विश्व ब्रेन स्ट्रोक जागरूकता दिवस आज
दवा और इंटरवेशन से कम हो सकती है ब्रेन स्ट्रोक के कारण होने वाली परेशानी
दो फीसदी से कम लोग ही गोल्डन आवर में पहंचते है विशेषज्ञ के पास
कुमार संजय। लखनऊ
ब्रेन स्ट्रोक पड़ने में दो से तीन घंटे के अंदर सही इलाज मिल जाए तो मरीजों को ब्रेन स्ट्रोक के कारण होने वाली परेशानी से बचाया जा सकता है। इसके लिए इलाज की दो तकनीक है। ब्रेन स्ट्रोक के बाद तुरंत सीटी स्कैन कर इलाज की दिशा तय की जाती है। ब्रेन इंटरवेंशन रेडियोलाजिस्ट प्रो.विवेक सिंह कहते है कि दो तरह के स्ट्रोक होने है जिसे हिमैरजिक और इस्केमिक के नाम से जाना जाता है दो ब्रेन स्ट्रोक में इंटरवेंशन की अहम भूमिका है। 30 से 40 फीसदी में इंटरवेंशन के जरिए परेशानी को कम किया जा सकता है। इस्केमिक स्ट्रोक जिसमें रक्त वाहिका में थक्का बन जाता है जिसके कारण नस फट जाती है इसमें स्ट्रोक पड़ने के दो से तीन घंटे के अंदर थक्के के निकाल देते है। इसके लिए जरूरी है कि मरीज दो घंटे अंदर पहुंच जाए। हिमैरजिक स्ट्रोक में इसमें नस में एन्यूरिज्म ( गुब्बारा) बन जाता है जिसमें हम लोग क्वायल( छल्ला) डाल कर रक्त स्राव को रोकते है। देखा गया है कि ब्रेन स्ट्रोक पड़ने के एक से दो फीसदी लोग ही गोल्डन आवर में विशेषज्ञ के पास पहुंच पाते है।
बाक्स
चार घंटे के अंदर टीपीए देने से कम होता ब्रेन को नुकसान
संस्थान के न्यूरोलाजी विभाग की प्रो, रूचिका टंडन कहती है कि स्ट्रोक पड़ने के पहले चार घंटे काफी अहम है। चार से 4.5 घंटे के अंदर मरीज को यदि आरटीपीए( टिशू प्लाजमीनजेन एक्टीवेटर) रसायन दी जाए तो उसे ब्रेन स्ट्रोक के कारण होने वाली तमाम परेशानी से बचाया जा सकता है। इमरजेंसी में यदि मरीज को तीन से 3.5 घंटे के अंदर लाया जाता है तो इमरजेंसी में तैनात डाक्टर न्यूरोलाजी के विशेषज्ञों से संर्पक कर सीटी स्कैन कराने के बाद तुंरत दवा दी जाती है। यह रसायन केवल इस्केमिक स्ट्रोक में ही कारगर है। देश में हर साल एक लाख लोगों मे से 73 लोग ब्रेन स्ट्रोक का शिकार होते हैं।
बाक्स
70 फीसदी मे होता है इस्केमिक स्ट्रोक
ब्रेन स्ट्रोक के शिकार 70 फीसदी लोगों में इस्केमिक स्ट्रोक होता है बाकी ब्रेन हैमरेज कारण हिमैरजिक होता है। ब्रेन स्ट्रोक का शिकार होने वाले 40 फीसदी लोग की उम्र चालिस से कम होती है। चालिस फीसदी लोगों में स्ट्रोक का कारण उच्च रक्तचाप और 17 फीसदी लोगों में कोलेस्ट्राल का बड़ा स्तर होता है। स्मोकिंग और एल्कोहल भी स्ट्रोक का बड़ा कारण है।
बाक्स
यह परेशानी तो सावधान
- चेहरा एक तरफ लटके
- एक हाथ में बल न लगना
- बोलने में लड़खड़ाहट
-सिर में तेज दर्द
- एक दम से देखने में एक या दोनों आंख में परेशानी
एक दम से चक्कर
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें