बुधवार, 30 अगस्त 2023

Liver will be cured by plasma therapy-





 Liver will be cured by plasma therapy



Liver failure patients get relief from new therapy



Sanjay Gandhi PGI and King George medical  University have established new technology




Now plasma replacement therapy will give relief to liver failure patients. Sanjay Gandhi PGI and King George's Medical University have successfully tested this therapy. The initial results have proved to be very encouraging. Liver failure patients have got a lot of relief from this therapy. Research scientists have put this success in front of the world. There are very few treatment options for liver failure. Liver transplant is the only option. When scientists researched sixteen patients with liver failure, they saw that the level of a chemical marker indicating liver failure was improved along with a reduction in the discomfort due to liver failure. Sixteen patients aged 27 to 48 with liver failure were studied to see the effect of this therapy. One to three plasma exchange therapy treatments were given during days 11–25 of admission. Significant improvement in serum bilirubin, INR, creatinine levels was observed after therapy. Complete resolution of hepatic encephalo (HE) occurred in 31% of patients. 50% had a favorable result.



What is plasma exchange therapy



In plasma exchange therapy, the patient's plasma is removed and replaced with an equal amount of plasma collected from a healthy donor. Harmful antibodies, cytokines, chemical toxins present in the patient's body are removed.



This team established new technology




 Dr. Himanshu Dandu, Department of Medicine, King George's Medical University, Dr. Vivek Kumar, Internal Medicine, Dr. Amit Goel, Gastro Medicine, Sanjay Gandhi PGI, Dr. Dheeraj Khetan, Transfusion Medicine, Dr. Transfusion Medicine, King George's Medical University The research done by Tulika Chandra and Dr. Vipin Raj Bharti on A preliminary experience of plasma exchange therapy in liver failure has recently been accepted by the Association Journal of Transfusion Medicine.

मंगलवार, 29 अगस्त 2023

प्लाज्मा थेरेपी से चंगा होगा लीवर - संजय गांधी पीजीआई और मेडिलकल विवि ने मिल कर स्थापित किया तकनीक


  






प्लाज्मा थेरेपी से चंगा होगा लीवर 


नई थेरेपी से लीवर खराबी  मरीजों को मिली राहत


संजय गांधी पीजीआई और किंग जार्ज डिकल विवि ने स्थापित की नई तकनीक 





अब लिवर खराब मरीजों को प्लाज्मा रिप्लेसमेंट थेरेपी राहत देगा। संजय गांधी पीजीआई और किंग जार्ज मेडिकल विवि ने इस थेरेपी का सफल परीक्षण किया है। शुरुआती दौर के परिणाम काफी उत्साहित करने वाले साबित  रहे है। लिवर फेल्योर के मरीजों को इस थेरेपी से काफी राहत मिली है। इस सफलता को शोध वैज्ञानिकों ने दुनिया के सामने रखा है। लिवर फेल्योर के स्थिति में इलाज के बहुत ही कम विकल्प है। लिवर ट्रांसप्लांट ही विकल्प होता है। वैज्ञानिकों ने लीवर खराबी के सोलह मरीजों पर शोध किया तो देखा कि लिवर खराबी के कारण होने वाली परेशानी में कमी होने के साथ लिवर की खराबी बताने वाले रासायनिक मार्कर के स्तर में सुधार हुआ। लीवर खराबी के 27 से 48 आयु वर्ग के सोलह  मरीजों पर इस थेरेपी का प्रभाव देखने के लिए शोध किया गया।  भर्ती होने के  11-25 दिनों के दौरान एक से तीन  प्लाज्मा एक्सचेंज थेरेपी का इलाज दिया गया। थेरेपी के बाद सीरम बिलीरुबिन, आईएनआर , क्रिएटिनिन के स्तर  में काफी सुधार देखा गया। 31 फीसदी मरीजों में हिपेटिक इनसेफलो ( एचई)  का पूर्ण समाधान हुआ।  50 फीसदी में अनुकूल परिणाम  रहा।


क्या है प्लाज्मा एक्सचेंज थेरेपी


प्लाज्मा  एक्सचेंज थेरेपी में मरीज का प्लाज्मा निकालकर उसकी जगह उसी मात्रा में स्वस्थ रक्त दाता से एकत्र किए गए प्लाज्मा को ट्रांसफ्यूज( चढ़ाया ) किया जाता है। मरीज के शरीर में मौजूद हानिकारक एंटीबॉडी , साइटोकाइन, रासायनिक विषैले तत्व निकल जाते है।


 


इस टीम स्थापित किया नई तकनीक


 किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के मेडिसिन विभाग के डा. हिमांशु दांडू, इंटरनल मेडिसिन से डा.  विवेक कुमार, संजय गांधी पीजीआई के गैस्ट्रो मेडिसिन के डा.  अमित गोयल,  ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन के  डा.  धीरज खेतान,  किंग जार्ज मेडिकल विवि के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन से डा.  तूलिका चंद्रा एवं डा. विपिन राज भारती ने ए प्रीमिलनरी एक्सपीरिएंस आफ प्लाज्मा एक्सजेंच थिरेपी इन लिवर फेल्योर विषय़ पर हुए शोध को एसिएशन जर्नल आफ ट्रांसफ्यूनजन मेडिसिन ने हाल में स्वीकार किया है

आरएसएस दक्षिण भाग ने मनाया रक्षाबंधन उत्सव





  राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ दक्षिण भाग लखनऊ द्वारा रक्षाबंधन की पूर्व संध्या पर रक्षाबन्धन  उत्सव, एल.पी.एस., आशियाना में बड़े धूमधाम से मनाया गया जिसमे भरी संख्या में मातायें, बहनें व स्वयं सेवक सपरिवार एकत्र  हुए ।  कार्यक्रम में परम पवित्र भग्वध्वज को  रक्षा सूत्र बांध कर देश की एकता व अखण्डता बनाये रखने के  प्रति समर्पण व्यक्त किया गया |अवसर पर भाग संघचालक  सुभाष जी भाग कार्यवाह श्री धीरेन्द् जी, अनिल जी, अजीत जी, अमन जी, देवेंद्र जी, राम कुमार जी, कर्मवीर जी, शुभम जी  सहित तथा समस्त नगरो के  सैकड़ो कार्यकर्ता,स्वयं सेवक ने भाग लिया। इस मौके पर तुलसी जी के पौधे का वितरण किया गया। 

कार्यक्रम की अध्यक्षता  श्री संजीव जैन मुख्य संयोजक जैन धर्म    लखनऊ द्वारा की गयी। अपने आशीर्वचन में उन्होंने कहा कि रक्षाबन्धन उत्सव समाज को समरस व उसमे एकरूपता बनाये रखने वाला पर्व है और समाज में ऐसे उत्सव निरन्तर मनाते रहना चाहिए | 

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता श्री विरेन्द्र जायसवाल जी क्षेत्र कार्यवाह, पूर्वी  उत्तर प्रदेश ने अपने उदबोधन में कहा  कि रक्षाबन्धन उत्सव संघ के छः उत्सवों  में एक है जो  आपसी सदभाव बढ़ाने व ऊंच नीच का भेदभाव समाप्त करने वाला  उत्सव है। उन्होंने कहा कि पहले केवल कर कर के आधार पर वर्ण व्यवस्था थी जो अब खंड-खंड जातियों में बट गई है हिंदुओं को एक होकर के रहना पड़ेगा। जब तक समाज के सभी वर्ग का विकास नहीं होगा तब दूसरे का विकास नहीं कर पाएंगे। 

रक्षाबन्धन उत्सव समाज के ह्रदय को जोड़ने का रक्षा सूत्र है | ईश्वर रूपी समाज की चिन्ता करना संघ का लक्ष्य व कार्य है  इसलिए संघ कार्य ईश्वरीय कार्य है | श्री वीरेंद्र जी ने बताया कि संघ के 6 उत्सवों में रक्षाबन्धन उत्सव प्रमुख उत्सव है | राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का दृष्टिकोण उसके शब्द शब्द और व्यवहार के निर्वाह से परिलक्षित होता है | समाज के बीच रहते हुए सबको विशिष्ट दायित्वबोध कराने की परम्परा को संजोए हुए संघ के सभी वार्षिक उत्सव भी अपने आप में एक सामाजिक आंदोलन और सांस्कृतिक समरसता के पर्याय सरीखे हैं



सोमवार, 28 अगस्त 2023

पीजीआई और अंबेडकर विवि देश में पहली तैयार करेंगे विशेषज्ञ

 




पीजीआई और अंबेडकर विवि देश में पहली तैयार करेंगे विशेषज्ञ


ट्रांसप्लांट कोआर्डीनेटक, स्टरलाइजेंशन सहित अन्य की शुरू होगी पढाई


दो साल के पाठ्यक्रम में होगी सैद्धांतिक और प्रेक्टिकल पढाई  


 


संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान और बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय देश में पहली बार अस्पताल की सेवाओं से जुड़े चार विशेष पाठ्यक्रम शुरू करने जा रहा है। यह पाठ्यक्रम दो साल के होंगे एक साल सैद्धांतिक और एक साल प्रैक्टिकल होगा जिसमें दोनों संस्थान सहयोग करेंगे। चार सेमेस्टर में कोर्स पूरा होगा। पहले और तीसरे सेमेस्टर की पढ़ाई अम्बेडकर विवि में दूसरे और चौथे सेमेस्टर की पढ़ाई संस्थान में होगी। 


