बुधवार, 22 नवंबर 2017

जीआइ में क्रास मैच न होने के कारण नहीं मिल रही किडनी ट्रांसप्लाट की डेट

पीजीआइ में क्रास मैच न होने के कारण नहीं मिल रही किडनी ट्रांसप्लाट की डेट

 कर्ज लेकर करा रहे है इलाज ऊपर से पीजीआइ कर रहा है परेशान 
एक साल से  भटक रहे है तमाम मरीज

जागरणसंवाददाता। लखनऊ


अाजमगढ के मनोज कुमार श्रीवास्तव के 17 वर्षीय लड़के की  किडनी खराब है। डायलसिस पर किसी तरह जिंदगी के दिन काट रहे है। संजय गांधी पीजीआइ में किडनी ट्रांसप्लांट के लिए दौड़ रहे है लेकिन एचएलए मैच की जांच न हो पाने के कारण उन्हे डेट नहीं मिल पा रही है। काफी परेशान होने के बाद मनोज जी ने मुख्यमंत्री, निदेशक से गुहार लगाते हुए कहा कि जांच के लिए संस्थान का नेफ्रोलाजी विभाग परेशान कर रहा है। कहा है कि जांच के लिए कहा गया कि केमिकल नहीं जब केमिकल जाएंगा जो फोन कर बताया जाएगा लेकिन कोई फोन नहीं अाया। तीन नवंबर को मैं खुद अाया लेकिन सात नवंबर को अाएं। सात को अाने से पहले फोन कर पूछा भी अानन फानन में कर्ज लेकर जांच कराने अाया तो फिर कहा गया कि केमिल नहीं है। कहा कि गैर जिम्मेदाराना हरकत के कारण मरीज और परिजन परेशान हो रहे है। जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। हम लोग गहना और खेत बेच कर इलाज करा रहा है एेसे में सहानभूति तो दूर विभाग मानसिक परेशानी खड़ी कर रहा है। इसी तरह पहले भी हरीराम ने शिकायत दर्ज करायी थी। रायबरेली के हरीराम की किडनी खराब है इनकी पत्नी सुधा किडनी दे रही है। सुधा किडनी हरीराम से कितना मैच करेगी इसके इसके लिए एचएलए( ह्यूमन लाइकोसाइट एटीजन) मैच जांच होती है। यह जांच संजय गांधी पीजीआई के रीनल लैब में शिफ्ट की गयी है । जांच में देरी के कारण हरीराम को किडनी ट्रांसप्लांट के लिए डेट नहीं मिल पा रही है। हरीराम का कहना था कि 6 महीने से एचएलए जांच के लिए भटक रहे है निजि क्षेत्र में जांच मंहगी होने के कारण यहां जांच कराना मजबूरी है। इसी तरह दिलीप भी चार महीने से एचएलए अौर सीडीसी जांच के लिए भटक रहे है।  

अागे भी जांच कैसे होगी कोई तैयारी नहीं 

पहले एचएलए क्रास मैच की जांच जेनटिक्स विभाग में प्रो.सुरक्षा अग्रवाल की लैब में होती थी लेकिन रिटायरमेंट के बाद यह जांच संस्थान के नेफ्रोलाजी विभाग के रीनल लैब में शिफ्ट हो गयी।  लैब जिसके हवाले है वह अक्टूबर 2018 में रिटायर भी हो रहे है। इनके बाद विशेष जांचे कैसे होगी इसकी कोई तैयारी नहीं है।  संस्थान रीनल ट्रांसप्लांट सेंटर की बात कर रहा है लेकिन जांच कहां और कैसे होगी इस कर कोई तैयारी नहीं है। 



मामले की पूरी जानकारी है। मरीज की शिकायत अायी थी जिस पर गंभीरता पूर्वक विचार किया जा रहा है जल्दी ही जांच व्यवस्था को ठीक करेंगे जिससे मरीजों को ट्रांसप्लांट संबंधी जांच के लिए परेशान न होना पडे...निदेशक प्रो.राकेश कपूर

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