प्रो. सुनील प्रधान डाक्टर आफ साइंस से हुए सम्मानित
न्यूरोलाजी के क्षेत्र में कार्य के लिए मिली उपाधि
लकवा, मिग्री, दिमाग की टीबी, पार्किंसन, ब्रेन स्ट्रोक के सटीक इलाज के साथ कई नई तकनीक स्थापित करने वाले पीजीआई के न्यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख व पद्मश्री डॉ. सुनील प्रधान हेमवती नंदन बहुगुणा उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विवि ने डाक्टर आफ साइंस की उपाधि से सम्मानित किया है। इससे रानी दुर्गावती विवि जबलपुर ने ने भी इस उपाधि से सम्मानित किया था। यह उपाधि प्रो. प्रधान को उनके विशेष शोध और सेवा के लिए दिया गया है। प्रो. प्रधान ने मांस पेशियों की बीमारी के इलाज के लिए तकनीक इजाद की। जिसे प्रधान साइन के नाम जाना जाता है। इसके अलावा हाल में ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों के हाथ-पैर में जान डालने का नई तकनीक विकसित की है। इसे करेक्टेड एसिस्सटेड सिंक्रोनाइज्ड पियारोडिक (कैस्प) थेरेपी नाम दिया है। बिजनौर जिले में वर्ष 1957 में जन्मे डॉ. सुनील प्रधान ने केजीएमयू से एमबीबीएस, एमडी और डीएम की पढ़ाई की। डॉ. प्रधान ने 1989 में पीजीआई के न्यूरोलॉजी विभाग में बतौर ज्वाइन किया। डॉ. प्रधान को वर्ष 2014 में पद्मश्री के अलावा शांति स्वरूप भटनागर, आईसीएमआर, आरोग्य भारती सम्मान,विज्ञान रत्न व विज्ञान गौरव समेत दो दर्जन से अधिक सम्मान पा चुके हैं। डॉ. प्रधान ने 200 से अधिक शोध पत्र एवं पुस्तकें लिखी हैं
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