मंगलवार, 24 जून 2025

प्रदेश के मेडिकल कालेजों के नर्सिंग स्टाफ को पीजीआई केजीएमयू के समकक्ष सेवा भत्ते देने की मांग

 



प्रदेश के मेडिकल कॉलेज में तैनात नर्सिंग स्टाफ को एसजीपीजीआईएमएस, केजीएमयू के समकक्ष सेवा भत्ते देने की मांग


एआईआरएनएफ ने सरकार को सौंपा ज्ञापन, कहा– समान कार्य के लिए समान सुविधा आवश्यक


उत्तर प्रदेश के 14 स्वशासी (ऑटोनॉमस) चिकित्सा महाविद्यालयों और समस्त सरकारी मेडिकल कॉलेजों में कार्यरत नर्सिंग स्टाफ को एसजीपीजीआईएमएस (संजय गांधी पोस्ट ग्रैजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़) और केजीएमयू (किंग जॉर्ज़ेस मेडिकल यूनिवर्सिटी) जैसे संस्थानों के समकक्ष सेवा भत्ते दिए जाने की मांग जोर पकड़ रही है।


ऑल इंडिया रजिस्टर्ड नर्सेज फेडरेशन (एआईआरएनएफ – ऑल इंडिया रजिस्टर्ड नर्सेज़ फेडरेशन) ने उत्तर प्रदेश सरकार को ज्ञापन सौंपते हुए मांग की है कि नर्सिंग स्टाफ को समान सेवा संबंधित भत्ते (सर्विस अलाउंसेज़) दिए जाएं। एक विभाग एक वेतन होना चाहिए सारे मेडिकल कॉलेज और संस्थान चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन आते हैं लेकिन भत्तों में भिन्नता है। 




चौबीसों घंटे सेवा और बहु-भूमिकाएं निभाने के बावजूद भत्तों से वंचित


ज्ञापन में कहा गया है कि इन चिकित्सा संस्थानों में कार्यरत नर्सिंग स्टाफ न केवल चौबीसों घंटे (ट्वेंटी फोर बाय सेवन) सेवाएं दे रहा है, बल्कि मरीजों की देखभाल, फार्मेसी प्रबंधन (फार्मेसी मैनेजमेंट), भंडारण कार्य (स्टोर कीपिंग), वार्ड प्रबंधन (वॉर्ड मैनेजमेंट), परामर्श, पोषण नियोजन, साफ-सफाई की निगरानी, उपकरण संचालन (इक्विपमेंट ऑपरेशन) और अभिलेख संधारण जैसे कार्य भी कर रहा है।


इसके बावजूद, इन्हें उन सुविधाओं से वंचित रखा गया है जो एसजीपीजीआईएमएस, केजीएमयू, आरएमएलआईएमएस (डॉक्टर राम मनोहर लोहिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़) और यूपीयूएमएस सैफई (उत्तर प्रदेश यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज़) में कार्यरत नर्सिंग कर्मचारियों को प्राप्त हैं।



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यह हैं प्रमुख मांगें और उनके औचित्य


फेडरेशन ने निम्नलिखित सेवा भत्तों की मांग की है, जो समान कार्य के आधार पर समान वेतन और सुविधा की अवधारणा को बल प्रदान करते हैं:


भत्ता / सुविधा मांग


नर्सिंग भत्ता (नर्सिंग अलाउंस) ₹9,000/- प्रति माह

वर्दी एवं धुलाई भत्ता (यूनिफॉर्म एंड वॉशिंग अलाउंस) ₹2,250/- प्रति माह

मकान किराया भत्ता (एचआरए – हाउस रेंट अलाउंस) ₹3,600/- या मूल वेतन का 20% न्यूनतम

बच्चों की शिक्षा भत्ता (चिल्ड्रन एजुकेशन अलाउंस) ₹33,750/- प्रति वर्ष

समाचार पत्र भत्ता (न्यूज़पेपर अलाउंस) ₹500/- प्रति माह






“यह विशेष लाभ नहीं, बल्कि न्याय है” – अनुराग वर्मा


उत्तर प्रदेश राज्य अध्यक्ष अनुराग वर्मा ने कहा–


> "हमारी मांग कोई अतिरिक्त लाभ नहीं है, बल्कि यह न्याय की पुनर्स्थापना है। जो भत्ते एसजीपीजीआईएमएस और केजीएमयू में स्वीकृत हैं, वे ही अन्य मेडिकल कॉलेजों के नर्सिंग स्टाफ को भी मिलने चाहिए।"




उन्होंने आगे कहा कि यह केवल संवैधानिक समानता (कॉन्स्टिट्यूशनल इक्वालिटी) की बात नहीं है, बल्कि नैतिक और व्यावहारिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत आवश्यक है।





नर्सिंग स्टाफ: स्वास्थ्य तंत्र की असली रीढ़


एआईआरएनएफ का कहना है कि नर्सिंग स्टाफ सिर्फ चिकित्सा सेवा नहीं देता, बल्कि पूरा स्वास्थ्य ढांचा उसी पर टिका है। उन्हें वह सम्मान, सुविधा और आर्थिक समर्थन मिलना चाहिए, जिसके वे वास्तविक रूप से हकदार हैं।


फेडरेशन ने प्रदेश सरकार से अनुरोध किया है कि वह इस विषय पर शीघ्र और संवेदनशील निर्णय ले, जिससे हजारों नर्सिंग कर्मचारियों को उनका उचित अधिकार और गरिमा प्राप्त हो सके।

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