 संस्थान के अस्पताल प्रशासन विभाग के प्रमुख प्रो. राजेश हर्षवर्धन के मुताबिक पाठ्यक्रम की रूपरेखा तैयार कर लिया गया है। किसी भी अस्पताल में ओटी , वार्ड में जो कपडे ( लेनिन) इस्तेमाल होते है वह स्वच्छ  होना चाहिए। इसके लिए विशेष मैनेजमेंट की जरूरत होती है। इसी तरह ओटी, वार्ड में तमाम उपकरणों का इस्तेमाल होता है जो स्टेरलाइज होना चाहिए। इसका खास तरीका होता है । अंग प्रत्यारोपण के लिए विशेष प्रशिक्षित कोआर्डीनेर की जरूरत होती है जिसे तमाम कानूनी पहलू के साथ व्यवहारिक ज्ञान होना चाहिए। अस्पताल में मरीज का रिकॉर्ड होता है जिसमें रिपोर्ट , केस हिस्ट्री होती है इसका रखरखाव बहुत ही अच्छे तरीके से होना चाहिए। देश में कही भी इसके विशेषज्ञ तैयार नहीं किए जाते है।




इन पाठ्यक्रमों की होगी पढ़ाई  


 इसकी जरूरत को देखते हुए एडवांस डिप्लोमा इन ट्रांसप्लांट कोर्डिनेटर सर्विस मैनेजमेंट, एडवांस डिप्लोमा इन सेंट्रल  इस्टेरलाइजेशन सप्लाई सर्विस, एडवांस डिप्लोमा इन हॉस्पिटल लिनन एंड लॉन्ड्री सर्विस मैनेजमेंट, एडवांस डिप्लोमा इन मेडिकल रिकॉर्ड सर्विस मैनेजमेंट शुरू करने का फैसला लिया गया है।  संस्थान के अस्पताल प्रशासन विभाग और बीबीएयू के स्कूल ऑफ वोकेशनल स्टडीज ने समझौता हुआ है।

गुरुवार, 24 अगस्त 2023

चार गुणा तीन सेमी का दांत सहित मसूड़ा निकाल कर दी राहत

 

चार गुणा तीन सेमी का दांत सहित मसूड़ा निकाल कर दी राहत


 हाई रिस्क इंटरवेंशन एंडोस्कोपी तकनीक को पीजीआई ने अंजाम



एक साल से निवाला निगलने में हो रही थी परेशानी


दांत खाने की नली की भित्ति को कर गए 


एक साल बाद अब 50 वर्षीय हफीजा बिना दर्द के रोटी का निवाला ले सकेगी। संजय गांधी पीजीआई के गैस्ट्रोइंटेरोलाजिस्ट और उनकी टीम ने खाने के नली के मुहाने पर फंसे चार गुणा तीन सेंटीमीटर का मसूड़ा दांत सहित फंसा था जिसकी वजह से वह खाना बहुत मुश्किल से खा पा रही थी।  निवाला निगलने समय गले में दर्द होता था।  किसी तरह से रोटी भिगाकर या केवल दाल पी कर जिंदगी चला रही थी। छत्तीसगढ़ में सर्जरी के लिए भर्ती हुई थी। उसी समय मुंह में ट्यूब डालते समय यह अंदर चला गया ।  डॉक्टर ने कोशिश किया लेकिन नहीं निकला। इलाज के लिए कई डॉक्टरों का चक्कर लगाया।  राहत नहीं मिली। भटकने के बाद बीएचयू पहुंची तो वहां के डॉक्टर ने सलाह दिया कि पीजीआई चली जाए वहां पर इलाज हो सकता है।  हफीजा कहती है कि हम लोगों को यहां के बारे में की जानकारी नहीं थी। पता कर यहां पहुंचे। डाक्टर ने सीटी स्कैन कराया जिसके बाद बताया कि इसका इलाज सर्जरी ही है , लेकिन इंटरवेंशन एंडोस्कोपी से कोशिश करते है।  बिना सर्जरी इलाज हो जाए फिर भी सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है। हम लोग हर जगह से हार गए थे इसलिए कह दिए साहब जैसे भी ही परेशानी खत्म हो। हम लोगों के पास पैसा भी नहीं था। बुधवार के देर शाम बिना सर्जरी के ही मसूड़े़ को निकाल दिया।  राहत मिल गयी।


 


दांत खाने की नली की भित्ति के आर-पार


 


टीम लीडर गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट  प्रो. प्रवीर राय के मुताबिक एंडोस्कोपी से निकाले में रिस्क था क्योंकि डेंचर( दांत सहति मसूड़ा) खाने के नली के ऊपरी हिस्से में फंसा था। दांत एक तरह खाने की नली की भित्ति के अंदर से आर-पार हो गया था जिसकी वजह से संक्रमण और सूजन था। इंडो स्कोप से निकालने पर भित्ति में छेद रहता जिससे हवा निकलने की आशंका रहती है यह स्थिति गंभीर हो सकती थी। इसलिए हमने गैस्ट्रो सर्जन का भी बैकअप लिया कि कोई परेशानी होने पर तुरंत सर्जरी की जा सके।


 


इंडोस्कोप से निकाला डेंचर


 हम लोगों ने इंडोस्कोप से पहले फोरसेप से डेंचर को पकड़ा फिर निकाला । खाने की नली के छेद हवा बहुत काम पास हुई कोई परेशानी नहीं हुई। गले में इंजरी है इसलिए राइस ट्यूब डाल दिया गया है। सब कुछ नॉर्मल है कल तक छुट्टी दे दी जाएगी।   


 


इस टीम ने दिया अंजाम


प्रो. प्रवीर राय की अगुवाई में डा. पंकज, डा. कार्तिक अग्रवाल, नर्सिंग ऑफिसर शशि, नर्सिंग ऑफिसर सुमन , पेशेंट हेल्पर किरण

मंगलवार, 22 अगस्त 2023

शिव जी के पांच पुत्री का नाम से होगा कल्याण

 




इनके नाम है जया, विषहर, शामिलबारी, देव और दोतलि है. शिव जी के पांच पुत्री का नाम से होगा कल्याण। सर्प दंश और बुरे सपने से मिलेगा छुटकारा। 



शिव की बेटियों से अनजान थीं माता पार्वती



माता पार्वती को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी पर भगवान शिव इन नाग कन्याओं पर गणेश और कार्तिकेय की तरह ही प्रेम लुटाते हैं. वे हर दिन ब्रह्म मुहूर्त में सरोवर के पास जाकर पांच नाग कन्याओं से मिलते थे और उनके साथ खेलते थे. एक दिन माता पार्वती को संदेह हुआ कि शिव बिना बताए रोज सुबह कहां जाते हैं. एक दिन वह शिव का पीछा करते हुए सरोवर पहुंची और वहां भोलेनाथ को नाग कन्याओं के साथ पिता के समान स्नेह करते हुए देख क्रोधित हो उठीं.



देवी पार्वती हुईं क्रोधित



क्रोध के वशीभूत होकर उन्होंने पांचों नाग कन्याओं को मारना चाहा. जैसे ही उन्होंने मारने के लिए पैर उठाया तभी भोलेनाथ ने उन्हें रोक दिया और पुत्रियों के जन्म की सारी कथा बताई. भोलेनाथ ने कहा कि सावन मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन जो इन नाग कन्याओं की पूजा करेगा, उनके परिवार को सर्पदंश का भय नहीं रहेगा, घर में अन्न-धन के भंडार भरे रहेंगे.

मंगलवार, 15 अगस्त 2023

Sanjay Gandhi PGI Institute administration honored staff and officers

 










On the occasion of Independence Day, the Sanjay Gandhi PGI Institute administration honored all the staff officers of the institute for their distinguished work, including Tutor Alice Joseph from College of Nursing, DNS Ritija Singh from Department of Neurology, New OPD Incharge DNS KD. Rastogi, ANS Kripal Singh from CVTS ICU, ANS Savitri Sachan from General Hospital, ANS Sosa Kutty Wilson from Urology OT, ANS Anita Singh from Hemato, Nursing Officer Dikhil from Hospital Administration, Senior Nursing from Pediatric Surgery. N Officer Neetu Singh, Chief Technical Officer from Nephrology Department Anil Kumar Verma, Senior Technical Officer DK Singh from Cardiology Department, Ajay Kumar Dixit Senior Technical Officer from Micro, Indrasen Senior Technical Officer from Pathology Department, Abhay Kumar Senior Technical Officer from Radiology Department, from  Transfusion medicine Senior Administrative Officer  Devendra Kumar Pandey, Senior Administrative Officer from JDA Legal Cell Mohammad Imran, Senior Administrative Officer from Plastic Surgery Department SM Rizvi, Senior Administrative Officer from Pulmonary Medicine Shiv Shankar Kushwaha, Store Officer from JDM Department Arvind Agarwal, Finance Officer Manoj Kumar Srivastava, Junior Account Officer Vipul Saxena from Neuro Surgery Department, Personal Assistant Savitri M Joseph from CMS Office, Assistant Teacher Renu Garg from Nursing School, Senior Operator Ashok Kumar Singh from Engineering Department, Vehicle Driver Murtaza Hussain, Horticulture Department. Mali Rampyari from CCS, Assistant Ramkumar from CCS, Vijay Kumar, Assistant from Biomedical Engineering, Meva Lal, Assistant from Endo Surgery, Jyoti Prakash Mishra, Cashier from HRF, Data Entry Operator Somu Dutt from Registrar Office, Sanitation worker Rakesh from Endocrine Department, besides these. Retired Assistant Commandant Dhruv Chaudhary from the Security Department, security guards Basant Lal Amarendra Kumar, Yogendra Kumar Singh and Nandan Singh were honored by the director by giving them a memorial letter. Ex  General Secretary  Federation Dharmesh Kumar, President of Meditech Association, DK Singh, General Secretary, Saroj Verma, Nursing Association President Lata Sachan, General Secretary Vivek Sharma , Employees Federation General Secretary Ramkumar Sinha, President Jitendra Yadav, NSA Ex president  Seema shukla gave best wishes These employee leaders said that this tradition increases the morale of the employees.

