राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ दक्षिण भाग लखनऊ द्वारा रक्षाबंधन की पूर्व संध्या पर रक्षाबन्धन उत्सव, एल.पी.एस., आशियाना में बड़े धूमधाम से मनाया गया जिसमे भरी संख्या में मातायें, बहनें व स्वयं सेवक सपरिवार एकत्र हुए । कार्यक्रम में परम पवित्र भग्वध्वज को रक्षा सूत्र बांध कर देश की एकता व अखण्डता बनाये रखने के प्रति समर्पण व्यक्त किया गया |अवसर पर भाग संघचालक सुभाष जी भाग कार्यवाह श्री धीरेन्द् जी, अनिल जी, अजीत जी, अमन जी, देवेंद्र जी, राम कुमार जी, कर्मवीर जी, शुभम जी सहित तथा समस्त नगरो के सैकड़ो कार्यकर्ता,स्वयं सेवक ने भाग लिया। इस मौके पर तुलसी जी के पौधे का वितरण किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री संजीव जैन मुख्य संयोजक जैन धर्म लखनऊ द्वारा की गयी। अपने आशीर्वचन में उन्होंने कहा कि रक्षाबन्धन उत्सव समाज को समरस व उसमे एकरूपता बनाये रखने वाला पर्व है और समाज में ऐसे उत्सव निरन्तर मनाते रहना चाहिए |
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता श्री विरेन्द्र जायसवाल जी क्षेत्र कार्यवाह, पूर्वी उत्तर प्रदेश ने अपने उदबोधन में कहा कि रक्षाबन्धन उत्सव संघ के छः उत्सवों में एक है जो आपसी सदभाव बढ़ाने व ऊंच नीच का भेदभाव समाप्त करने वाला उत्सव है। उन्होंने कहा कि पहले केवल कर कर के आधार पर वर्ण व्यवस्था थी जो अब खंड-खंड जातियों में बट गई है हिंदुओं को एक होकर के रहना पड़ेगा। जब तक समाज के सभी वर्ग का विकास नहीं होगा तब दूसरे का विकास नहीं कर पाएंगे।
रक्षाबन्धन उत्सव समाज के ह्रदय को जोड़ने का रक्षा सूत्र है | ईश्वर रूपी समाज की चिन्ता करना संघ का लक्ष्य व कार्य है इसलिए संघ कार्य ईश्वरीय कार्य है | श्री वीरेंद्र जी ने बताया कि संघ के 6 उत्सवों में रक्षाबन्धन उत्सव प्रमुख उत्सव है | राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का दृष्टिकोण उसके शब्द शब्द और व्यवहार के निर्वाह से परिलक्षित होता है | समाज के बीच रहते हुए सबको विशिष्ट दायित्वबोध कराने की परम्परा को संजोए हुए संघ के सभी वार्षिक उत्सव भी अपने आप में एक सामाजिक आंदोलन और सांस्कृतिक समरसता के पर्याय सरीखे हैं
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