कोरोना ने कमजोर दिया दिल पीजीआइ ने किया मज़बूत
दिल की मासपेशियों को भी कमजोर कर सकता है कोरोना
कुमार संजय़ । लखनऊ
कोरोना वायरस केवल फेफडे को ही नहीं दिल को भी गिरफ्त में ले सकता है। सांस लेने में परेशानी हो रही है और रक्त दाब कम हो रहा है तो यह संकेत है कि वायरस दिल के प्रभावित कर रहा है ऐसे लोगों को समय पर इलाज से दिल को बचा तक जिंदगी पर खतरे को टाला जा सकता है। संजय गांधी पीजीआई के हृदय रोग विशेषज्ञ, कार्डियोलाजी सोसाइटी आफ इंडिया के उपाध्यक्ष , यूपी चैप्टर आफ कार्डियोलाजी सोसाइटी आफ इंडिया के अध्यक्ष प्रो. सत्येंद्र तिवारी विश्व हृदय दिवस पर यह जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना काल में पांच ऐसे मरीजों को समय पर इलाज देकर जिंदगी पर खतरे को टालने में सफलता हासिल किया है। प्रो.तिवारी के मुताबिक कोरोना वायरस मुख्यतः फेफड़े पर प्रहार करता है लेकिन हमारे पहले के ऐसे मरीज जिनमें एंजियोप्लास्टी हो चुकी थी बिल्कुल सामान्य थे लेकिन सांस फूलने की परेशानी के साथ रक्त दाब में कमी की परेशानी के कारण ई ओपीडी में फोन किया तो पहले तो लगा कि कोरोना के कारण ऐसा होगा कुछ दवाएँ बताया लेकिन मरीज को फायदा नहीं हुआ तो मरीज को यहां आने को कहा तो देखा कोरोना वायरस दिल की मासपेशियों को कमजोर कर दिया था जिसके कारण दिल की पंपिंग शक्ति कम हो गयी थी। इसके कारण रक्त प्रवाह पूरी तरह शरीर में नहीं हो रहा था । रक्त दाब कम होने का भी कारण साबित हो रहा था । मरीज को बाई पैप पर डालने के साथ ही विशेष दवाओं से दिल की मासपेशियों को ताकत देने के साथ स्थित में सुधार होने लगा ।
सामान्य लोगों का दिल भी प्रभावित कर सकता है कोरोना
प्रो.तिवारी का कहना है कि सामान्य लोगों के दिल को भी कोरोना प्रभावित कर सकता है। दिल में वायरस का प्रकोप होने के बाद मायोकार्डाटिस हो जाती है । इससे दिल की मासपेशियां कमजोर हो जाती है । सांस लेने में परेशानी होती है। दिल के परेशानी होने पर कई बार वेंटीलेटर पर लेने के साथ ही दिल मास पेशियों को मजबूत करने की दवाएं देकर स्टेबिल किया जाता है।
क्या करें दिल के मरीज
- कोरोना से बचने के लिए एहतियात बरते
-चिन्ता के अहसास से बचने के लिए सांस लेने और मेडिटेशन का अभ्यास करें।
-अगर बुखार जैसे लक्षण (शरीर का तापमान 37.8° सेल्सियस या ज्यादा) खांसी या सीने में संक्रमण है तो आपको खुद को अलग रखना चाहिए।
-हृदय के लिए अपनी नियमित दवाएँ लेते रहें। अगर ब्लड प्रेशर की दवा लेते हैं तो उसे भी लेना न भूलें। हार्ट अटैक या स्ट्रोक रोकने के लिए यह सब जरूरी है।
विश्व हृदय दिवस आज
थीमः दिल को मजबूत करने के लिए करें दिल का इस्तेमाल
दिल मजबूत तो कोरोना से होगा मजबूती से मुकाबला
कुमार संजय। लखनऊ