संजय गांधी पीजीआई के 32 कर्मचारी अधिकारी हुए सम्मानित पांच सुरक्षा कर्मियों को भी किया निदेशक ने सम्मानित

 





स्वतंत्रता दिवस के मौके पर संजय गांधी पीजीआई संस्थान प्रशासन ने संस्थान के तमाम कर्मचारियों अधिकारियों को उनके विशिष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया जिसमें कॉलेज आफ नर्सिंग से ट्यूटर एलिस जोसेफ, न्यूरोलॉजी विभाग से डी एन एस रितिजा सिंह, न्यू ओपीडी से इंचार्ज डी एन एस केडी रस्तोगी , सीवीटीएस आईसीयू से ए एन एस कृपाल सिंह, सामान्य अस्पताल से ए एन एस  सावित्री सचान, यूरोलॉजी ओटी से ए एन एस सोसा कुट्टी  विल्सन, हेमेटो  से ए एन एस  अनीता सिंह,  अस्पताल प्रशासन से नर्सिंग ऑफिसर दिखिल ,पीडियाट्रिक सर्जरी से सीनियर नर्सिंग ऑफीसर नीतू सिंह, नेफ्रोलॉजी विभाग से चीफ टेक्निकल ऑफीसर अनिल कुमार वर्मा, कार्डियोलॉजी विभाग से सीनियर टेक्निकल ऑफीसर डीके सिंह, माइक्रो से सीनियर टेक्निकल ऑफीसर  अजय कुमार दीक्षित, पैथोलॉजी विभाग से सीनियर टेक्निकल ऑफीसर इंद्रसेन, रेडियोलोजी विभाग से सीनियर टेक्निकल ऑफीसर अभय कुमार , ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन से वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी देवेंद्र कुमार पांडे  जेडीए लीगल सेल से वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी मोहम्मद इमरान,  प्लास्टिक सर्जरी विभाग से वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी एस  एम रिजवी,पलमोनरी मेडिसिन से वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी शिव शंकर कुशवाहा, जेडीएम विभाग से स्टोर ऑफिसर अरविंद अग्रवाल,  फाइनेंस से अकाउंट ऑफिसर मनोज कुमार श्रीवास्तव, न्यूरो सर्जरी विभाग से जूनियर अकाउंट ऑफिसर विपुल सक्सेना,  सीएमएस ऑफिस से पर्सनल असिस्टेंट सावित्री एम जोसेफ,  नर्सिंग स्कूल से सहायक टीचर रेनू गर्ग , इंजीनियरिंग विभाग से सीनियर ऑपरेटर अशोक कुमार सिंह,  व्हीकल  से वाहन चालक मुर्तजा हुसैन , हॉर्टिकल्चर विभाग से माली रामप्यारी , सीसीएस से सहायक रामकुमार , बायोमेडिकल इंजीनियरिंग से सहायक विजय कुमार , इंडो सर्जरी से सहायक मेवा लाल, एच आर एफ  से कैसियर ज्योति प्रकाश मिश्रा, रजिस्टार ऑफिस से डाटा एंट्री ऑपरेटर सोमू दत्त, एंडोक्राइन विभाग से स्वच्छता कर्मचारी राकेश, इनके अलावा सुरक्षा विभाग से रिटायर्ड असिस्टेंट कमांडेंट ध्रुव चौधरी सुरक्षा गार्ड बसंत लाल अमरेंद्र कुमार योगेंद्र कुमार सिंह और नंदन सिंह को निदेशक ने स्मृति पत्र देकर सम्मानित किया। सम्मानित कर्मचारियों अधिकारियों को कर्मचारी महासंघ के पूर्व महामंत्री धर्मेश कुमार मेडिटेक एसोसिएशन के अध्यक्ष डीके सिंह महामंत्री सरोज वर्मा नर्सिंग एसोसिएशन की अध्यक्ष लता सचान महामंत्री विवेक शर्मा कर्मचारी महासंघ के महामंत्री रामकुमार सिन्हा अध्यक्ष जितेंद्र यादव, नर्सिंग एसोसिशन की पूर्व अध्यक्ष सीमा शुक्ला ने शुभकामनाएं दी इन कर्मचारी नेताओं ने कहा कि इस परंपरा से कर्मचारियों का मनोबल बढ़ता है।

रविवार, 13 अगस्त 2023

एक व्यक्ति दे सकता है 8 लोगों को जीवन भ्रांतियों के कारण लोग नहीं कर रहे हैं अंगदान

 




विश्व अंगदान दिवस पर पीजीआई में वॉक थान एवं जागरूकता कार्यक्रम


एक व्यक्ति दे सकता है 8 लोगों को जीवन


भ्रांतियों के कारण लोग नहीं कर रहे हैं अंगदान




अपेक्स ट्रामा सेंटर पीजीआई में  एक परिवार का परिजन ब्रेन डेथ का शिकार हो गया।  काउंसलिंग के बाद परिजन अंगदान को तैयार भी हो गए, लेकिन परिजनों ने कहा कि वह अपने धर्म गुरु जी से पूछ ले।  गुरु  जी कहा कि  जो अंग इस समय निकाल लेंगे वह अंग अगले जन्म में इस व्यक्ति के पास नहीं होगा।   परिवार अंगदान से मुकर गया ऐसी ही तमाम भ्रांतियों के कारण परिजन अंगदान के लिए तैयार नहीं होते हैं।  संजय गांधी पीजीआई के नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रोफेसर नारायण प्रसाद  एवं स्टेट आर्गन ट्रांसप्लांट सोसाइटी के संयुक्त निदेशक एवं अस्पताल प्रशासन विभाग के प्रमुख प्रो राजेश हर्षवर्धन ने बताया कि ब्रेन डेथ के शिकार 20 से 25 फ़ीसदी लोग के परिजन भ्रांतियों के कारण अंगदान को तैयार नहीं होते हैं।  यह एक भ्रांति है ऐसा कुछ नहीं है कि अगले जन्म में उसकी कमी होगी ऐसे ही तमाम भारतीयों के प्रति जागरूक करने के लिए संस्थान ने अंगदान जागरूकता अभियान शुरू किया है इसी के तहत रविवार को वॉक थान का आयोजन किया । जीवन के उपहार जागरूकता कार्यक्रम में प्रो अनुपमा कौल, प्रोफेसर धर्मेंद्र भदोरिया, प्रोफेसर रवि शंकर कुशवाहा, प्रोफ़ेसर मानस रंजन पटेल, मेडिकल सोशल सर्विस ऑफीसर एवं ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर विजय सोनकर , वरिष्ठ सहायक संतोष  वर्मा , वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी महेश कुमार ,सहित अन्य लोगों ने भाग लिया इस मौके पर पूर्व ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर पुष्पा सिंह विभाग के पूर्व प्रमुख प्रोफेसर अमित गुप्ता को विशेष रुप से निदेशक ने सम्मानित किया। 

अंग और ऊतक दान के क्षेत्र में चिकित्सा विज्ञान में निरंतर प्रगति के साथ, अब यह स्थापित हो गया है कि एक व्यक्ति के अंग दान से 8 लोगों की जान बचाने की क्षमता है। अंग दाताओं की कमी के कारण प्रत्यारोपण की आवश्यकता वाले रोगियों की प्रतीक्षा सूची में वृद्धि भी है।



अंगो की कमी के कारण नहीं हो पा रहा है ट्रांसप्लांट


प्रो नारायण प्रसाद ने बताया  जिन रोगियों को प्रत्यारोपण की आवश्यकता  और भारत में उपलब्ध अंगों के बीच एक बड़ा अंतर है।  भारत में प्रतिवर्ष लगभग 2 लाख मरीज़ों की लिवर फेल्योर या लिवर कैंसर से मृत्यु हो जाती हैं, जिनमें से लगभग 10 - 15 फीसदी को समय पर लिवर प्रत्यारोपण से बचाया जा सकता था।  भारत में सालाना लगभग

25 - 30 हजार लिवर प्रत्यारोपण की आवश्यकता होती है, लेकिन केवल लगभग 1,500 ही किए जा रहे हैं। इसी प्रकार, लगभग 500,000 व्यक्ति प्रतिवर्ष हृदय विफलता से पीड़ित होते हैं, लेकिन भारत में हर वर्ष लगभग 10-15 हृदय प्रत्यारोपण ही किए जाते हैं। पूरे भारत में लोगों को किडनी, लीवर, हृदय, कॉर्निया और फेफड़े के प्रत्यारोपण की अत्यधिक आवश्यकता है।



