फैकल्टी क्लब एसजीपीजीआई के समर कैंप का रंगारंग समापन
‘लखटकिया हाथी’ की प्रस्तुति ने दर्शकों को हंसाया भी, सोचने पर भी मजबूर किया
सांस्कृतिक, मानसिक और शारीरिक विकास के लिए हुआ बच्चों का बहुआयामी प्रशिक्षण
"एक राजा के पास एक हाथी था, जिसकी कीमत थी—लखटकिया! वह हाथी इतना खास था कि उसके भोजन, आवास और देखभाल में ही राज्य का खजाना खाली होने लगा। राजा के दरबारियों और प्रजा को यह सवाल सताने लगा कि आखिर इस ‘लखटकिया हाथी’ से क्या फायदा?" — जैसे ही यह दृश्य मंच पर आया, दर्शक हंसी से लोटपोट हो गए। लेकिन अगले ही पल कहानी ने सरकारी संसाधनों की बेतुकी बर्बादी पर गहरा व्यंग्य कसते हुए सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया।
निकिता नाथ ने रिपोर्टर, ईशानवी सिंह ने सिपाही, और शमीषा गुप्ता सहित अन्य बच्चों ने विभिन्न भूमिकाओं में जीवंत अभिनय कर इस प्रस्तुति को दर्शकों के लिए यादगार बना दिया। समर कैंप का मुख् आयोजन भावना चौहान ने किया जिसमें कई तरह की विकास के लिए प्रशिक्षकों के बीच समन्वय स्थापित करने के साथ आज के समारोह का सफल संचालन और समापन में मुख्य भूमिका रही। दीक्षा के नृ्त्य रघुवर तेरी राह निहारू........नृत्य पर लोगों खूब सराहा।
संजय त्रिपाठी और आदित्य कुमार शर्मा के निर्देशन में मंचित यह नाटक ‘लखटकिया हाथी’ समर कैंप के मुख्य आकर्षणों में से एक रहा।
फैकल्टी क्लब एसजीपीजीआई द्वारा आयोजित इस वार्षिक ग्रीष्मकालीन शिविर का समापन आज श्रुति सभागार में हुआ। शिविर में लगभग 100 बच्चों ने भाग लिया और विभिन्न कलाओं में प्रशिक्षण प्राप्त किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ संस्थान के निदेशक डॉ. आर. के. धीमान द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इसके बाद प्रस्तुतियों की श्रृंखला में नैना श्रीवास्तव के निर्देशन में कथक गुरुवंदना प्रस्तुत की गई। इसके पश्चात ‘मस्ती की पाठशाला’ और ‘हिरण्यकश्यप मर्डर केस’ जैसे नाटकों का मंचन हुआ, जिनका निर्देशन भी संजय त्रिपाठी और आदित्य कुमार शर्मा ने किया।
अश्वनी सिंह के निर्देशन में बच्चों ने बॉलीवुड गीत ‘झूमें जो पठान’ (जिसमें विहान सिन्हा ने विशेष प्रस्तुति दी) और ‘नगाड़ा’ पर जोशीला नृत्य किया।
अनामिका मिश्रा की देखरेख में शास्त्रीय गायन की ‘सरस्वती वंदना’ और ‘राधा ठुमक ठुमक’ प्रस्तुतियां दर्शकों को भावविभोर कर गईं।
अविरल मिश्रा के निर्देशन में बांसुरी पर ‘अच्युतम केशवम्’ की स्वरधुन ने वातावरण को मधुर बना दिया।
इसके अतिरिक्त योगाचार्य अनूप जी के मार्गदर्शन में योग प्रदर्शन, अश्वनी यादव के निर्देशन में शिल्प कला प्रदर्शन और खुशबू के निर्देशन में बेकिंग (पाक कला) का भी आकर्षक प्रदर्शन हुआ।
कार्यक्रम का संचालन दुर्गा और देविना ने किया। समापन के अंत में निदेशक डॉ. धीमान ने सभी प्रशिक्षकों और बच्चों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। दर्शकों ने रंगारंग प्रस्तुतियों से अभिभूत होकर खड़े होकर तालियों से बच्चों का उत्साहवर्धन किया।
शिविर में भाग लेने वाले प्रमुख बच्चों में शामिल रहे—आईजा, प्रणव, इशिता, वेदांत, अबीर, निकिता नाथ, संस्कृति, विहान सिन्हा, शमीषा गुप्ता, अश्विका, अनन्या, ईशानी, खुश, अर्नब, दिर्शिका, तनिष्का, अरिजीत, अश्विक, अनिकेत, अनाईशा, नंदिनी, अद्विता आदि।