शुक्रवार, 20 जून 2025

कंपोजिट विद्यालय योजना: संसाधनों के कुशल उपयोग की दिशा में सार्थक कदम

 

कंपोजिट विद्यालय योजना: संसाधनों के कुशल उपयोग की दिशा में सार्थक कदम


प्रदेश सरकार द्वारा संचालित कंपोजिट विद्यालय योजना वास्तव में एक दूरदर्शी पहल है, जिसका मूल उद्देश्य है शिक्षा क्षेत्र में मानव संसाधन का अधिकतम और प्रभावी उपयोग।


वर्तमान में अनेक गांवों या मोहल्लों में ऐसे प्राथमिक विद्यालय संचालित हैं, जहाँ मात्र 40-50 छात्र हैं और 2-3 शिक्षक कार्यरत हैं। नतीजा यह होता है कि एक ही शिक्षक को कई कक्षाओं को पढ़ाना पड़ता है, या फिर कुछ शिक्षक पूरा समय होते हुए भी सीमित काम करते हैं। यह मानव संसाधन का स्पष्ट दुरुपयोग है।


अगर ऐसे विद्यालयों को पास के बड़े विद्यालयों में विलय कर दिया जाए, तो इससे कई फायदे होंगे:


बच्चों को बेहतर शिक्षण सुविधा मिलेगी,


हर विषय के विशेषज्ञ शिक्षक उपलब्ध होंगे,


प्रत्येक कक्षा के लिए कम से कम एक शिक्षक होगा,


विद्यालयों का वातावरण समृद्ध होगा और प्रतिस्पर्धा भी बढ़ेगी।


यह कदम केवल व्यवसायिक कुशलता ही नहीं, बल्कि शैक्षिक गुणवत्ता की दृष्टि से भी अत्यंत लाभकारी है।


लेकिन, दुर्भाग्यवश कुछ लोग केवल राजनीति के लिए विरोध करते हैं – चाहे सरकार सही कर रही हो या गलत। यह आलोचना नहीं, बल्कि विकास विरोध है। सकारात्मक आलोचना वहाँ जरूरी है जहाँ निर्णय जनहित के विपरीत हो – जैसे कि बिजली बिलों की बढ़ोतरी, जो जीवन रेखा से जुड़ी सेवाओं को आम आदमी की पहुंच से बाहर करती है।


समय की मांग है कि हम हर निर्णय को तथ्यों और प्रभावों के आधार पर देखें, न कि राजनीतिक चश्मे से। सरकार की योजनाओं का विरोध तभी करना चाहिए जब वे जनविरोधी हों, अन्यथा हर सुधार का स्वागत होना चाहिए।

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