बिखर रहा है सामाजिक ताना-बाना कई घर टूटने के कगार पर तो कई घर गए टूट
शादी के बाद लड़कियां लड़कों के परिवार पर हो रही हैं हावी
सुरेश की शादी अभी हाल में ही नमिता से हुई। नमिता के बारे में सुरेश पहले से जानते थे। दोनों साथ जीने और मरने की कसमें खाते थे । कई बार ऐसा भी हुआ सुरेश की शादी करने की स्थिति नहीं थी तो नमिता ने कहा कि हम जान दे देंगे लेकिन आपके बिना रह नहीं पाएंगे। सुरेश ने अपने घर के लोगों से बात किया घर वाले बेटे की खुशी में तैयार हो गए नमिता भी किसी तरह से अपने पिता को किसी के माध्यम से इस शादी के लिए भेजा कहने का मतलब यह है इसको अरेंज मैरिज समाज में साबित करके शादी हो गई , लेकिन शादी के बाद की बातें तो अलग है । वह सुरेश पर डोमिनेंट होने की कोशिश करने लगी, सुरेश नरम दिल का लड़का था और वह हर बात मानता गया। शादी भी हो गई नमिता घर भी आ गई । हर बात पर सुरेश को टोकती है कहां जा रहे हैं ,कब आएंगे, सब दिखाइए । सुरेश का टूरिंग जॉब है उसे दिन भर में कई लोगों से मिलना होता है कई बार ऐसा नहीं कर पाता है तो घर आने के बाद नमिता उसे मानसिक रूप प्रताड़ित करती है । गालियां देती है। आत्महत्या की धमकी देती है ऐसे में सुरेश भी कई बार प्रतिक्रिया देता है ऐसा केवल सुरेश और नमिता के साथ ही नहीं है आजकल देखने को मिल रहा है कि सामाजिक रिश्तो की मर्यादा ही खत्म होती जा रही है लड़कियां पति पर हावी हो रही है सास ससुर को बर्दाश्त नहीं कर पाती हैं । वह नहीं चाहती हैं हमारे दोनों के बीच तीसरा कोई रहे और पति जहां भी रहे हमको अपने साथ रखें जहां ऐसा नहीं हो पा रहा है वहां पर घरों में तनाव का माहौल है।
ऐसे ही राजेश और रितिक की शादी दोनों परिवार के मर्जी से हुई यह पूरी तरह से अरेंज मैरिज थी। शादी के बाद रितिका जब राजेश के घर आई 1 महीने तो वह किसी तरह रही लेकिन 20 कमियां निकाल कर वह अकेले ही राजेश का घर छोड़ कर अपने घर चली गई। अब ना वह राजेश को तलाक दे रही है और साथ रहने को तैयार है रितिका का तो पता नहीं लेकिन राजेश का पूरा परिवार इस सदमे दिल के मरीज हो गए हार्ट अटैक पड़ गया इलाज करा करके किसी तरह से जीवन बचाया गया। संजय गांधी पीजीआई के समाजशास्त्री रमेश कुमार जी कहते हैं रिश्ते त्याग से चलते हैं और यह दोनों तरफ होना चाहिए लेकिन आजकल के लड़कियों में त्याग नहीं है और लड़के भी त्याग नहीं करना चाहते हैं। शादी के बाद तमाम कानून के नाते लड़का पक्ष तमाम चीजों को चाहता रहता है और यही आगे चलकर लड़का पक्ष के लिए घातक साबित होता है।
समाजशास्त्री रमेश कुमार जी कहते हैं सामाजिक ताना-बाना बिखर रहा है वह कहते हैं कि कई तरह की लड़किया होती है
पहले ‘टाइप’ की लड़कियां होती हैं बार्बी डॉल टाइप, सजी धजी, मेकअप में लुती पुती और ब्रैंडेड कपड़े पहनने वाली। ऐसी बार्बी डॉल ‘टाइप’ की लड़कियों से लड़के दूर रहें नहीं तो ये लड़कियां कुछ दिन में उनका जीना दूभर कर देंगी। आप उन्हें झेल नहीं पाओगे।
दूसरे ‘टाइप’ की लड़कियों से लड़कों को बचना है। ये ऐसी लड़कियां जो बहुत इनसिक्योर यानी असुरक्षित होती हैं अपने रिलेशनशिप को लेकर। वजह यह है कि ये लड़कियां हर वक्त अटेंशन पाने के लिए रोना धोना मचाए रहती हैं, लड़के को किसी और लड़की के साथ बात करते देख परेशान होती हैं और फिर अपने बॉयफ्रेंड का दिमाग खा जाती हैं। इन लड़कियों को अपनी तारीफ सुनना बहुत पसंद होता है। वे सिर्फ इसलिए रोती धोती रहती हैं ताकि आप उनको नए नए कॉम्प्लिमेंट्स देकर उनकी तारीफ ही करते रहो। तो अगर आपको ऐसा करने में कोई गुरेज नहीं है तो पुराने हिंदी गाने सुन लो और उसमें से तारीफों के पुल वाले कॉम्प्लिमेंट्स रट लो और ऐसी लड़कियों के साथ की हिम्मत जुटाओ वरना जहां तक हो सके अवॉइड ही करो अगर आपको चैन से जीना है।
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