शुक्रवार, 8 दिसंबर 2017

डायबटीज मरीजों के रूटीन चेकअप में शामिल होगा फुट

पीजीआई में इंडोक्राइन साइंस समिट



डायबटीज मरीजों के रूटीन चेकअप में शामिल होगा फुट 

रूटीन चेकअप में दिल, किडनी, अांख की जांच से पहले से है शामिल


डायबटीज मरीजों के दिल, अांख को बचाने के साथ ही अब देश के विशेषज्ञ पैर को बचाने के लिए भी रूटीन चेक अप करेंगे। पैर में घाव की अाशंका का पता लगा कर पहले से सचेत और इलाज कर पैर को कटने से बचाया जा सकेगा। इस बारे में देश के विशेषज्ञों के बीच एक राय बनाने के लिए संजय गांधी पीजीआई का इंडोक्राइनोली और इंडो सर्जरी विभाग तीन दिवसीय  इंडोक्राइन साइंस समिट  का अायोजन किया है।  विभाग के प्रो.सुशील गुप्ता और प्रो. अमित अग्रवाल ने प्रेस वार्ता में बताया कि अभी तक हम लोग डायबटीज मरीज जब फालोअप पर अाता है तो हर 6 महीने में दिल, किडनी, अांख सहित अन्य अंगों में बीमारी की अाशंका का पता लगाने के लिए जांच कराते है जिसके अाधार पर इन परेशानियों से बचाने के लिए उपाय करते है । अब इस रूटीन चेक अप में हम लोग पैर की भी जांच करेंगे जिसमें डाप्लर कर पैर में रक्त संचार, फुट प्रेशर , पैर का तापमान और बाइब्रेशन के अलावा पैर की त्वचा में गांठ की जांच भी शामिल करेंगे। इससे पैर को कटने से बचाया जा सकेगा। इसके लिए हम लोगों ने आज कार्यशाला का भी अायोजन किया।  विशेषज्ञों से इस जांच को रूटीन चेक अप में शामिल करने की सिफारिश की जाएगी। 

एेसे संभव पैर को कटने से बचाना
- पैर में गांठ( गोखरू) होने पर खुद से न काटे
- ठंड में सीधे ब्लोअर के सामने पैर न रखे
- गर्म पानी से नहाने से पहले तापमान घर वालों से चेक कराएं
- जूता हमेशा एक नंबर बडा और शाम को खरीदे
- नया जूता दो से तीन घंटे बाद बदल कर पुराना जूता पहने
- हमेशा काटन के मोजे पहने और इसे चार पांच घंटे बाद बदल दें
- नंगे पैर न चले

हर तीस सेकेंड में कट जाता है एक डायबटिक मरीज का पैर

प्रो.सुशील गुप्ता और प्रो.अमित अग्रवाल ने बताया कि 250 डायबटिक मरीजों में से पांच से सात फीसदी मरीजों के पैर में घाव की अाशंका रहती है जिसका सही समय पर इलाज न होने पर पैर को काटना पड़ जाता है। देखा गया है कि हर तीस सेंकेेडे में एक डायबटिक मरीज का पैर काटा जाता है । 50 फीसदी डायबटिक मरीज पैर में घाव के कारण भर्ती होते है। डायबटिक मरीज के पैर में घाव होने की अाशंका सामान्य के मुकाबले 15 गुना अधिक होती है। बताया कि एक पैर कटने के बाद दूसरे पैर में घाव की अाशंका काफी बढ़ जाती है क्योंकि दूसरे पैर पर प्रेशर बढ़ जाता है साथ दिल की बीमारी भी अाशंका बढ़ जाती है। इस लिए पैर को कटने से बचाने के लिए पहले से एहितायत जरूरी है।  


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