प्रदेश में 9 साल में केवल 32 ब्रेन डेथ का हुआ अंग दान



उत्तर प्रदेश (यू.पी.) राज्य में अंग दान का परिदृश्य 2015 से 32 मृत दाताओं और 1,876 जीवित दाताओं का है।

राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (एनओटीटीओ) के राष्ट्रीय आंकड़ों के अनुसार, 1995 के बाद से, केवल 2,546 लोगों ने अपनी मृत्यु के बाद अपने अंग दान किए। 34,094 लोगों ने जीवित रहते हुए अपने अंगों को दान करने का विकल्प चुना।  




पीजीआई ह्रदय प्रत्यारोपण को तैयार



सीवीटीएस विभाग के प्रमुख 

प्रो एसके अग्रवाल बताया कि उनका विभाग हृदय प्रत्यारोपण के लिए पूरी तरह तैयार है।   जीवित दाता के माध्यम से हृदय प्रत्यारोपण नहीं किया जा सकता है। यह केवल ब्रेन स्टेम डेथ डोनर्स के माध्यम से ही संभव है। उपयुक्त डोनर पाने के लिए संस्थान किसी भी समय हृदय प्रत्यारोपण के लिए पूरी तरह से तैयार है

People are not donating organs due to misconceptions

 Walkthon and Awareness Program at PGI on World Organ Donation Day







One person can give life to 8 people


People are not donating organs due to misconceptions




A family member became a victim of brain death at Apex Trauma Center PGI. After counselling, the relatives agreed to donate the organs, but the relatives asked them to ask their religious guru . Guru ji said that the organ which is taken out at this time will not be with this person in the next life. The family turned away from organ donation Due to all such misconceptions, the family members are not ready for organ donation. Professor Narayan Prasad, Head of Department of Nephrology, Sanjay Gandhi PGI and Joint Director of State Organ Transplant Society and Head of Hospital Administration, Prof. Rajesh Harshvardhan told that 20 to 25 percent of brain death victims' relatives are not ready for organ donation due to misconceptions. Are. This is a misconception, there is nothing that it will be lacking in the next life. To make all Indians aware, the institute has started an organ donation awareness campaign, under this a walk was organized on Sunday. Prof. Anupama Kaul, Professor Dharmendra Bhadoria, Professor Ravi Shankar Kushwaha, Professor Manas Ranjan Patel, Medical Social Service Officer and Transplant Coordinator Vijay Sonkar, Senior Assistant Santosh Verma, Senior Technical Officer Mahesh Kumar, and others participated in the gift of life awareness program On this occasion, former transplant coordinator Pushpa Singh, former head of the department, Professor Amit Gupta, was specially honored by the director.

With the continuous advancement in medical science in the field of organ and tissue donation, it is now established that organ donation from one person has the potential to save up to 8 lives. There is also an increase in the waiting list for patients needing transplants due to a shortage of organ donors.



Transplant is not being done due to lack of organs


Prof Narayan Prasad pointed out that there is a huge gap between the patients who need transplant and the organs available in India. About 2 lakh patients die of liver failure or liver cancer every year in India, out of which about 10 - 15% could have been saved with timely liver transplant. About 25 - 30 thousand liver transplants are required annually in India, but only about 1,500 are being performed. Similarly, about 500,000 people suffer from heart failure every year, but only about 10-15 heart transplants are performed in India every year. There is an acute need for kidney, liver, heart, cornea and lung transplants across India.


 In 9 years only 32 brain dead organ donation was done in the state



The organ donation scenario in the state of Uttar Pradesh (U.P.) is 32 deceased donors and 1,876 living donors as of 2015.

According to national statistics from the National Organ and Tissue Transplant Organization (NOTTO), since 1995, only 2,546 people donated their organs after their death. 34,094 people chose to donate their organs while alive.




PGI ready for heart transplant



Head of CVTS Department

Prof SK Aggarwal said that his department is fully prepared for heart transplant. A heart transplant cannot be done through a living donor. This is possible only through brain stem death donors. The institute is fully prepared for heart transplant at any point of time to get a suitable donor.

शुक्रवार, 11 अगस्त 2023

भारत में केवल 6 फीसदी को बोलने आती है अंग्रेजी ....अंग्रॅेजी के कारण पिछड़ रहे है बच्चे

 




लोक फाउंडेशन और ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी ने एक सैंपल सर्वे के जरिए भारत में अंग्रेजी की डेमोग्रैफी समझने की कोशिश की। यह वाकई रोचक है कि अंग्रेजी को लेकर जो निष्कर्ष सामने आए, वे समाज में इस भाषा को लेकर प्रचलित आम धारणा के अनुरूप ही हैं। 

देश के सिर्फ 6 प्रतिशत लोग अंग्रेजी बोल सकते हैं, जबकि 2011 की जनगणना में 10 प्रतिशत लोगों ने कहा था कि वे अंग्रेजी बोल लेते हैं। अंग्रेजी अभी भी मुख्यत: शहरों की भाषा है। सर्वे में शामिल 12 प्रतिशत शहरी लोग अंग्रेजी बोलने वाले थे जबकि सिर्फ 3 फीसदी ग्रामीण अंग्रेजी बोलने में सक्षम थे। 

अंग्रेजी का सीधा संबंध वर्ग से है

 सर्वे में शामिल 41 पर्सेंट अमीर लोग अंग्रेजी बोल सकते थे जबकि सिर्फ 2 फीसदी गरीबों को अंग्रेजी आती थी।इसका संबंध शिक्षा से भी है। सर्वे में शामिल ग्रेजुएट्स में से एक तिहाई ही इसे बोल सकते थे। इसके जातीय और धार्मिक आयाम भी हैं। 15 फीसदी ईसाई अंग्रेजी बोल सकते हैं जबकि 6 प्रतिशत हिंदू और सिर्फ 4 प्रतिशत मुस्लिम अंग्रेजी बोल लेते हैं। 

अंग्रेजी बोलने वाले अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों की संख्या ऊंची जाति के लोगों की एक तिहाई है। यानी अगर ऊंची जाति के 10 लोग अंग्रेजी बोलते हैं तो एस/एसटी समुदाय के सिर्फ 3 लोग अंग्रेजी बोलते हैं। इसी तरह महिलाओं से ज्यादा पुरुष और अधेड़ों से ज्यादा युवा अंग्रेजी बोलते हैं। दिल्ली और हरियाणा जैसे समृद्ध राज्य में अंग्रेजी बोलने वाले ज्यादा हैं। उसी तरह गोवा और मेघालय जैसे ईसाई राज्यों में। असम इसका अपवाद है जहां कम आय और कम ईसाई जनसंख्या के बावजूद अंग्रेजी बोलने वाले ठीकठाक संख्या में हैं।शहरों में रहने वाले ऊंची जाति के शिक्षित और अमीर लोग हमारी व्यवस्था में लगातार आगे बढ़ रहे हैं। उनके बच्चे उच्च शिक्षा, अच्छी नौकरी या व्यवसाय में तमाम अवसर हासिल कर रहे हैं। उनकी तुलना में गांवों के लोगों को खासकर गरीब, पिछड़े, दलित और आदिवासियों को कम मौके मिल रहे हैं। वे अंग्रेजी शिक्षा से वंचित इसलिए हैं कि यह शिक्षा महंगी है। 

गुरुवार, 10 अगस्त 2023

अब पीजीआई में मरीज खून व पेशाब के नमूने चार बजे तक दे सकेंगे

 


अब पीजीआई में मरीज खून व पेशाब के नमूने चार बजे तक दे सकेंगे

मरीजों को राहत

 

-इससे 30 फीसदी मरीजों को जांच के लिए अगले दिन आना पड़ता था

-ओपीडी में रोज नए और पुराने करीब 2500 मरीज आते हैं

 सुविधा

 

 

अब संजय गांधी  पीजीआई की ओपीडी के मरीज के जांच के नमूने शाम चार बजे तक दे सकेंगे। ओपीडी स्थित सैंपल कलेक्शन सेंटर  में चार बजे  तक नमूने लिये जाएंगे। इससे 30 फीसदी मरीजों को जांच के लिए अगले दिन पीजीआई नहीं आना पड़ेगा। संस्थान प्रशासन ने ओपीडी मरीजों की सहूलियत को लेकर यह कदम उठाया है।

संस्थान की नवीन ओपीडी में रोजाना नए और पुराने औसतन 2500 मरीज आते हैं। ओपीडी के सैंपल कलेक्शन सेंटर में रोजाना 1300 मरीज के जांच के नमूने लिए जाते हैं।  अभी तक नमूने लेने का समय दोपहर 2:45 बजे तक था। जिसे संस्थान प्रशासन ने बढ़ाकर शाम चार बजे तक कर दिया है। जांच के नमूने लेना का समय सवा घंटा बढ़ाने से मरीजों को बड़ी राहत मिली है।

पीजीआई के नवीन ओपीडी स्थित सैंपल कलेक्शन सेंटर के प्रभारी आरसी वर्मा का कहना है कि बढ़े हुए समय के अनुसार सुबह आठ से शाम चार बजे तक मरीजों के जांच के नमूने लिए जा रहे हैं।

 

गंभीर मरीज रात आठ बजे तक दे सकते हैं नमूने

आरसी वर्मा का कहना है कि 24 लैब में जांच वाले मरीजों के नमूने रात आठ बजे तक लिए जाने की सुविधा। इनके जांच फार्म पर बकायदा 24 लैब लिखा होगा। ओपीडी के डॉक्टर मरीज के पर्चे पर लिखकर देंगे।  इसकी रिपोर्ट दो घंटे में मरीज को मुहैया करा दी जाती है

मंगलवार, 8 अगस्त 2023

Entero virus, adeno virus and human herpes virus are giving pain to the eyes.

