गुरुवार, 2 नवंबर 2017

उंचाहार - की घटना की शिकार -रोली के अांसू बयां कर रहे है दर्द

रोली के अांसू बयां कर रहे है दर्द
इनके सिवा मेरा तो कोई सहारा नहीं बचा लीजिए साहब
 3.30 बजे हुई बात कहा जल्दी आएंगे अब तो पहचान भी नहीं रहे है
कुमार संजय। लखनऊ

बलिया के खूटा बहुरवा पाल चंद्र के रहने वाले 35 वर्षीय राकेश सिंह की पत्नी रोली सिंह के अांसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। संजय गांधी पीजीआइ के इमरजेंसी वार्ड के सामने बावली सी वार्ड के अंदर जाने वाले हर सफेद कोट वाले लोगों का पैर पकड़ कर गुहार कर ही है बचा लीजिए मेरे पति दुनिया में मेरा कोई नहीं है। उनके बिना मै भी मर जाउंगी । उनके बिना जिंदगी का कोई मतलब है। रो -रो कर पति के जिंदगी के लिए गुहार करते रोली सिंह कहती है फरवरी में शादी के दो साल पूरा होंगे । अबी कोई बच्चा भी नहीं है। भगवान ने मेरे साथ बडा अन्याय किया है। शाम को 3.30 बजे बात हुई कई बाते हुई कहा कि जल्दी घर अा रहा हूं । साथ लें अाउंगा लेकिन 4.30 के अास -पास किसी साथी का फोन अाया कि उनको चोट लग गयी है घबडाने की जरूरत नहीं है लेकिन मन नहीं माना तुरंत बलिया से बस पकड़ लिया। पता चला कि रायबरेली में भर्ती है वहां पहुंची तो डाक्टर ने लखनऊ के लिए भेज दिया। मै भी यहां अा गयी लेकिन अब तो वह पहचान भी नहीं रहे हैं। इनके साथ ही रहती थी लेकिन दीपावली में बलिया अा गयी थी ..कुछ दिन साथ क्या छूटा यह हो गया। 
रोली सिंह ने बताया कि प्लांट में वह दस -12 लोगों को लेकर बिजली का काम करते थे। 


शुक्र है दोनों भाई साथ नहीं थे

ऊंचाहार के फरीदीपुर के रहने वाले 26 वर्षीय श्री राम के भाई राम पाल कहते है कि भाई प्लांट में वेल्डिंग का काम कर रहा था उसी समय यह हादसा हुअा भाई पूरी तरह सुलस गया । पहले एनटीपीसी से अस्पताल में ले गए फिर रायबरेली ले गए वहां से पीजीआइ भेजा गया। मैं भी प्लांट  में ही काम करता हूं शुक्र में प्लांट के दूसरी यूनिट में काम कर रहा था घटने की तुरंत जानकारी के बाद भाई को लेकर चल पडें। हम लोग ठेकेदार के अंदर काम करते हैं। भाई को सात हजार महीना मिलता था कुछ मै भी कमा लेता जिससे घर चलता है। भाई के पत्नी माधुरी है और तीन साल का एक लड़का है। बस भाई बच जाए हम लोग फिर घर चला लेंगे। रामपाल ने बताया कि भाभी को अभी यही बताया है कि भाई की हालत ठीक है लेकिन अब भाभी भी अा रही है। कुछ हो गया तो ..यह कहते है रामपाल के अांसू दिल की जज्बात की गवाही देने लगते हैं। 


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