अफगानिस्तानी 16 महीने के बच्चे की पीजीआई में हुई दिल की सर्जरी
नहीं बना था
बच्चे के दिल में ट्राइक्सपिड वाल्व
फोनटान तकनीक से
सीधे फेफडे में पहुंचाया खून
संजय गांधी
पीजीआई के कार्डियो वेस्कुलर सर्जरी विभाग के प्रो.निर्मल गुप्ता की टीम ने
अफगानिस्तान के काबुल शहर के 16 महीने के बच्चे
नसीउल्लाह
के दिल की सर्जरी
को बीती देर रात में अंजाम दिया है। बच्चे के दिल के चेम्बर को विभाजित करने वाले एक खास वाल्व ट्राइक्सपिड में जंमजात बनावटी खराबी थी जिसके कारण उसे
सांस लेने में परेशानी हो रही थी। शरीर पर नीला पन था। वाल्व में खराबी के कारण
खून फेफडे में सही तरीके से नहीं जा पा रहा था जिसके कारण शरीर में अाक्सीजन की
कमी हो रही थी। प्रो.गुप्ता की टीम ने फोनटान तकनीक से दिल की सर्जरी कर रक्त
प्रवाह को सामान्य किया जिसमें दिल के चेम्बर राइट वेंट्रिकल को बाई पास कर
इंफीरियन वेना कावा और सुपीरियर वेना कावा के जरिए सधी वेनस से खून के प्रवाह को
पल्मोनरी अार्टरी में कर दिया। अब पल्मोनरी अार्टरी से खून फेफडे में जाकर वहां से
अाक्सीजन लेकर मुख्य रक्त वाहिका के जरिए अाक्सीजन युक्त खून का संचार शरीर में
होगा। यह काबुल का चौथा मरीज है जो संस्थान में इलाज के लिए
अा चुके हैं। टीम में डा नरेश . डा. अंकिता , डा. पुनीत , राज कुमार यादव , सुनीता जोसफ, अस्तर हैरून विशेष रूप से शामिल हैं।
क्या है
ट्राइक्सपिड एटरेसिया
दिल में चार
चेम्बर होते है जिसे राइट एट्रियम, लेफ्ट एट्रियम और
राइट वेंट्रीकल और लेफ्ट वेंट्रीकल कहा जाता है दिल में लेफ्ट साइड से खून एओटा
में जाता है जहां से शऱीर में पहुंचता है। वाल्व खून को फ्लो की दिशा को नियंत्रित
करता है । ट्राइक्सपिड वाल्व में बनावटी खराबी होने पर राइट तरफ का हार्ट ठीक से
काम नहीं करेगा शुद्ध और खराब खून अाफस में मिक्स हो जाएगा। खून फेफडे में नहीं
जाएगा जिससे खून का अाक्सीजनेशन नहीं होगा शरीर में अाक्सीजन की कमी हो जाएगी।
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