लिए बच्चेदानी के मुंह चौड़ा करने की सर्जरी हुई लेकिन परेशानी दूर तो हुई नहीं पेशाब के रास्ते मल भी आने लगा जिंदगी और दूभर हो गयी। संजय गांधी पीजीआई के गैस्ट्रो सर्जरी विभाग मुख्य सर्जन प्रो. अशोक कुमार की टीम ने तीन सर्जरी किया जिससे काफी हद तक जिंदगी सामान्य हो गयी है। पहले ओवरी निकाल दी गयी इसलिए आगे हार्मोनल थेरेपी देना पड़ेगा जो महिलाओं के शारीरिक और मानसिक गुण के लिए जरूरी है।
पहले हुई दो सर्जरी
इस सर्जरी से पहले बबीता दो सर्जरी झेल चुकी है। बबीता की मां ने बताया कि तीन साल पहले पेट में दर्द की परेशानी हुई जिसके लिए वह इलाज लिया लेकिन कोई फायदा न होने पर शाहजहांपुर ने एक सर्जन को दिखाया तो बताया बच्चेदानी का मुंह छोटा है जिसके कारण मासिक स्राव ने निकलने वाले रक्त बाहर नहीं पा रहा है । रक्त जमा होने के कारण दर्द होता है । सर्जन ने बच्चे दानी का मुंह चौड़ा करने के लिए सर्जरी किया जिसमें आंत कट गयी। इसके कारण रक्त तो बाहर आने लगा तो तीन महीने ठीक रहा । इसके बाद पेट में दर्द की परेशानी के साथ मूत्र के रास्ते मल आने लगा। परिजन अलीगढ़ एक अस्पताल गए जहां पर जांच के बाद पता चला कि बच्चेदानी विकसित नहीं है। वजाइना छोटा है और रेक्टो वेजाइनल फिस्टुला बन गया जिसके कारण यह परेशानी है। सर्जरी करके बच्चेदानी हटा दिया। मल और मूत्र का रास्ता अलग कर दिया । मल के लिए अलग से बैग लगा दिया। इससे उसे मानसिक और सामाजिक परेशानी हो रही थी। परिजन संजय गांधी पीजीआई के गैस्ट्रो सर्जरी विभाग में संपर्क किया तो यहां पर मलद्वार बनाया । आंत का रास्ता मलद्वार से जोडा। वेजिनोप्लास्टी की वजाइना को ठीक किया। प्रो. अशोक ने सलाह दिया लंबे समय पेट में दर्द की परेशानी होने पर विशेषज्ञ से सलाह लेना चाहिए ।
इस टीम ने दिया सर्जरी को अंजाम
प्रो. अशोक कुमार फर्स्ट, डा. सारंगी, डा. कुश , डा. शाहरूख . डा. रोहित निश्चेतना विशेषज्ञ डा.अरूणा भारती . नर्सिंग आफीसर सविता