 PGI's Ophthalmology Department and Microbiology Department together found out the reason








 


 There has been a sudden increase in the number of patients of conjunctivitis and eye flu amid heavy rains. The outbreak has further increased due to increase in humidity and temperature in the environment. In Lucknow city, an increase in cases of conjunctivitis has been reported by both private and government ophthalmologists.


10 to 12 cases daily


Rachna Aggarwal, Associate Professor, Department of Ophthalmology, Sanjay Gandhi PGI, said that every day 10 to 12 cases of conjunctivitis are coming in the Ophthalmology OPD, in which there is a complaint of eye pain, watery, stickiness along with swollen eyelids in the morning. Most cases have mild symptoms and respond well to treatment. The outbreak has prompted health officials to take swift action to combat the situation.


research to find the cause


 Dr. Ankita Aishwarya from the Department of Ophthalmology collected conjunctival swabs from patients with conjunctivitis and sent them to the virology laboratory of the Department of Microbiology to determine the identity of the causative agent and the extent of the outbreak.


 Study of 11 viruses


  Atul Garg, Department of Microbiology, examined viral culture and multiplex real time PCR. Tested 11 viruses including Adenovirus, Enterovirus, Herpes simplex, Varicella zoster, Human Herpes virus-6 etc. as causative agents of viral conjunctivitis. Dr. Garg said that most of the cases were of entero virus, followed by adeno virus and human herpes virus. Enteroviruses and adenoviruses are the most common causes of viral conjunctivitis worldwide.


Entero virus, adeno virus and human herpes virus are giving pain to the eyes.


 Take this precaution, relief in two weeks


Professor Vikas Kanojia, Head of the Department of Ophthalmology advised frequent hand washing and refraining from touching your face and eyes. He further explained that viral infection of the eyes is self-limiting and the person can recover within one to two weeks. However, there is a very small chance of a secondary bacterial infection causing a delay in recovery. “In such cases, the use of antibiotic eye drops is recommended.


Do not use steroid eye drops


 Dr. Rachna and Dr. Vikas cautioned against indiscriminate use of steroid eye drops. Over the counter steroids should not be used unless advised by an ophthalmologist for specific indications. If there is redness in the eyes for a long time, then definitely see a specialist.



परिषद ने मुख्य सचिव कार्मिक से मिलकर आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन सहित अन्य मुद्दों पर की चर्चा

 



राज कर्मचारी संयुक्त परिषद ने मुख्य सचिव कार्मिक से किया मुलाकात

आउटसोर्स कर्मचारी के वेतन के अलावा कई मुद्दों पर हुई चर्चा




राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे  एन तिवारी ने

8 अगस्त 2023 को अपर मुख्य सचिव कार्मिक से उनके कार्यालय कक्ष में मुलाकात कर कर्मचारियों की महत्वपूर्ण मांगों पर  चर्चा किया।

1_ आउटसोर्स  कर्मचारियों के लिए न्यूनतम मानदेय का निर्धारण किया जाना। 

 प्रदेश के आउटसोर्स कर्मचारी उपेक्षा के शिकार है ।उनकी सेवा शर्तों के निर्धारण एवं न्यूनतम वेतन दिए जाने के संबंध में अपर मुख्य सचिव जी  से विस्तार से विचार विमर्श हुआ। आउटसोर्स कर्मचारियों के न्यूनतम मानदेय के संबंध में माननीय मुख्यमंत्री जी के स्तर पर बैठक हो चुकी है। अपर मुख्य सचिव ने आश्वस्त किया कि पुनः बैठक करके निर्णय कराया जाएगा।

2_ समाज कल्याण एवं जनजाति विकास विभाग के संविदा कर्मियों का निर्मितिकरण_†

 अपर मुख्य सचिव से  समाज कल्याण एवं जनजाति विकास विभाग के संविदा कर्मियों के नियमितीकरण पर चर्चा हुई । अपर मुख्य सचिव ने समाज कल्याण के प्रमुख सचिव को  औचित्य पूर्ण प्रस्ताव प्रेषित किए जाने एवं कार्यवाही किए जाने पर पत्र लिखने का आश्वासन दिया।

3_ दिनांक 16 जून 2023 को अपर मुख्य सचिव कार्मिक की अध्यक्षता में राज्य कर्मचारी परिषद के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक का कार्यवृत्त कार्मिक अनुभाग_ 4 द्वारा दिनांक 30 जून 2023 को निर्गत किया गया है। कार्यवृत्त के बिंदु संख्या _2 एवं बिंदु संख्या_ 6 में संशोधन की आवश्यकता के दृष्टिगत अपर मुख्य सचिव से अनुरोध किया गया।

 (१)बिंदु संख्या_ 2 कर्मचारियों की वेतन विसंगत से संबंधित है। इस बिंदु पर चर्चा के दौरान यह निर्णय हुआ था कि जिन प्रकरणों पर मुख्य सचिव समिति का निर्णय हो चुका है तथा वित्त विभाग ने आदेश जारी कर दिया है, उन प्रकरणों पर विलंब नहीं होना चाहिए ।संबंधित विभाग एवं वित्त विभाग ऐसे प्रकरणों का जल्द से जल्द निस्तारण करेंगे। विशेषकर समाज कल्याण विभाग एवं जनजाति विकास विभाग के संविदा कर्मियों की संविदा राशि  में संशोधन के प्रकरण पर पर कार्यवृत्त में अलग से उप प्रस्तर जोड़े जाने  का संशोधन करने के निर्देश  अपर मुख्य सचिव ने दूरभाष पर विशेष सचिव को दिए।  

(२)बिंदु संख्या _6 , संविदा कर्मियों के नियमितीकरण से संबंधित है। प्रकरण पर समाज कल्याण विभाग के लिए उचित प्रस्ताव प्रस्तुत करते हुए कार्यवाही  करने की अपेक्षा कार्यवृत्त में  जोड़ी जाएगी।**

 अपर मुख्य सचिव कार्मिक के साथ बातचीत   सौहार्द पूर्ण वातावरण में हुई एवं  अत्यंत ही सकारात्मक रही ।

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की सचिव श्रीमती अरुणा शुक्ला जी के अलावा अन्य पदाधिकारी भी प्रतिनिधिमंडल में शामिल हुए


सोमवार, 7 अगस्त 2023

एंटरो वायरस , एडेनो वायरस और ह्यूमन हर्पीस वायरस दे रहे हैं आंखों को लाली












एंटरो वायरस , एडेनो वायरस और ह्यूमन हर्पीस वायरस दे रहे हैं आंखों को दर्द

 

 

पीजीआई के नेत्र रोग विभाग और माइक्रोबायोलॉजी विभाग ने मिलकर लगाया कारण का पता

 

 

 

 

 

 भारी बारिश के बीच कंजंक्टिवाइटिस और आई फ्लू के मरीजों की संख्या में अचानक वृद्धि हुई है। वातावरण में नमी और तापमान में वृद्धि के कारण इसका प्रकोप और बढ़ गया है।लखनऊ शहर में, निजी और सरकारी दोनों तरह के नेत्र रोग विशेषज्ञों द्वारा कंजंक्टिवाइटिस के मामलों में  वृद्धि दर्ज की गई है। 

रोज 10 से 12 मामले 

संजय गांधी पी जी आई के नेत्र विज्ञान विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर  रचना अग्रवाल ने बताया कि ऑप्थैलोमोलॉजी ओपीडी में हर दिन कंजंक्टिवाइटिस के 10 से 12 मामले  आ रहे हैं, जिसमें सुबह सूजी हुई पलकों के साथ आंखों में दर्द, पानी आना, चिपचिपाहट की शिकायत रहती है।अधिकांश मामलों में हल्के लक्षण होते हैं और उपचार पर अच्छी प्रतिक्रिया होती है।इस प्रकोप ने स्वास्थ्य अधिकारियों को स्थिति से निपटने के लिए त्वरित कार्रवाई करने के लिए प्रेरित किया है।

कारण का पता लगाने के लिए शोध

 नेत्र विज्ञान विभाग से डॉ. अंकिता ऐश्वर्या ने कंजंक्टिवाइटिस के रोगियों से कंजंक्टिवल स्वैब एकत्र किए और उन्हें कारक एजेंट की पहचान और प्रकोप की सीमा का निर्धारण करने के लिए माइक्रोबायोलॉजी विभाग की वायरोलॉजी प्रयोगशाला में भेजा।

 11 वायरस की हुई स्टडी

  माइक्रोबायोलॉजी विभाग के डॉक्टर अतुल गर्ग ने वायरल कल्चर और मल्टीप्लेक्स रियल टाइम पीसीआर की जांच किया। पाया की  वायरल  कंजंक्टिवाइटिस के कारकों एडेनो वायरस, एंटरो वायरस, हर्पीज सिम्प्लेक्स, वैरीसेला ज़ोस्टर, ह्यूमन हर्पीस वायरस- 6 आदि 11 वायरस का परीक्षण किया। डॉ. गर्ग ने बताया कि ज्यादातर मामले एंटरो वायरस के थे, इसके बाद एडेनो वायरस और ह्यूमन हर्पीस वायरस के थे।  एंटरो वायरस और एडेनो वायरस दुनिया भर में वायरल कंजंक्टिवाइटिस का सबसे आम कारण हैं।


