पीजीआइ में पांच सौ नर्सेज के लिए 55 हजार दावेदार
ट्रेंड नर्सेज एसोसिएशन ने कहा कि जरूरत के आधार पर चलाएं नर्सिद कोर्स
खडी हो रही है बेरोजगार ट्रेंड नर्सेज की फौज
नर्सिग की पढाई के लिए निजि और सरकारी क्षेत्र में रोज नए कालेज खुल रहे है । नए कालेजों को मान्यता दी जा रही है जिससे ट्रेड नर्सेज की फौज खडी हो गयी है। 3.5 साल की पढाई के बाद पांच से 15 हजार में निजि अस्पताल में काम करने को मजबूर है। ट्रेंड नर्सेज एसोसिएशन के पदाधिकारी डा. अजय कुमार सिंह और पीजीआइ नर्सेज एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा शुक्ला ने प्रदेश सरकार से मांग किया है कि जब सारी ट्रेंड नर्सेज का सही तरीके से समायोजन न हो जाए तब तक पाठयक्रम पर रोक लगायी जाए। नर्सेज की कमी बता कर रोज निजि सहित अन्य में निजि कालेज खुल रहे है जो बेरोजगार नर्सेज की फौज खडी कर रहे हैं। ट्रेंड नर्सेज का शोषण हो रहा है। ट्रेड नर्सेज के बेरोजगारी का आलम यह है कि पीजीआइ में आक्टूबर 2018 में पांच सौ नर्सेज की जगह निकली है जिसके लिए 55 हजार लड़कियों ने आवेदन किया है। एक पद के लिए 110 लड़कियों ने दावेदारी पेश की है। आउट सोर्सिंग के जरिए लड़कियों का आर्थिक शोषण हो रहा है। डा. अजय का कहना है कि जितने कालेज चल रहे है उतने ही काफी ऐेसे में नए कालेजों का कोई मतलब नहीं है।
बंद हो आउट सोर्सिंग मिले समान मानदेय
एनएसए की अध्यक्ष सीमा शुक्ला ने मांग की है कि प्रदेश के संस्थानों में आउट सोर्सिंग पर नर्सेज की तैनाती तुरंत बद कर जो काम कर रही है पहले उनके साथ न्याय किया जाए। इन्हें रेलवे, एम्स दिल्ली की तरह मानदेय देते हुए जैसे देश में नए एम्स खुलते समय तैनात की गयी नर्सेज को पांच साल की सेवा के बाद काम के आधार पर रेगुलर किया गया वैसे ही प्रदेश के संस्थानों में किया जाए।
उत्तर प्रदेश में नर्सिग डिप्लोमा सीट- 13553
बीएससी नर्सिग सीट- 5150
इस तरह ट्रेंड नर्सेज की कुल 18703 सीट है
नर्सिग डिप्लोमा के लिए 308 कालेज को मान्यता है
बीएससी नर्सिग के लिए 133 कालेज को मान्यता स्टेट मेडिकल फैकल्टी से है
किसी निजि कालेज से नर्स की ट्रेनिंग के लिए तीन से 3.5 लाख रूपया फीस में जाता है इसके बाद रहने खाने खर्च जोड दें तो पांच से सात लाख खर्च होता है
सरकारी कालेज में एक साल की फीस 55 हजार है
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