रविवार, 8 दिसंबर 2024

दिल की मांसपेशियों की मोटाइ से होने वाली परेशानी से राहत संभव



 दिल की मांसपेशियों मोटाइ  को परेशानी राहत   संभव


अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी के डॉ. बी. हेडली विल्सन और संजय गांधी पीजीआई के हृदय रोग विभाग के प्रमुख प्रो. आदित्य कपूर ने बताया कि  हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी (एचसीएम) के बारे में बताया कि यह एक जटिल हृदय रोग है जो सार्कोमेरिक जीन उत्परिवर्तन के कारण होता है। इससे बाएं वेंट्रिकुलर हाइपरट्रॉफी (मांसपेशियों का मोटा होना) और हाइपरकॉन्ट्रैक्टिलिटी (अत्यधिक संकुचन) की समस्या उत्पन्न होती है।

बताया कि  रोग की गंभीरता और संभावित जोखिमों का आकलन करने में इकोकार्डियोग्राफी और कार्डियक मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (सीएमआर) की अहम भूमिका है। इसके अलावा, अचानक हृदय मृत्यु (एससीडी) के जोखिम को कम करने के उपायों की आवश्यकता पर भी ध्यान दिया गया है।

इलाज के बारे में बताया कि  मायोसिन इनहैबिटर दवाओं पर शोध चल रहा है। इसके अलावा, पर्क्यूटेनियस सेप्टल एब्लेशनजीन थेरेपी, और आरएनए-आधारित उपचार जैसे भविष्य के उपचार विकल्पों की संभावनाओं पर भी चर्चा की गई है।

क्या है हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी

हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी एक ऐसी समस्या है, जिसमें दिल की मांसपेशी असामान्य रूप से मोटी हो जाती है। इसके कारण दिल के लिए रक्त पंप करना मुश्किल हो जाता है। इस बीमारी का अक्सर पता नहीं चल पाता है क्योंकि अधिकतर मामलों में कोई लक्षण नहीं होते और रोगी को कोई बड़ी समस्या महसूस नहीं होती। हालांकि, कुछ लोगों में सांस लेने में कठिनाई, छाती में दर्द, या दिल की असामान्य धड़कन (अरिद्मिया) जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

इसका इलाज सर्जरी से किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, दिल की धड़कन को सामान्य या धीमा करने के लिए दवाइयोंया शरीर के अंदर लगाए जाने वाले उपकरणों का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।


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