रविवार, 15 सितंबर 2019

देश में एक लाख ट्रेंड नर्स पंजीकृत केवल 13 हजार को नौकरी-प्रदेश से पंजीकृत नर्सेज को मिले प्राथमिकता


देश में एक लाख  ट्रेंड नर्स पंजीकृत केवल 13 हजार को नौकरी
 बेरोजगार नर्सेज की लगातार बढ़ रही है संख्या
आउट सोर्सिंग पर काम लेकर किया जा रहा है शोषण


उत्तर प्रदेश में एक लाख पांच 263 नर्स पंजीकृत है । सरकारी क्षेत्र के पीएमएस में लगभग 10 हजार और चिकित्सा शिक्षा में तीन हजार नौकरी है । इस तरह कुल तेरह हजार नौकरी है । इससे साफ है कि पंजीकृत हजारों नर्सेज बेरोजगार है लेकिन प्रदेश में ट्रेनिंग लगातार जारी है। हर साल उत्तर प्रदेश के नर्सिग कालेजों से  18 हजार 743 नर्सेज ट्रेंड होकर निकलती है साल-दर –साल संख्या बढ़ती जा रही है । ट्रेंड नर्सेज एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. अजय सिंह और संजय गांधी पीजीआइ के नसर्जे एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा शुक्ला कहती है नर्सेज पांच –सात हजार में काम करने के लिए मजबूर हो रही है। इस पेशे में 90 फीसदी लड़कियां है जिनका शोषण हो रहा है। मजे की बात यह है कि इस तेजी से निजि नर्सिग कालेजों की संख्या बढी है। नर्सिग काउंसिल आफ इंडिया के अनुसार के वर्ष 2018 में सरकारी क्षेत्र के केवल 8 और निजि क्षेत्र  272 नर्सिग कालेज थे । बताया जाता है कि ट्रेंड नर्सेज की भारी कमी है लेकिन हकीकत कुछ और है कमी होती तो आउट सोर्स पर काम करने के लिए नर्सेज कैसे मिलती। मानक के अनुसार प्रदेश में 500 की संख्या पर एक नर्स की तैनाती होनी चाहिए इस तरह चार लाख नर्सज की तैनाती होनी चाहिए लेकिन मानक के अनुसार तैनाती न कर ट्रेंड नर्सेज को शोषण के लिए छोड़ दिया गया।  

प्रदेश से पंजीकृत नर्सेज को मिले प्राथमिकता
प्रदेश के किसी भी संस्थान या उपक्रम में पहले प्रदेश से पंजीकृत नर्सेज  को प्राथमिकता दे कर ही प्रदेश से ट्रेंड नर्सेज को समायोजित किया जा  सकता है। सीमा शुक्ला का कहना है कि नर्सेज का शोषण सरकारी संस्थानों में आउट सोर्सिंग के जरिए तैनाती कर हो रहा है।

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