शुक्रवार, 6 दिसंबर 2024

एआई हृदय की बीमारी पकड़ने में क्रांतिकारी साबित हो रहा है

 




एआई हृदय की बीमारी पकड़ने में क्रांतिकारी साबित हो रहा है

इकोकार्डियोग्रामसीटी स्कैन और एमआरआई की सटीक रिपोर्ट

इलाज की दिशा तय करने में मिल रही है मदद

 



आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) हृदय रोगों की पहचान, इलाज और प्रबंधन में बड़ा बदलाव ला रहा है। संजय गांधी पीजीआई की हृदय रोग विशेषज्ञ रूपाली खन्ना का कहना है कि एआई हृदय रोगों के निदान और उपचार को बेहतर बनाने में मदद कर रहा है। मशीन लर्निंग की मदद से एआई जटिल डेटा को समझ सकता है, जिससे कोरोनरी धमनी रोग, हार्ट फेल्योर  और दिल की अनियमित धड़कन (एरिथमिया) जैसी बीमारियों का जल्दी पता चल पाता है।

एआई इमेजिंग सिस्टम को भी बदल रहा है। इससे इकोकार्डियोग्राम, सीटी स्कैन और एमआरआई की रिपोर्टें अधिक सटीक मिल रही हैं, जिससे हृदय रोग विशेषज्ञों को मरीज की स्थिति को जल्दी पहचानने में मदद मिलती है। इससे समय की भी बचत होती है और इलाज में मदद मिलती है, साथ ही दवाइयों के सही प्रयोग के लिए मार्गदर्शन भी मिलता है। एआई के उपयोग से हृदय रोगों के इलाज में बेहतर परिणाम मिलने की उम्मीद है।

हालांकि, एआई के इस्तेमाल में कुछ चुनौतियाँ भी हैं। एआई टूल्स को स्वास्थ्य क्षेत्र में शामिल करने के लिए टेक्नोलॉजी और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के बीच उचित प्रशिक्षण और सहयोग जरूरी है। फिर भी, एआई का उपयोग कार्डियोलॉजी में तेजी से बढ़ रहा है और यह भविष्य में हृदय रोगों का इलाज और बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।


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