सोमवार, 2 जून 2025

पिज़्ज़ा एक्सप्रेस के संस्थापक जैस्पर रीड ने भारत को कहा अलविदा

 






ब्रिटिश व्यवसायी जैस्पर रीड का भारत को भावुक अलविदा – 12 वर्षों में खड़ा किया फूड इंडस्ट्री में बड़ा साम्राज्य


जैस्पर रीड पिछले 12 वर्षों से भारत में रहकर बिजनेस चला रहे थे


उन्होंने PizzaExpress, Wendy’s और Jamie’s जैसे इंटरनेशनल ब्रांड भारत में लॉन्च किए


उन्होंने भारत में हजारों नौकरियाँ दीं, करोड़ों का कारोबार खड़ा किया


लिंक्डइन पर उन्होंने एक भावनात्मक विदाई पोस्ट साझा की, जो वायरल हो गई




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बारह साल पहले भारत आए थे तीन साल के इरादे से – लेकिन बन गए भारतीय फूड इंडस्ट्री का बड़ा नाम


ब्रिटिश व्यवसायी जैस्पर रीड, इंटरनेशनल मार्केट मैनेजमेंट (IMM) के फाउंडर और सीईओ, साल 2012 में भारत आए थे। शुरुआत में योजना केवल तीन साल की थी, लेकिन भारत की जटिलताओं और संभावनाओं ने उन्हें बांधे रखा। आज, 12 साल बाद, जब वह अपने परिवार के साथ इंग्लैंड लौट रहे हैं, तो पीछे एक मजबूत बिजनेस विरासत छोड़ जा रहे हैं।


PizzaExpress से शुरुआत, फिर Wendy’s और Jamie’s को भारत लाए


जैस्पर रीड ने सबसे पहले भारत में PizzaExpress ब्रांड की शुरुआत की। इस इंटरनेशनल पिज़्ज़ा चेन को भारतीय बाज़ार के लिए री-ब्रांड और री-पोजिशन किया गया। इसके बाद उन्होंने Wendy’s (अमेरिकी बर्गर चेन) और मशहूर ब्रिटिश शेफ Jamie Oliver के नाम से जुड़े Jamie’s Italian और Jamie’s Pizzeria जैसे रेस्तरां ब्रांड्स को भारत में लॉन्च किया।


इन सभी ब्रांड्स को उन्होंने 15 शहरों में फैलाया और 75 से अधिक लोकेशनों पर रेस्टोरेंट्स खोले। उन्होंने एक मजबूत हॉस्पिटैलिटी नेटवर्क खड़ा किया, जो भारतीय उपभोक्ताओं की बदलती पसंद के अनुरूप लगातार विकसित होता रहा।



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कितना कमाया और कितना बढ़ा बिजनेस?


जैस्पर रीड की कंपनियों ने भारत में करोड़ों रुपये का कारोबार खड़ा किया।


एक अनुमान के अनुसार, IMM के भारत संचालन से 100 करोड़ से अधिक का रेवेन्यू सालाना जेनरेट होता था।


उनके रेस्टोरेंट्स नेटवर्क ने 3,000 से अधिक डायरेक्ट और इनडायरेक्ट जॉब्स पैदा किए।


रीड ने भारत में ब्रांड बिल्डिंग, लोकल सप्लाई चेन डेवलपमेंट और फ्रेंचाइज़ी मॉडल को मजबूत किया।



उन्होंने भारत के बड़े-बड़े मॉल्स, बिजनेस हब्स और फूड डेस्टिनेशनों में अपने आउटलेट्स खोले और भारत में कैज़ुअल डाइनिंग को एक नया आयाम दिया।



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कोविड के समय निभाया सामाजिक दायित्व


रीड सिर्फ बिजनेस तक सीमित नहीं रहे। कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान उन्होंने और उनकी टीम ने देशभर में ज़रूरतमंदों की मदद की।


> “हमने 10 लाख लोगों को खाना खिलाया और हजारों प्रवासी मज़दूरों को उनके घर बसों से पहुँचाया,” उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा।





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भारत में मिला जीवन का असली पाठ


अपने फेयरवेल पोस्ट में रीड ने लिखा,


> “भारत ने हमें धैर्य, मेहनत, सहनशीलता और मेहमाननवाज़ी सिखाई। ये वो मूल्य हैं जो आज दुनिया के कई देशों में खत्म हो चुके हैं, लेकिन भारत में आज भी ज़िंदा हैं।”




उन्होंने भारत को "दो देशों का संगम" बताया — एक तरफ तेज़ी से विकसित होता अर्बन इंडिया, दूसरी ओर अब भी बुनियादी सुविधाओं से जूझता ग्रामीण भारत। फिर भी, उनके अनुसार भारत की आत्मा अद्वितीय है।



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भारतीय व्यापारियों को दी सलाह: “अपनी टीमों को आज़ाद करें”


जैस्पर रीड ने भारतीय उद्यमियों को सलाह दी:


> “अपनी टीमों पर भरोसा करें और उन्हें सशक्त बनाएं। यही सबसे बड़ा निवेश है जो आप अपने बिजनेस में कर सकते हैं।”




उनका मानना है कि टीमों को स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने की शक्ति देना ही उनके बिजनेस की सफलता की असली कुंजी थी।



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परिवार का भारत से गहरा रिश्ता


उनके दादा जी ने कोलकाता के दम दम एयरपोर्ट के निर्माण में योगदान दिया


उनके पिता HelpAge India से जुड़े थे


उनकी पत्नी के चाचा ने सिक्किम में एक स्कूल की स्थापना की


उनकी बेटियाँ — परिवार की चौथी पीढ़ी — ने दिल्ली में स्कूलिंग पूरी की और अब UK यूनिवर्सिटी में जा रही हैं




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भारत हमेशा रहेगा दिल के करीब


फेयरवेल पोस्ट में उन्होंने लिखा,


> “अब हमारे दो मातृघर हैं – भारत और इंग्लैंड। हम भारत को छोड़ नहीं रहे, बस जादुई वृत्त के दूसरे छोर की ओर जा रहे हैं।”




उनका पोस्ट लिंक्डइन पर वायरल हो गया, जिसमें लोगों ने उनकी ईमानदारी, स्पष्टता और भारत के प्रति सम्मान की सराहना की।


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