मंगलवार, 12 दिसंबर 2017

भर्ती होने के बाद अस्पताल में चालिस फीसदी में होता है इंफेक्शन

भर्ती होने के बाद अस्पताल में चालिस फीसदी में होता है इंफेक्शन


इंफेक्शन के कारण बढ़ जाता है इलाज का खर्च

यूटीआई है भर्ती मरीजों के लिए सबसे बडा दुश्मन



अस्पताली इंफेक्शन मरीज के  इलाज का खर्च बढा रहा है। लंबे समय तक बेड पर रहने के कारण दूसरे मरीज को भर्ती होने का मौका नहीं मिलता। इस तरह अस्पताल में होने वाले संक्रमण के कारण मरीज तो खुद परेशान हो ही रहा है। साथ में दूसरे मरीज को भी परेशान कर रहा इसके साथ इलाज करने वाले डाक्टर के लिए भी परेशानी खड़ी कर रहा है। संजय गांधी पीजीआई के हास्पिटल इंफेक्शन कमेटी के नोडल अाफीसर प्रो. राजेश हर्ष वर्धन ने कहा कि हास्पिटल इंफेक्शन की गाइड लाइन को फालो कर अस्पताल में होने वाले संक्रमण को घटा कर 33 फीसदी तक लाया जा सकता है। मरीज के भर्ती होने के बाद इंफेक्शन होने के कारण मरीज तीन से 14 दिन अधिक भर्ती रहना पड़ता है। सबसे अधिक हास्पिटल जनित इंफेक्शन का खतरा सर्जरी वाले , अाईसीयू वाले मरीजों में होता है। इस पर रोक लगाने के लिए संस्थान के माइक्रोबायलोजी विभाग के साथ मिल कर कार्यशाला का अायोजन किया है। प्रो. राजेश ने कहा कि आईसीयू में हास्पिटल जनित संक्रमण अाठ फीसदी मानक है लेकिन विकासशील देशों में यह चालिस फीसदी तक है। देखा गया है कि  यूटीआई( यूरनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन) 15 से 40 फीसदी , सर्जरी वाली जगह पर 15 से 25 फीसदी, सेप्टीसीमिया 7 से 10 फीसदी और वेंटीलेटर के कारण निमोनिया दो से पांच फीसदी मरीजों में होता है। इसके कारण मरीजों को अस्पताल में अधिक समय तक भर्ती रहना पड़ता है। 

केवल हैंड हाइजिन से कम हो सकता है इंफेक्शन

प्रो. हर्ष वर्धन ने कहा कि केवल हाथ धुल कर मरीज को छूने से हास्पिटल जनित इंफेक्शन को 20 फीसदी तक कम किया जा सकता है लेकिन काम के दबाव और सुविधा की कमी के कारण 70 फीसदी लोग इसे फालोनहीं करते । 


80 फीसदी अस्पतालों में 20 फीसदी गाइड लाइन का नहीं होता फालो

विशेषज्ञों का कहना है कि 20 फीसदी अस्पताल 80 फीसदी गाइड लाइन फालो करते है लेकिन 80 फीसदी अस्पताल बीस फीसदी भी गाइड लाइन फालो नहीं करते है जिसके कारण भर्ती होने के बाद मरीज में अस्पताल में इंफेक्शन होता है। 



 

अस्पताल फालो करें ये गाइड लाइन
- हास्पिटल इंफेक्शन कमेटी बने
- सार्विलांस यानि एयर सैम्पल कर देखा जाए कहां कितना इंफेक्शन है
- इंफेक्शन खत्म करने के उपाय के बाद उसका अाडिट किया जाए  

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