पांच विभाग ने
मिलकर गर्भवती के पेट से निकल 10 किलो का ट्यूमर
29 वर्षीय उन्नाव निवासी महिला संजय गांधी
पीजीआई
के सामान्य
अस्पताल में
स्त्री रोग विशेषज्ञ की ओपीडी में पेट की सूजन
के कारण आई थी। वह अपने स्थानीय चिकित्सक से परामर्श कर चुकी थी। बताया गया था कि उसको प्रेगनेंसी के साथ-साथ
पेट में बहुत बड़ी गांठ है ।इस कारण से यह गंभीर मामला है और इसका इलाज पीजीआई में
ही संभव था। मरीज को ओपीडी में देखा पाया
कि मरीज को दो-तीन महीने की प्रेगनेंसी के साथ-साथ पेट में बहुत बड़ा टयूमर था जो
बचेदानी पर भी दबाव डाल रहा था ।गांठ में कैंसर भी हो सकता था और यदि गांठ को सर्जरी द्वारा निकाला नहीं जाता तो गर्भपात की संभावना भी हो सकती थी।ऐसी
स्थिति में जांच कराने पर रेडिएशन के कारण कर में पल रहे बच्चे में विकृति की
संभावना भी हो सकती थी। इस विषय पर मरीज
और उनके परिजनों से बातचीत की गई और इलाज के लिए उन्हें गर्भपात की भी सलाह दी गई, किंतु
रोगी की प्रथम प्रेगनेंसी होने के कारण वह किसी भी कीमत पर इस बच्चे को बचाना
चाहती थी। उन्होंने टीम पर पूरी आस्था
जताई और टीम ने भी मरीज और मरीज के परिवार वालों को सारे खतरों से आगाह करते हुए
इलाज करने के लिए तैयार किया, जिसमें गर्भपात की संभावना भी शामिल थी
। रेडियोलाजी विभाग, गैस्ट्रो
सर्जरी विभाग और जेंटिक्स
विभाग के चिकित्सकों से संपर्क कर आपस में सहमति कर डायग्नोसिस चयनित की गई और ऑपरेशन की तैयारी की गई क्योंकि क्योंकि टयूमर के साथ प्रेगनेंसी को नियंत्रित करना एक बहुत मुश्किल काम था। इस ऑपरेशन के लिए एनेस्थेसिया महत्वपूर्ण था । ट्यूमर निकालने में गैस्ट्रो सर्जरी के सीनियर डाक्टर रजनीश कुमार सिंह और उनकी टीम ने महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की। पूरी टीम मरीज की प्रेगनेंसी को बचाते हुए ट्यूमर निकालने में सफल रहे। यह ट्यूमर लगभग 30 × 35 सेंटीमीटर और 10.4 किलो का था।ऑपरेशन के पश्चात मरीज की जेनेटिक काउंसलिंग और प्रेगनेंसी अल्ट्रासाउंड भी किया गया जिसमें बच्चे का विकास सामान्य पाया गया। आज मरीज एसजीपीजीआई की विशेषज्ञों की टीम का धन्यवाद करते हुए गर्भ में पल रहे बच्चे के साथ अपने घर जाने को तैयार है।
डॉ दीपा कपूर,
डॉ अंजू रानी
सीनियर गाइनेकोलॉजिस्ट
डॉ रजनीश कुमार सिंह गैस्ट्रो सर्जन
डॉ रुचि कंसलटेंट एनएसथीसिया
गणेश सीनियर रेजिडेट एनेस्थिसिया
शिवकुमारी एवं स्नेहलता स्टाफ नर्स ने महत्वपुर्ण भूमिका निभाया।
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