यह बरते सावधानी दो सप्ताह में राहत


नेत्र विज्ञान विभाग के प्रमुख प्रोफेसर विकास कनौजिया ने बार-बार हाथ धोने और अपने चेहरे और आंखों को छूने से परहेज करने की सलाह दी। उन्होंने आगे बताया कि आंखों का वायरल संक्रमण अपने आप सीमित हो जाता है और व्यक्ति एक से दो सप्ताह में ठीक हो सकता है। हालांकि, द्वितीयक जीवाणु संक्रमण  के होने की संभावना बहुत कम है, जिससे ठीक होने में देरी होती है। उन्होंने कहा, ''ऐसे मामलों में, एंटीबायोटिक आई ड्रॉप्स के उपयोग की सलाह दी जाती है।

स्टेरायड युक्त आई ड्राप न करें इस्तेमाल 

' डॉ. रचना और डॉ. विकास दोनों ने स्टेरॉयड आई ड्रॉप्स के अंधाधुंध उपयोग के खिलाफ चेतावनी दी। काउंटर स्टेरॉयड का उपयोग तब तक नहीं किया जाना चाहिए जब तक कि विशिष्ट संकेतों के लिए किसी नेत्र रोग विशेषज्ञ द्वारा सलाह न दी जाए। यदि लंबे समय तक आँखों में लाली रहती है, तो विशेषज्ञ को अवश्य दिखाये।

फतेहपुर में पीजीआई और सोटो ने अंग दान के प्रति लोगों को किया जागरूक

 


अंग दान के बारे मेंजागरूकता पैदा करनेऔर आम जनता को इसके बारे में संवेदनशील बनाने के लिए  राज्य अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन. उत्तर प्रदेश  और अस्पताल प्रशासन विभाग संजय गांधी पीजीआई  के सहयोग से निदेशक  प्रो आर0 के 0 धीमान  के मार्ग दर्शन में और ऊतक दान पर  जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह  07 अगस्त को  2023 को महर्षि विद्या मंदिर सीनियर सेकेंड्री स्कूल फतेहपुर में किया गया।   अभियान की शुरुआत उद्घाटन संयुक्त निदेशक सोट्टो यू0पी0 और प्रमुख अस्पताल प्रशासनए एसजीपीजीआईएमएस   प्रो आर0 हर्ष वर्धन के व्याख्यान से हुआ  । बताया कि अंगों की भारी कमी है। 50000 लीवर और 175000 किडनी दान की आवश्यकता है।  अंगों की अनुपलब्धता के कारण हर दिन 283 लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। कार्डियक और  काडिगएक और ब्रेनस्टेम डेथ के बारे में जानकारी दिया।  एसआर प्रभारी सोट्टो  य0ूपी0 एवं एसआर अस्पताल प्रशासन विभाग एसजीपीजीआईएमएसए डॉक्टर अनिता  ने सड़क  यातायात दुर्घटना  और ब्रेन स्टेम डेथ डिक्लेशरन  के बारे में जानकारी दिया। भारत में  हर एक मिनट में होने वाली एक सड़क यातायात दुर्घटना आंकड़ों  पर बताया की लगभग 70 फीसदी सड़क दुर्घटना में  सर पर चोट लगती है। जेआर प्रभारी सोट्टो  यू0पी0 एवं जेआरए अस्पताल प्रशासन विभाग एसजीपीजीआईएमएस डॉक्टर आकांक्षा चौधरी  ने अंग और ऊतक दान समय की आवश्यकता के  बारे में सभा को बताया। 2022 में यू0पी0 में41746 आरटीए हुईं  जिसमे से 22595 मौतें हुईं। यदद इनमें से10 फीसदी  भी लोग अंग दान करना चुनतेहैं तो वे450 को किडनी और 225 लीवर देंगे। जेआर प्रभारी सोट्टो  डॉ वैभव  ने अंग दान के 10 आम मिथक पर प्रकाश डाला। दान किए गए अंगों का दरुुपयोग या अंग दान करने से पर अगले जन्म में अंग गायब होना आदद और इसके बारे में सही जानकारी दिया। कार्यक्रम सहायक  सोट्टो  यू0पी0 एवं अस्पताल प्रशासनए एसजीपीजीआईएमएस  बाद  शिप्रा श्रीवास्तव  द्वारा अंगदान के लिए फार्म सेवन के बारे में जानकारी दिया। वैज्ञाननक सत्र में   नीलिमा दीक्षित प्रत्यारोपण समन्वयक सोटो यूपी   और अस्पताल प्रशासन एसजीपीजीआईएमएस सोटो यू0पी0 वेबसाइट के बारे में जानकारी दिया।  सत्र समापन प्रमोद त्रिपाठी प्रधानाचार्य महर्षि विद्या मंदिर सेकेंडरी स्कूल फतेहपुर द्वारा सोट्टो यू0पी0 और अस्पताल प्रशासन विभाग के प्रति धन्यवाद दिया। इस मौके पर 2 लोगों ने अंगदान की भी प्रतिज्ञा ली। डेढ़ सौ से अधिक शिक्षक और छात्रों ने इस जागरूकता अभियान में शामिल होते हुए कहा कि अंगदान के प्रति लोगों को जागरूक करने का सिलसिला चलाते रहेंगे।



8 अगस्त को बंद रहेंगे स्कूल दोबारा लिया गया निर्णय

 







The school will remain CLOSED on 8th August 23 for all classes .


देश के आजमगढ़ जिले में चिल्ड्रन गर्ल्स स्कूल की 11वीं की छात्रा द्वारा स्कूल परिसर की इसी बिल्डिंग से कूदकर आत्महत्या करने के मामले में उस स्कूल के प्रधानाचार्य शिक्षक की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदेश के सभी स्कूल प्रबंधक एकजुट हो गए हैं. इस घटना के विरोध में प्रदेश के सभी प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने आठ अगस्त मंगलवार को सभी विद्यालयों को बंद करने का निर्णय लिया है. राजधानी लखनऊ के अनएडेड स्कूल एसोसिएशन की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि आजमगढ़ चिल्ड्रंस गर्ल्स स्कूल में हुई घटना एवं विद्यालय के प्रधानाचार्य एवं शिक्षक की हुई गिरफ्तारी के विरोध में आठ अगस्त 2023 उत्तर प्रदेश के समस्त निजी विद्यालय (सीबीएसई आईसीएसई अथवा यूपी बोर्ड या अन्य किसी भी बोर्ड) के हो बंद करने का फैसला लिया है

राहुल गांधी की सदस्यता बहाल

 राहुल गांधी की सांसद की बने रहेंगे उनकी सदस्यता को बहाल कर दिया गया है सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यह लेटर आज जारी किया गया। लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला ने यह लेटर जारी किया है


रविवार, 6 अगस्त 2023

आठ अगस्त को अब नहीं बंद होंगे स्कूल, बंदी वापस लिया एसोसिएशन

 


Dear Parent ,

The proposed closure of the school  for 8th August 2023 has been cancelled.

Hence, the school will remain open on 8th August 2023 as usual. 


देश के आजमगढ़ जिले में चिल्ड्रन गर्ल्स स्कूल की 11वीं की छात्रा द्वारा स्कूल परिसर की इसी बिल्डिंग से कूदकर आत्महत्या करने के मामले में उस स्कूल के प्रधानाचार्य शिक्षक की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदेश के सभी स्कूल प्रबंधक एकजुट हो गए हैं. इस घटना के विरोध में प्रदेश के सभी प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने आठ अगस्त मंगलवार को सभी विद्यालयों को बंद करने का निर्णय लिया है. राजधानी लखनऊ के अनएडेड स्कूल एसोसिएशन की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि आजमगढ़ चिल्ड्रंस गर्ल्स स्कूल में हुई घटना एवं विद्यालय के प्रधानाचार्य एवं शिक्षक की हुई गिरफ्तारी के विरोध में आठ अगस्त 2023 उत्तर प्रदेश के समस्त निजी विद्यालय (सीबीएसई आईसीएसई अथवा यूपी बोर्ड या अन्य किसी भी बोर्ड) के हो बंद करने का फैसला लिया था लेकिन यह बंदी वापस ले ली गयी है।  

गर्भावस्था के दौरान बढ़ सका है रक्तचाप , गर्भस्थ शिशु के लिए हो सकता है खतरनाक

 

गर्भावस्था के दौरान उन महिलाओं में भी रक्तचाप बढ़ सकता है, जिन्हें उच्च रक्तचाप का कोई पूर्व इतिहास नहीं है, जिससे यह मां और बच्चे दोनों के लिए जोखिम भरा हो जाता है. डॉक्टरों ने रक्तचाप की नियमित निगरानी पर जोर दिया है. गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप मां और बच्चे, दोनों के लिए हानिकारक होता है. गर्भावस्था के दौरान, डॉक्टर गर्भावस्था-प्रेरित उच्च रक्तचाप( प्रिगनेंसी इंड्यूज्ड हाइपरटेंशन)  को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत करते हैं गर्भावधि उच्च रक्तचाप, प्री-एक्लम्पसिया और एक्लम्पसिया

