बुधवार, 4 सितंबर 2019

रोबोटिक सर्जरी से हटा दिया दिल पर भार बन रहा ट्यूमर

रोबोटिक सर्जरी से हटा दिया दिल पर भार बन रहा ट्यूमर

प्रदेश में पहली बार रोबोट से हुई मायस्थेनिया ग्रेविस की सफल सर्जरी
पीजीआइ में हुई पहली रोबोटिक हार्ट सर्जरी

संजय गांधी पीजीआइ में बीते शुक्रवार को पहली  सफल कार्डियक रोबोटिक सर्जरी हुई जिसमें बिना सीना खोले दिल के ठीक ऊपर स्थित ट्यूमर युक्त थायमस ग्लैंड को निकाला गया। सफल सर्जरी के  अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी है। 52 वर्षीय  जय कुमार सिंह वर्षीय  मायस्थेनिया ग्रेविस बीमारी से ग्रस्त थे। इनके  हार्ट के ऊपर थायमस ग्लैंड का कैंसर था । दो साल से वह इस परेशानी से ग्रस्त थे । थायमस ग्लैंड में कैंसर होने के कारण सर्जरी ही विकल्प था। विशेषज्ञों का कहना है कि ट्यूमर हार्ट के बिल्कुल ऊपर था जिसे निकालने के लिए पूरा सीना खोजना पड़ता। आपेन सर्जरी में कई तरह के रिस्क थे इसलिए रोबोटिक सर्जरी प्लान की गयी। सर्जरी टीम के प्रमुख प्रो.अमित अग्रवाल और कार्डियक सर्जन प्रो. एसके आग्रवाल के मुताबिक सीने के बगल से जहां पसली होते है वहां पर एक-एक सेमी के तीन छिद्र कर ट्यूमर तक पहुंच कर ट्यूमर को निकाला गया। मरीज को सोमवार को छुट्टी मिल गयी। वह पूरी तरह ठीक है। सर्जरी में विशेष रूप से प्रो. सवा रत्तनम, एनेस्थेसिया विशेषज्ञ डा. चेतन, डा. सुनील ने विशेष सहयोग किया।
दिल पर ट्यूमर के कारण हो रही थी यह परेशानी
मायस्थेनिया ग्रेविस का कारण  थाइमस ग्लैंड में ट्यूमर होना है। ग्लैंड छाती के अंदर और दिल के बाहरी सतह में होती हैइसके अलावा रक्त में एसिटाइल कोलीन रेसेप्टर नामक रासायनिक तत्व की कमी भी है।  कमी होने की वजह से शरीर की मासपेशियाँ कमजोर होने लग जाती है क्योकि इसका काम है मासपेशियों में क्रियाशीलता का बनाये रखना
क्या है थायमस ग्लैंड
यह ग्लैंड  केवल यौवन तक सक्रिय है। यौवन के बादथाइमस धीरे से हटना शुरू होता है और वसा से बदल जाता है। थाइमोसिन थाइमस का हार्मोन है। यह बीमारी से लड़ने वाले टी कोशिकाओं के विकास को क्रियाशील  करता है।
यह परेशानी तो न करें नजंरदाज
-    कमजोरी और चलनेसीढ़ी चढने और काम करने में बहुत जल्दी थक जाना|
-आँखों की पलकों का बार बार बंद होना और एक समय आने के बाद स्थाई रूप से इनका बंद हो जाना|
-आँखे भारी दिखना जैसे की आपने शराब का सेवन किया हो|
-निचले जबड़े का अधिक झुक जाना
-होंठ का बाहर आ जाना
-आँखों को एक जगह केन्द्रित ना कर पाना
-बालों में कंघी सही से ना कर पाना

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