शनिवार, 28 जून 2025

पीजीआई में पहली बार सस्ती रोबोटिक आर्म से सफल सर्जरी,

 



पीजीआई में पहली बार सस्ती रोबोटिक आर्म से सफल सर्जरी,


 अब महंगी रोबोटिक सर्जरी का सस्ता विकल्प संभव


संजय गांधी पीजीआई में पहली बार कम कीमत वाली रोबोटिक आर्म की मदद से जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। गैस्ट्रो सर्जरी विभाग के प्रोफेसर अशोक कुमार सेकेंड और उनकी टीम द्वारा किया गया यह नवाचार रोबोटिक सर्जरी के क्षेत्र में बड़ा बदलाव साबित हो सकता है।डॉ. अशोक के अनुसार, शुक्रवार 27 जून को सुल्तानपुर की रहने वाली 54 वर्षीय महिला पुष्पा की सर्जरी इस तकनीक से की गई। वे लंबे समय से एसिड रिफ्लक्स डिजीज (हायेटस हर्निया) से पीड़ित थीं। इस बीमारी में पेट और भोजन नली के बीच स्थित वाल्व (स्फिंक्टर) सही तरीके से काम नहीं करता, जिससे पेट का एसिड ऊपर चढ़कर सीने में जलन, खांसी और फेफड़ों में संक्रमण जैसी समस्याएं पैदा करता है।डॉ. अशोक ने बताया कि अधिकतर मामलों में दवाओं से राहत मिल जाती है, लेकिन करीब 10 से 20 प्रतिशत मरीजों को सर्जरी की आवश्यकता होती है। लंबे समय तक एंटी रिफ्लक्स दवाएं लेने से दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं, इसलिए सर्जरी एक सुरक्षित और स्थायी समाधान होता है।


 


ऐसे हुई सर्जरी


 


 


डॉ. अशोक ने बताया कि इस सर्जरी को लैप्रोस्कोपिक फंडोप्लिकेशन कहते हैं, जिसे अब इस सस्ती रोबोटिक तकनीक की मदद से किया गया। इस प्रक्रिया में  पेट के ऊपरी हिस्से (फंडस) को भोजन नली के चारों ओर लपेटकर एक नया मजबूत वाल्व (स्फिंक्टर) बनाया गया, जिससे एसिड ऊपर चढ़ना बंद हो गया।रोबोटिक आर्म से बेहद सटीकता के साथ टांके लगाए गए, जिससे ऑपरेशन सफल और कम जटिलता वाला रहा।


 


रोबोटिक तकनीक का सस्ता विकल्प


 


 


 


फिलहाल रोबोटिक सर्जरी के लिए लगभग 25 करोड़ रुपये के सिस्टम की आवश्यकता होती है, जो अधिकांश अस्पतालों के लिए खर्चीला साबित होता है।  50 हजार रुपये की सस्ती रोबोटिक आर्म एक किफायती और व्यावहारिक विकल्प के रूप में सामने आई है। इससे सर्जरी का खर्च एक से डेढ़ लाख रुपये तक कम हो जाता है।हालांकि इस सस्ती रोबोटिक आर्म में 360 डिग्री मूवमेंट जैसी भी सुविधा  है, यह सटीकता और नियंत्रण की दृष्टि से बेहद प्रभावी रही। सर्जरी के दौरान टांके लगाने और अंगों को जोड़ने जैसे कार्यों में यह तकनीक बहुत मददगार सिद्ध हुई।


 


 


देश भर में फैल सकता है लाभ


 


 


 


यह पहल भविष्य में देश के हजारों अस्पतालों में अत्याधुनिक तकनीक को सस्ते दामों पर उपलब्ध कराने की दिशा में एक अहम कदम साबित हो सकती है। सस्ती और सरल रोबोटिक तकनीक के चलते अब दूर-दराज के क्षेत्रों में भी जटिल सर्जरी को सुरक्षित और किफायती बनाया जा सकेगा।

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