संजय गांधी पीजीआई के एम आर एच विभाग की स्त्री रोग विशेषज्ञ प्रोफेसर इंदु लता साहू के मुताबिक 'गर्भावस्था-प्रेरित उच्च रक्तचाप (पीआईएच) एक ऐसी स्थिति है जो तब होती है, जब एक महिला गर्भावस्था के 20 सप्ताह तक पहुंचने के बाद उच्च रक्तचाप विकसित करती है, भले ही उसे पहले सामान्य रक्तचाप रहा हो। 'स्वस्थ गर्भावस्था सुनिश्चित करने के लिए गर्भवती महिलाओं के लिए नियमित रूप से अपने रक्तचाप की निगरानी करना और उचित चिकित्सा देखभाल लेना महत्वपूर्ण है। ऐसा करने से वे गर्भावस्था से प्रेरित उच्च रक्तचाप से जुड़ी जटिलताओं को प्रभावी ढंग से प्रबंधित और रोक सकती हैं.।  पीआईएच या प्रेगनेंसी इंड्यूस्ड हाइपरटेंशन बढ़ रहा है, और वे महत्वपूर्ण तरीके से मातृ और प्रसवकालीन रुग्णता और मृत्यु दर में योगदान करते हैं.  पीआईएच के जोखिम कारकों के ज्ञान और समय पर मूल्यांकन - शीघ्र पता लगाना, सावधानीपूर्वक निगरानी और उपचार - के महत्व पर जोर दिया गया।

 आशियाना मेटरनिटी सेंटर की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मेनका सिंह के मुताबिक, 'उच्च रक्तचाप से हृदय विफलता, मां की थ्रोम्बोटिक घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है. यह गुर्दे और यकृत के कार्य को भी प्रभावित कर सकता है। यह स्थिति समय से पहले बच्चे को जन्म देने एनआईसीयू देखभाल की जरूरत और समय से पहले होने वाली अन्य जटिलताओं के जोखिम को बढ़ा सकती है।, उच्च रक्तचाप के कारण भ्रूण का विकास भी सीमित हो सकता है, जिससे जन्म के समय वजन कम हो सकता है और संभावित विकास संबंधी समस्याएं हो सकती हैं और गंभीर मामलों में उच्च रक्तचाप के कारण प्लेसेंटा समय से पहले गर्भाशय की दीवार से अलग हो सकता है, जो मां और बच्चे दोनों के लिए जीवन के लिए खतरा हो सकता है। 'गर्भावस्था से संबंधित उच्च रक्तचाप (उच्च रक्तचाप) के लिए करीबी निगरानी की जरूरत होती है। यह अक्सर गर्भावस्था के 20वें सप्ताह के बाद प्रकट होता है। इसमें अन्य अंगों को नुकसान पहुंचाने की क्षमता होती है, और यह महिला और भ्रूण दोनों के लिए जोखिम भरा होता है। इस स्थिति को रोका जा सकता है और इलाज किया जा सकता है। गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप को प्रबंधित करने के लिए गर्भवती माताओं के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे नियमित प्रसवपूर्व जांच में शामिल हों, बताई गई दवाएं लें और गर्भकालीन उच्च रक्तचाप से जुड़े जोखिमों को कम करने के लिए जीवनशैली में आवश्यक बदलाव करे। नियमित अंतराल पर या डॉक्टर की सलाह के अनुसार, अपने बीपी रीडिंग को देखना हमेशा अच्छा होता है।  संतुलित और पौष्टिक आहार का सेवन करें. माताओं को नियमित अंतराल पर पौष्टिक भोजन करना चाहिए और यदि आवश्यक हो तो भोजन योजना में सहायता लें, अपने स्वास्थ्य आहार विशेषज्ञ से परामर्श लें। संजय गांधी पीजीआई की पोषण विशेषज्ञ डा. निरूपमा सिंह कहती है कि  नमक कम मात्रा में ले। नमकीन भोजन आपके रक्तचाप के लिए अच्छा नहीं है, क्योंकि यह न केवल आपके रक्तचाप को बढ़ा सकता है, बल्कि बाद में पैरों में सूजन भी पैदा कर सकता है, जो आपकी गर्भावस्था के आखिरी महीनों के दौरान आम है. नमक का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए।


आजमगढ़ की घटना के विरोध में आठ अगस्त को बंद रहेंगे राजधानी और यूपी के सभी स्कूल

 


आजमगढ़ की घटना के विरोध में आठ अगस्त को बंद रहेंगे राजधानी और यूपी के सभी स्कूल

Dear Parents,

The Collegiate will remain closed on 8th August 2023, in protest of the arrest of the Principal and teacher of the Azamgarh Children's Girl School without any inquiry or investigation. 

 




प्रदेश के आजमगढ़ जिले में चिल्ड्रन गर्ल्स स्कूल की 11वीं की छात्रा द्वारा स्कूल परिसर की इसी बिल्डिंग से कूदकर आत्महत्या करने के मामले में उस स्कूल के प्रधानाचार्य शिक्षक की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदेश के सभी स्कूल प्रबंधक एकजुट हो गए हैं. इस घटना के विरोध में प्रदेश के सभी प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने आठ अगस्त मंगलवार को सभी विद्यालयों को बंद करने का निर्णय लिया है. राजधानी लखनऊ के अनएडेड स्कूल एसोसिएशन की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि आजमगढ़ चिल्ड्रंस गर्ल्स स्कूल में हुई घटना एवं विद्यालय के प्रधानाचार्य एवं शिक्षक की हुई गिरफ्तारी के विरोध में आठ अगस्त 2023 उत्तर प्रदेश के समस्त निजी विद्यालय (सीबीएसई आईसीएसई अथवा यूपी बोर्ड या अन्य किसी भी बोर्ड) के हो बंद रहेंगे

: अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन, उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने बताया कि विद्यालयों के द्वारा यह संकेतिक विरोध इसलिए किया जा रहा है कि जिससे उस प्रकरण की सही जांच की जाए और यदि संबंधित व्यक्ति को दोषी पाया जाता है. तो अवश्य कार्यवाही की जाए और सख्त से सख्त सजा दी जाए. छात्रा के गलत कदम उठाने पर वह भी जबकि मोबाइल फोन छात्रा के पास से पकड़ा गया. यह फोन विद्यालय ने नहीं दिया, बल्कि अभिभावकों के द्वारा दिया गया है. आज अभिभावक कोई भी बात सुनने को तैयार नहीं होते हैं. छोटी-छोटी सी बात पर एफआईआर की धमकी देते हैं. ऐसे में विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने इसी कारण से शिक्षक शिक्षिकाओं को सम्मान देना बंद कर दिया है.  इस संबंध में संगठन से जुड़े सभी स्कूल प्रबंधकों और प्रधानाचार्य की बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया है

 आज हर प्राइवेट स्कूल के प्रत्येक शिक्षक बच्चों को कुछ भी कहने में डरता है, क्योंकि उसे यह लगता है कि कहीं उसके खिलाफ कोई कार्रवाई न हो जाए. निजी विद्यालय के प्रधानाचार्य कार्य करने से बच रहे हैं, क्योंकि जब इस तरह की गलती करने पर बच्चों को कुछ कहा जाएगा. तो वह कोई भी गलत कदम उठा लेंगे और जिसका पूरा दोष विद्यालय प्रबंधतंत्र या प्रधानाचार्य या शिक्षक के ऊपर आ जाएगा. इसी प्रकार की अनेक घटनाएं पूर्व में भी होती रही हैं. जिसमें संपूर्ण दोषारोपण विद्यालय को देते हुए इस प्रकार की कार्रवाई होती रही है. जो कि अब स्वीकार नहीं है. इस मसले पर प्रदेश के सभी एसोसिएशन के पदाधिकारीगण ने एकमत से निर्णय लिया है कि उत्तर प्रदेश के समस्त निजी विद्यालय आठ अगस्त को बं


शनिवार, 5 अगस्त 2023

बिखर रहा है सामाजिक ताना-बाना कई घर टूटने के कगार पर तो कई घर गए टूट

बिखर रहा है सामाजिक ताना-बाना कई घर टूटने के कगार पर तो कई घर गए टूट

शादी के बाद लड़कियां लड़कों के परिवार पर हो रही हैं हावी







 सुरेश की शादी अभी हाल में ही नमिता से हुई।  नमिता के बारे में सुरेश पहले से जानते थे।  दोनों साथ जीने और मरने की कसमें खाते थे । कई बार ऐसा भी हुआ सुरेश की शादी करने की स्थिति नहीं थी तो नमिता ने कहा कि हम जान दे देंगे लेकिन आपके बिना रह नहीं पाएंगे।  सुरेश ने अपने घर के लोगों से बात किया घर वाले बेटे की खुशी में तैयार हो गए नमिता भी किसी तरह से अपने पिता को किसी के माध्यम से इस शादी के लिए भेजा कहने का मतलब यह है इसको अरेंज मैरिज समाज में साबित करके शादी हो गई , लेकिन शादी के बाद की बातें तो अलग है । वह सुरेश पर डोमिनेंट होने की कोशिश करने लगी, सुरेश नरम दिल का लड़का था और वह हर बात मानता गया।  शादी भी हो गई नमिता घर भी आ गई ।  हर बात पर सुरेश को टोकती है कहां जा रहे हैं ,कब आएंगे, सब दिखाइए । सुरेश का टूरिंग जॉब है उसे दिन भर में कई लोगों से मिलना होता है कई बार ऐसा नहीं कर पाता है तो घर आने के बाद नमिता उसे मानसिक रूप प्रताड़ित करती है । गालियां देती है।    आत्महत्या की धमकी देती है ऐसे में सुरेश भी कई बार प्रतिक्रिया देता है ऐसा केवल सुरेश और नमिता के साथ ही नहीं है आजकल देखने को मिल रहा है कि सामाजिक रिश्तो की मर्यादा ही खत्म होती जा रही है लड़कियां पति पर हावी हो रही है सास ससुर को बर्दाश्त नहीं कर पाती हैं । वह नहीं चाहती हैं हमारे दोनों के बीच तीसरा कोई रहे और पति जहां भी रहे हमको अपने साथ रखें जहां ऐसा नहीं हो पा रहा है वहां पर घरों में तनाव का माहौल है। 

