बुधवार, 20 दिसंबर 2017

पीजीआई में वेंटीलेटर युक्त सीसीएम में 18 बेड के लिए 280 की वेटिंग

पीजीआई में सीसीएम के 18 बेड के लिए  280  की वेटिंग





रोज अाठ से दस  वीाईपी काल  वेंटीलेटर के लिए 
गंभीर मरीज को लेकर न अाए पीजीआई



38 वर्षीय अारती की हालत गंभीर है । बनारस से डाक्टर ने पीजीआई रिफर कर दिया सीधे लेकर परिजन पीजीआई अा गए यहां पर सीसीएम में वेड न खाली होने के कारण भर्ती नही किया गया। परिजन पीजीआई के निकट ही एक निजि अस्पताल में ले गए जहां पर भर्ती कराया लेकिन रोज का 30 से 35 हजार का बिल परिजनों पर भारी पड़ रहा है। परिजन पीजीआई के सीसीएम में वेटिंग कराए है लेकिन यहां पर पहले से 279  मरीज वेटिंग में है । यह तो एक उदाहरण है रोज संस्थान में अाठ से दस मरीज एेसे ही गंभीर हालत में पहुंचते है। सूत्रों की माने तो रोज 15 से 20 फोन काल वीआईपी के सीसीएम में भर्ती के लिए अाते है । संस्थान के क्रिटिकल केयर वेटिंग में 18 बेड लाइफ सपोर्ट सिस्टम से लैस है जिसके लिए अाज तक 280 गंभीर मरीज वेटिंग में हैं। बेड के लिए मंत्री, अाईएएस, विधायक अौर सांसदों के सिफारशी पत्र के साथ मरीज के तीमारदारों की लंभी कतार निदेशक के सामने को देखने को मिला। हर किसी से निदेशक से मिलते हैं वह भी लाचार हो जाते हैं। सिफारिश अाने पर वह सीसीएम में फोन मिलाते यही बताते के लिए भईया हमारे पास बेड नहीं है।  फिर भी वेंटिग लिस्ट में नाम नोट करा दीजिए । बेड खाली होने पर अाप के पास काल जाएगी। मरीज के तीमारदार निराश हो कर यही कहते है कहां जाए निजि अस्पताल में जहां रखा है रोज 40 से 50 हजार लग रहा है।  संस्थान के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो.अमित अग्रवाल कहते है कि कि स्थित तब अौर नाजुक हो जाती है जब लोग गंभीर मरीज लेकर अा जाते है एेसे में आसीयू में बेड खाली नहीं रहता है।  मरीज की जिंदगी को खतरा रहता है। 



गंभीर मरीज लेकर सीधे पीजीआई न अाएंं। पहले यहां केस समरी दिखा कर बेड की स्थित पता कर लें. हम लोग वेटिंग लिस्ट बनाते है जिस मरीज में हम कुछ कर सकते है इसके अाधार पर मरीज के परिजनों को काल करते है । वेंटीलेचर वाले मरीज को वेंटीलर युक्त ही बेड दिया जा सकता है ....निदेशक प्रो.राकेश कपूर 





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