जनवरी और जुलाई बच्चों पर निमोनिया और डायरिया बनता है कहर
देश विदेश के सात संस्थान के विशेषज्ञों ने किया मिल कर शोध
दो लाख 43 हजार बच्चों पर विश्व की अब तक सबसे बडी स्टडी
कुमार संजय। लखनऊ
देश और विदेश के सात संस्थान के विशेषज्ञों ने निंमोनिया और डायरिया के कारण मरने वाले बच्चों पर शोध करने के बाद कहा है कि जनवरी और जुलाई का महीना बच्चों पर कहर बन कर गिरता है। विशेषज्ञों ने 243000 बच्चों पर वर्बल आटोप्सी , मौसम, वातारवण और लक्षण के आधार पर शोध किया। देखा कि एक महीने से 14 साल के बच्चों की मौत निमोनिया के कारण जनवरी महीने में हुई सबसे कम अप्रैल महीने में होती है। एक से 11 महीने के बच्चों मे निमोनिया का कारण सबसे अधिक स्टेफलोकोस निमोनाइ , रिस्पाइरेटली सिनसाइटीनल वायरस, हीमोफिलस इंफ्लुजा के कारण निमोनिया होता है। डायरिया सबसे अधिक जुलाई और जनवरी के महीने में होता है जिसके लिए रोटावायरस का संक्रमण काफी हद तक जिम्मेदार है। शोध में देश –विदेश के साथ संस्थान जिसमें शोध में सेंट एम हास्पिटल कनाडा के डा. डीएस फरार, डा.एसए फेडल, डा.एस हैंग फू, किंग जार्ज मेडिकल विवि से डा. शैली अवस्थी, पीजीई चंडीगढ से डा. राजेश कुमार, इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च डा. अनुज सिन्हा, जान हापकिंस बलूमबर्ग यूएस से डा. ब्रेन बहल, हास्पिटल आफ सिक चिल्ड्रेन कनाडा से डा.एसके मारीस, सेंटर फार ग्लोबल हेल्थ रिसर्च टोरेंटो कनाडा डा. प्रभात क्षा शामिल हुए। विशेषज्ञों के शोध आन लाइन मेडिकल जर्नल ई लाइफ सेंसल वैरिएशन एंड इटोलाजिकल इंफ्रेंसस आफ चाइल्डहुड निमोनिया एंड डायरिया मोर्टलिटी इन इंडिया शीर्षक से स्वीकार करते हुए कहा है कि इन महीने में विशेष सावधानी बरत कर बच्चों को मौत से बचाया जा सकता है।
मौसम बड़ा कारण
आखिर यह दो महीने ही घातक क्यों? इसका जवाब सीधे-सीधे मौसम का माना गया। जनवरी में तापमान तेजी से गिरता है। वहीं, जुलाई में उमस परेशान करती है। मौसम का यही बदलाव दोनों बीमारियों का जनक बन जाता है।
क्या है निमोनिया : निमोनिया फेफड़ों की सूजन या संक्रमण है। यह संक्रमण फेफड़ों के केवल एक हिस्से को
प्रभावित करता है। इसे लोबल निमोनिया के रूप में जाना जाता है।
यह दोनों फेफड़ों को प्रभावित करता है, तब इसे मल्टीलोबल निमोनिया कहते हैं। फेफड़ों के अंदर एयर सैक धीरे-धीरे मवाद और अन्य तरल पदार्थ से भर जाती है। इससे ऑक्सीजन को फेफड़ों तक पहुंचने में परेशानी होती है।
बच्चों में कारगर हो सकता है टीका
बच्चों के लिए निमोनिया टीका पीसीवी 13 है, जो दो साल से कम आयु के सभी बच्चों के लिए ठीक बताया गया है। यह टीका बच्चों को 13 न्यूमोकोकल बैक्टीरिया से बचाती है।
ये है डायरिया
डायरिया इंफेक्शन दूषित पानी और भोजन के खाने से होता है। गंदे हाथों से संदूषण या मल पदार्थ के संपर्क में आना। कुछ सामान्य रोगाणु जो गैस्ट्रो-आंत्रशोथ का कारण बनते हैं। बाद में दस्त होते हैं। बैक्टीरिया (साल्मोनेला या एस्चेरिचिया), वायरस (नोरोवायरस या रोटोवायरस), पैरासाइट (गिअर्डिया इन्टेस्टनालिस) मुख्य कारक हैं। डायरिया आसानी से ठीक होने वाला रोग है।
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