ऐसे ही राजेश और रितिक की शादी दोनों परिवार के मर्जी से हुई यह पूरी तरह से अरेंज मैरिज थी।  शादी के बाद रितिका जब राजेश के घर आई 1 महीने तो वह किसी तरह रही लेकिन 20 कमियां निकाल कर वह अकेले ही राजेश का घर छोड़ कर अपने घर चली गई।  अब ना वह राजेश को तलाक दे रही है और साथ रहने  को तैयार है रितिका का तो पता नहीं लेकिन राजेश का पूरा परिवार इस सदमे दिल के मरीज हो गए हार्ट अटैक पड़ गया इलाज करा करके किसी तरह से जीवन बचाया गया। संजय गांधी पीजीआई के समाजशास्त्री रमेश कुमार जी कहते हैं रिश्ते त्याग से चलते हैं और यह दोनों तरफ होना चाहिए लेकिन आजकल के लड़कियों में त्याग नहीं है और लड़के भी त्याग नहीं करना चाहते हैं।  शादी के बाद तमाम कानून के नाते लड़का पक्ष तमाम चीजों को चाहता रहता है और यही आगे चलकर लड़का पक्ष के लिए घातक साबित होता है।


 समाजशास्त्री रमेश कुमार जी कहते हैं सामाजिक ताना-बाना बिखर रहा है वह कहते हैं कि कई तरह की लड़किया होती है

पहले ‘टाइप’ की लड़कियां होती हैं बार्बी डॉल टाइप, सजी धजी, मेकअप में लुती पुती और ब्रैंडेड कपड़े पहनने वाली। ऐसी बार्बी डॉल ‘टाइप’ की लड़कियों से लड़के दूर रहें नहीं तो ये लड़कियां कुछ दिन में उनका जीना दूभर कर देंगी। आप उन्हें झेल नहीं पाओगे।



 दूसरे ‘टाइप’ की लड़कियों से  लड़कों को बचना है। ये ऐसी लड़कियां जो बहुत इनसिक्योर यानी असुरक्षित होती हैं अपने रिलेशनशिप को लेकर।    वजह यह है कि ये लड़कियां हर वक्त अटेंशन पाने के लिए रोना धोना मचाए रहती हैं, लड़के को किसी और लड़की के साथ बात करते देख परेशान होती हैं और फिर अपने बॉयफ्रेंड का दिमाग खा जाती हैं।  इन लड़कियों को अपनी तारीफ सुनना बहुत पसंद होता है। वे सिर्फ इसलिए रोती धोती रहती हैं ताकि आप उनको नए नए कॉम्प्लिमेंट्स देकर उनकी तारीफ ही करते रहो। तो अगर आपको ऐसा करने में कोई गुरेज नहीं है तो पुराने हिंदी गाने सुन लो और उसमें से तारीफों के पुल वाले कॉम्प्लिमेंट्स रट लो और ऐसी लड़कियों के साथ की हिम्मत जुटाओ वरना जहां तक हो सके अवॉइड ही करो अगर आपको चैन से जीना है।

शुक्रवार, 4 अगस्त 2023

Relationship found between diabetes and fatty liver disease

 Relationship found between diabetes and fatty liver disease



For the first time research on fatty liver disease was done in people of 14 states of the country including Uttar Pradesh


 

There is a relation between fatty liver disease and obesity, but it has been seen that there is also a relation between fatty liver disease and diabetes. The problem of fatty liver disease has also been seen in people of normal body weight. The problem of fatty liver disease has been seen in 41.88 percent of diabetics with normal BMI (body mass index). This fact has recently been revealed in research by the Journal of Physicians of India. Research was done on the topic Assessment of prevalence and associated risk factors of NFLD in people living with diabetes in India. This is the first study in which research has been done on the problem of fatty liver disease in more than one lakh 71 thousand people suffering from diabetes from 14 states of the country including Uttar Pradesh. Sanjay Gandhi PGI's Gastroenterologist Prof. Gaurav Pandey says that there is a possibility of all kinds of problems in people suffering from diabetes. This research has revealed that fatty liver disease can be a problem, so there is a need to pay attention to it. The possibility of this problem is especially high in those in whom sugar is not controlled for a long time. According to the research report, the problem of fatty liver disease is more in men with diabetes than in women. Dr. Anil Gangwar, Pet Specialist of King George's Medical University, says that liver test is also necessary in diabetes patients. Fatty liver is detected by ultrasound.




Fatty liver disease in people with diabetes


 


Total State-14


Number of people suffering from diabetes-171996


Age group involved in the research – 18 to 66


Suffering from fatty liver disease – 44.48 percent


Men with fatty liver disease – 58.36 percent


Women with fatty liver disease – 36.341 percent


Fatty liver disease-affected ASU class 18 to 40- 58.35 percent


40 to 60 – 54.92 percent


Over 60 – 39.62 percent


BMI normal - 41.88 percent


Obese - 53.09 percent


Obesity victims - 49.03 percent


High blood pressure - 49.30 percent


Elevated triglyceride - 56.99 percent

डायबिटीज और फैटी लिवर डिजीज के बीच में मिला रिश्ता

 डायबिटीज और फैटी लिवर डिजीज के बीच में मिला रिश्ता



पहली बार उत्तर प्रदेश सहित देश के 14 राज्य के लोगों में फैटी लिवर डिजीज पर हुआ शोध

 

 

फैटी लिवर डिजीज और मोटापे का रिश्ता तो है लेकिन देखा गया है डायबिटीज से भी फैटी लिवर डिजीज का रिश्ता है। सामान्य शरीर भार के  लोगों में भी फैटी लिवर डिजीज की परेशानी देखी गयी है। सामान्य बीएमआई( बॉडी मास इंडेक्स) वाले डायबिटीज ग्रस्त 41.88 फीसदी में फैटी लिवर डिजीज की परेशानी देखने को मिली है। इस तथ्य का खुलासा हाल में ही जर्नल ऑफ फिजिशियन आफ इंडिया ने शोध में किया है। एसेसमेंट आफ प्रिवलेंश एंड एसोसिएसिटेड रिस्क फैक्टर आफ एनएफएलडी इन पीपल लिविंग विथ डायबिटीज इन इंडिया विषय को लेकर शोध किया गया।  यह पहली स्टडी है जिसमें उत्तर प्रदेश सहित देश के 14 राज्यों से एक लाख 71 हजार से अधिक डायबिटीज ग्रस्त में लोगों में फैटी लिवर डिजीज की परेशानी पर शोध किया गया है। संजय गांधी पीजीआई के गैस्ट्रोइंटेरोलाजिस्ट प्रो. गौरव पाण्डेय कहते है कि डायबिटीज ग्रस्त लोगों में तमाम तरह की परेशानी की आशंका रहती है। इस शोध के पता चला है कि फैटी लिवर डिजीज की परेशानी हो सकती है इसलिए इनमें इस पर ध्यान देने की जरूरत है। इस परेशानी की आशंका खास तौर पर इनमें अधिक है जिनमें शुगर लंबे समय से नियंत्रित नहीं रहता है। शोध रिपोर्ट के मुताबिक डायबिटीज ग्रस्त पुरूषों में फैटी लिवर डिजीज की परेशानी महिलाओं से अधिक होती है। किंग जार्ज मेडिकल विवि के पैट रोग विशेषज्ञ डा. अनिल गंगवार कहते है कि लिवर की जांच भी डायबिटीज मरीजों में जरूरी है। फैटी लिवर का पता अल्ट्रासाउंड ले लग जाता है।  


डायबिटीज ग्रस्त लोगों में फैटी लिवर डिजीज

 

कुल राज्य-14

डायबिटीज ग्रस्त लोगों की संख्या-171996

शोध में शामिल आयु वर्ग- 18 से 66

फैटी लिवर डिजीज से ग्रस्त- 44.48 फीसदी

फैटी लिवर डिजीज ग्रस्त पुरुष- 58.36 फीसदी

फैटी लिवर डिजीज ग्रस्त महिला- 36.341 फीसदी

फैटी लिवर डिजीज ग्रस्त आसु वर्ग 18 से 40- 58.35 फीसदी

40 से 60- 54.92 फीसदी

60 से अधिक- 39.62 फीसदी

बीएमआई सामान्य- 41.88 फीसदी

मोटे- 53.09 फीसदी

मोटापे के शिकार- 49.03 फीसदी

उच्च रक्तचाप- 49.30 फीसदी

बढा हुआ ट्राइग्लिसराइड- 56.99 फीसदी