पीजीआई का एचअारएफ बना रोल माडल
मरीजों को उपलब्ध कराता है 20 से 80 फीसदी कम कीमत पर दवा
प्रदेश के सभी मेडिकल कालेज और संस्थान पीजीआई की दर पर
खरीदेगें दवा और सर्जिकल अाइटम
कुमार संजय। लखनऊ
संजय गांधी पीजीआई का हास्पिटल रिवालविंग फंड(एचअारएफ) रोल
माडल बनता जा रहा है। प्रदेश सरकार ने सभी मेडिकल कालेजों, संस्थानों से कहा है कि पीजीआई जिस दर पर दवाएं, सर्जिकल अाइटम खरीद रहा है उसी दर पर मरीजों के लिए तुरंत
दवाएं और सर्जिकल अाइटम खरीद कर मरीजों को राहत पहुंचाएं। संस्थान खुद टेंडर करते
है जिसमें देरी होने की अाशंका रहती है। विशेषज्ञों का कहना है कि पीजीआई में किस
मर्ज के लिए कौन सी दवा या सर्जरी के लिए कौन से सर्किजकल अाइटम खरीदा जाना है यह
तो विभाग के संकाय सदस्य तय करते है लेकिन किस पर खरीदी जाए इसके लिए लंबी
प्रक्रिया है जिसमें अोपेन रेट कांट्रैक्ट होता है जिसमें सबसे कम कीमत पर दवा
सप्लाई करने वाली दवा कंपनी को जरूरत के अनुसार दवा सप्लाई का अार्डर दिया जाता
है। निदेशक प्रो.राकेश कपूर कहते है कि कम कीमत के साथ क्वालिटी को सुनिश्चित करने
के लिए अच्छी कंपनियों को प्राथमकिता देते है। इससे सही दवा 20 से 80 फीसदी कम कमीत पर मरीजों को मिलती है। उत्तर भारत में
इस सिस्टम को अभी कोई पूरी तरह फालो नहीं कर पाया है। एम्स दिल्ली जैसे संस्थान
हमारे माडल को अपना रहे है। प्रदेश सरकार ने हाल में अादेश जारी किया कि सभी
मेडिकल कालेज और संस्थान जिस दर पर दवाएं और सर्जिकल आइटम खरीद रहे है उसी पर खरीद
करें यह हमारे लिए गर्व की बात है।
पांच हजार तरह की दवाएं और सर्जिकल अाइटम की होती है खरीद
एचअाऱएफ के अारए यादव कहते है कि पांच हजार
तरह की दवाएं जिसमें एंटी केंसर, इम्यूनोसप्रेसिव, एंटी बायोटिक , कंट्रास , अांको प्रोडेक्ट जो लाइफ सेविंग ड्रग के तहत अाती है उसकी
ब्रांडडेड अौर रिसर्च मालीक्यूल लेते है यह दवाएं भी बाजार की कीमत से 20 से 80 फीसदी तक कम कीमत पर मरीजों को दी जाती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इसी तरह का माडल पूरे प्रदेश अौर देश के अस्पतालों को
अपनाने की जरूरत है।
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