शुक्रवार, 6 सितंबर 2019

पैरो पर खड़ा हो गए .................... एपेक्स ट्रामा सेंटर में हुई इस तरह की पहली सर्जरी











पैरो पर खड़ा हो गए ....................  
एपेक्स ट्रामा सेंटर में हुई इस तरह की पहली सर्जरी
दो स्टेप सर्जरी के बाद आ गयी कूल्हे में आ गयी जान
रोड एक्सीडेंट में कूल्हे का साकेट बुरी तरह हो गया था क्षति ग्रस्त
एपेक्स ट्रामा सेंटर में हुई पहली बार टू स्टेप मोडीफाइड स्टापाज एंड कोकर लैंगेन बैक  

रोड एक्सीडेंट के शिकार इलाहाबाद निवासी 40 वर्षीय आशुतोष अपने कदमों के दम पर हौसले की उडान भरने लगे है। एपेक्स ट्रामा सेंटर में पहली बार हुई टू स्टेप सर्जरी मोडीफाइड स्टापाज एंड कोकर लैंगेन बैक  के जरिए आशुतोष अपने पैरों पर खड़े हो गए है।  रोड एक्सीडेंट के कारण कूल्हे का साकेट एसिटाबुलम टूट गया था। इसे  ट्रांसवर्स प्लस पोस्टीरियर वाल फ्रैक्चर कहते हैं। यह जटिल कूल्हे का फ्रैक्टर माना जाता है । सर्जरी में देरी होने पर कूल्हा बदलने के आलावा कोई उपाय नहीं बचता है। बताया कि कूल्हा भी  निकल गया तुरंत घर वाले लेकर संजय गांधी पीजीआइ एपेक्स ट्रामा सेंटर आए । आर्थो सर्जन प्रो. कुमार केशव के देख रेख में तुंरत इलाज शुरू हुआ। तमाम परीक्षण के बाद स्थित देख कर पहले तो कूल्हे को बैठाया लेकिन सबसे बडी परेशानी साकेट में टूट थी जिसमें कूल्हा फिट नहीं हो सकता था। एसिटाबुलम का सर्जरी रिपेयर करने की योजना पर काम किया। प्रो. केशव के मुताबिक दो स्पेट सर्जरी की गयी पहले स्टेप में नाभि के पास खोल कर कूल्हे पर पहुंच कर एसिटाबुलम में प्लेट लगा कर मोडीफाइड स्टापेज तकनीक से रिपेयर किया। इस सर्जरी के बाद 6 दिन बाद कमर के नीचे पिछले हिस्से से कूल्हे तक पहुंच कर साकेट को पीछे भी लैंगेन बैक तकनीक से रिपेयर किया गया। साकेट के आगे और पीछे दोनों तरफ रिपेयर करने के बाद 15 दिन तक फुल बेड रेस्ट कराने के लिए कुछ फिजियोथिरेपी की सलाह देने के बाद घर भेज दिया गया। फालोअप पर वह आते रहे अब वह पुरी तरह फिट है।

थेक्स डाक्टर दे दिया जीवन
फालोअप पर आए आशुतोष ने डाक्टर के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि डाक्टर ने जीवन दे दिया नहीं तो पूरी जिंदगी कैसे बीतती । अब मैं पूरी तरह फिट हूं सब काम कर रहा हूं। कहा कि आइसीयू में डा. रितू, डा. प्रतीक डा. वंश के आलावा तमाम लोगों का सहयोग मिला।  

हम लोग एक्सीडेंट के शिकार लोगों में जटिल आर्थो सर्जरी कर रहे है। यह सर्जरी भी काफी जटिल है। सर्जन के आलावा पोस्ट आफ आईसीयू सहित अन्य मैनेजमेंट के कारण यह सफलता मिली है.... प्रो.अमित अग्रवाल एपेक्स ट्रामा सेंटर प्रभारी     

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