दिल आप का मजबूत है तो आप का कोरोना कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा। कोरोना का संक्रमण हो बी गया तो आप वायरस पर जीत हासिल कर लेंगे लेकिन यदि दिल मजबूत नहीं है तो कोरोना आप की जिंदगी पर भारी पड़ सकता है। इसी लिए विश्व हृदय दिवस पर वर्ड हार्ट फाउडेंशन ने इस साल का थीम दिया है ...यूज हर्ट टू बीट कार्डियोवेस्कुलर डिजीज यानि दिल की बीमारी से बचने के लिए दिल इस्तेमाल करें। संजय गांधी पीजीआइ के हृदय रोग विशेषज्ञ प्रो. सत्येंद्र तिवारी और प्रो.सुदीप कुमार कहते है कि दिल का इतना इस्तेमाल करें दिल की तेजी से धड़के। रक्त वाहिका में रक्त का प्रवाह तेजी से हो जिससे रक्त वाहिकाओं में रूकावट की आशका कम हो। toविशेषज्ञ कहते है कि 65 साल से ज्यादा उम्र के लोग जिन्हें कॉरोनरी हार्ट डिजीज या हाइपरटेंशन है उन्हें कोविड-19 से संक्रमित होने की आशंका ज्यादा है। ऐसे मरीज जिनके हृदय की स्थिति कमजोर है जैसे हार्ट फेलियर या एरिथमिया उनमें वायरल संक्रमण के लक्षण सामने आने की आशंका ज्यादा रहती है। दूसरे लोगों के मुकाबले ऐसे लोगों को संक्रमण होगा तो ज्यादा गंभीर भी होता है। इस लिए दिल को ठीक रखना बहुत जरूरी है।
ऐसे करें दिल को मजबूत
-शरीर का वजन नियंत्रण में है, तो इससे कोलेस्ट्रॉल भी नियंत्रित रहता है, ग्लूकोज और ब्लडप्रेशर का स्तर ठीक रखता है. थोड़ा प्रोटीन, पूरा अनाज और ताजा फल खाएं. इंस्टेंट का लेबल लगा हुआ या पैक्ड फूड आपके किचन में नहीं होना चाहिए. यहां तक कि बोतलबंद ड्रिंक्स, जंक फूड और नमकीन से भी दूर रहें.
- थोड़ा पसीना बहाएं। हर सप्ताह कम से कम 150 मिनट सामान्य व्यायाम करना चाहिए। हर सप्ताह कम से कम 150 मिनट सामान्य व्यायाम करना चाहिए। हृदय रोग के खतरे को बढ़ाने में सबसे अहम भूमिका निभाने वाले तीन कारकों- ब्लडप्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज के खतरे को कम करने के लिए तेज चलना भी दौड़ने के जितना ही अच्छा होता है।
- धूम्रपान न करें क्योंकि धूम्रपान करने वालों में धूम्रपान न करने वालों की अपेक्षा हृदय रोग होने का तीन गुना खतरा होता है। स्मोकर्स के ग्रुप में रहते हैं, तो हृदय रोग होने की संभावना 25 प्रतिशत तक बढ़ जाती है.
- अपनी फैमिली ट्री के बारे में जानें । वर्ल्ड हार्ट फेडेरेशन का कहना है कि अगर फर्स्ट डिग्री मेल रिलेटिव (पिता या भाई) में से किसी को 55 साल की उम्र से पहले हार्ट अटैक आया है या फिर आपके फर्स्ट डिग्री फिमेल रिलेटिव में से किसी को 65 साल की उम्र से पहले हार्ट अटैक आया है, तो आपको हृदय रोग होने का खतरा बहुत अधिक होता है। माता-पिता 55 साल से कम उम्र में हृदय रोग से प्रभावित रहे हैं, तो आपको दिल की बीमारियां होने की आशंका दूसरे लोगों से 50 प्रतिशत ज्यादा होती है। .
- तनाव कम करें। तनाव सीधे तौर पर हार्ट अटैक का कारण नहीं बनता है. लेकिन अचानक अत्यधिक तनाव कभी-कभी कार्डियोमियोपैथी (ब्रोकेन हार्ट सिंड्रोम) का कारण बन सकता है, जो हार्ट अटैक के बहुत करीब होता है। तनाव को कम करें तथा सीधे तौर पर हार्ट अटैक का कारण बनने वाले ब्लडप्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखें.
- जानें अपनी सेहत का हाल। अपने लिपिड प्रोफाइल, ब्लड शुगर लेवल, ब्लड प्रेशर लेवल की जांच कराते रहें. अपने फिजिकल चेकअप के माध्यम से आप यह जान सकते हैं कि कहीं आप हृदय संबंधी रोग की ओर तो नहीं बढ़ रहे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें