मानसिक रोग की दवा करेगी करोना का काट
कोशिका के अंदर वायरस नहीं बढा पाता है
अपनी संख्या
कुमार संजय। लखनऊ
एक तरह का मानसिक रोग बायपोलर डिसआर्डर
के इलाज के लिए दी जाने वाली दवा एब्सेलीन अब कोरोना संक्रमित मरीजों को राहत
दिलाएगी। इस दवा के क्लीनिकल ट्रायल शुरू हो गया है। साइंस एडवांस मेडिकल जर्नल ने
इस दवा के बारे में शोध रिपोर्ट में बताया है कि विज्ञानियों ने अत्याधुनिक कंप्यूटर सिमुलेशन का इस्तेमाल किया
तो उन्हें पता चला कि एब्सेलेन दवा कोरोनावायरस को मेजबान कोशिकाओं( होस्ट सेल) को
बढ़ने से रोकने में कारगर है। कोरोनावायरस
के मुख्य प्रोटीन एमप्रो की जांच सबसे पहले की गई। शोधकर्ताओं की इस जांच में पता
चला एमप्रो कोरोनावायरस के जेनेटिक मैटीरियल से प्रोटीन बनाने की क्षमता को
सुविधाजनक बनाता है। इस तरह से कोरोनावायरस मेजबान सेल में अपनी प्रतिकृति(कापी)
का निर्माण करता है। यह दवा सेल में वायरस के संख्या (कापी ) बढने से रोकता है।
शोध वैज्ञानिकों ने एसपीआई-1005
ट्रीटमेंट इन माडरेट कोविड-19 पेशेंट के नाम से क्लीनिकल ट्रायल
फाइल किया है जिसे स्वीकार किया गया है।
देखा कि एब्सेलीन दवा एमप्रो के खिलाफ अपना असर प्रभावी तरीके से
दिखा रही है। एब्सेलेन दवा में कई गुण
मौजूद होते हैं जैसे एंटीवायरल, जीवाणुनाशक, एंटीऑक्सीडेटिव,
एंटी-इंफ्लेमेटरी,
सेल-सुरक्षात्मक
गुण आदि। संजय गांधी पीजीआई के कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे है प्रो.ज्ञान चंद
कहते है कि इस दवा के आने से इलाज का एक विकल्प और मौजूद होगा जिससे मरीजों को
काफी राहत मिलेगी।
इंसानों पर भी पॉजिटिव असर दिखा
एब्सेलेन दवा का इस्तेमाल कई बीमारियों
को ठीक करने के लिए किया जाता है। खासकर, बायपोलर डिसऑर्डर एवं सुनाई न देने पर
इसे मरीजों को दिया जाता है। शोधकर्ताओं के अनुसार, इस दवा पर कई
क्लिनिकल ट्रायल किए गए हैं, जिससे साबित हुआ है कि इंसानों में
इसका इस्तेमाल करना सुरक्षित है।
इन दवाओं से हो रहा है कोरोना का इलाज
फिलहाल, गंभीर रूप से
कोविड-19 संक्रमित मरीजों का इलाज
रेमडेसिवीर दवा से किया जा रहा है। इस दवा का इस्तेमाल इबोला के मरीजों पर
किया जाता है, जो एक एंटीवायरल दवा है। हालांकि, यह दवा इबोला के
मरीजों पर कारगर साबित नहीं हुई थी, लेकिन कोरोना मरीज़ों पर इसके पॉजिटिव
रिजल्ट ही सामने आए हैं। ब्लड प्लाज्मा,
डेक्सामेथासोन
दवा से भी कोरोना के मरीजों का इलाज किया जा रहा है।
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