शनिवार, 15 नवंबर 2025

न्यूरो-मॉड्यूलेशन कमर और गर्दन दर्द से राहत की नई उम्मीद

 



न्यूरो-मॉड्यूलेशन  कमर और गर्दन दर्द से राहत की नई उम्मीद

इंडियन सोसायटी ऑफ पेन क्लिनिशियंस कॉन्फ्रेंस  2025 में विशेषज्ञों ने बताया—दवाओं से राहत न मिले तो यह तकनीक बड़ा सहारा



संजय गांधी पीजीआई   में आयोजित इंडियन सोसायटी ऑफ पेन क्लिनिशियंस कॉन्फ्रेंस (आईएसपीसीकॉन) 2025 में विशेषज्ञों ने न्यूरो-मॉड्यूलेशन  को कमर दर्द व गर्दन दर्द में राहत देने वाली सबसे उन्नत तकनीक बताया। पेन मेडिसिन विशेषज्ञ प्रो. संदीप खूबा और प्रो. सुजीत गौतम ने कहा कि जब लंबे समय तक दवाओं से आराम नहीं मिलता या दर्द बार-बार लौट आता है, तब न्यूरो-मॉड्यूलेशन अत्यंत प्रभावी विकल्प है।


उन्होंने बताया कि इस तकनीक में नसों पर हल्के इलेक्ट्रिक सिग्नल  दिए जाते हैं, जिससे दर्द के संकेत दिमाग तक कम पहुँचते हैं। इसके लिए एक छोटा डिवाइस लगाया जाता है, जो लगातार या जरूरत के अनुसार विद्युत तरंगें  भेजता है। इसमें बड़ी सर्जरी की आवश्यकता नहीं पड़ती और मरीज जल्दी सामान्य जीवन में लौट आता है। एनेस्थीसिया विभाग के प्रमुख प्रोफेसर संजय धीराज ने बताया कि  लाइफस्टाइल में गलत पोस्चर, लंबे समय तक बैठने और उम्र बढ़ने से कमर-गर्दन दर्द आम हो गया है—ऐसे में न्यूरो-मॉड्यूलेशन सुरक्षित और लंबे समय तक राहत देने वाला उपचार है।



डीएम इन पेन मैनेजमेंट पाठ्यक्रम की है जरूरत


सम्मेलन की थीम “डीनर्वेशन टू रेजेनरेशन  रही। उद्घाटन प्रो. पी.के. सिंह (पूर्व निदेशक, एम्स पटना – ऐम्-स) और प्रो. शालीन कुमार, डीन एसजीपीजीआईएमएस ने किया।

प्रो. सिंह ने एसजीपीजीआई में पेन मेडिसिन के विकास और डॉ. अनिल अग्रवाल के योगदान को सराहा। प्रो. शालीन कुमार ने कठिन दर्द स्थितियों और कैंसर रोगियों की देखभाल में पेन मेडिसिन यूनिट की भूमिका की प्रशंसा की।


आईएसपीसी के अध्यक्ष डॉ. सुजीत गौतम ने पेन मेडिसिन में संरचित प्रशिक्षण और मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रम शुरू करने की जरूरत पर जोर दिया। सचिव डॉ. अजीत कुमार ने डी.एम. पेन मेडिसिन  कार्यक्रम शुरू किए जाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।


वैज्ञानिक सत्रों में प्लेटलेट रिच प्लाज़्मा  थेरेपी, रेजेनरेटिव मेडिसिन , उन्नत डीनर्वेशन  तकनीकें, ट्राइजे़मिनल  इंटरवेंशन और अल्ट्रासाउंड-गाइडेड  प्रक्रियाओं के लाइव प्रदर्शन हुए।





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