शुक्रवार, 30 अक्तूबर 2020

रक्तदाब नपवाने के पहले पांच मिनट शांती से बैठे

 रक्तदाब नपवाने के पहले पांच

मिनट शांती से बैठे

99 फीसदी लोगों में रक्तदाब

बढ़ने पर नहीं होती परेशानी

लखनऊ। कुमार संजय  

99 फीसदी लोगों में उच्च रक्त चाप का

कोई लक्षण नहीं होता है। इसलिए

साल में दो बार रक्तदाब नपवाते

रहना चाहिए। इसी लिए रक्तदाब को

साइलेंट किलर के रूप में जाना

जाता है। कई बार सिर सिर दर्द,

चक्कर आने पर जब रक्तदाब नपवाते

हैं तब पता चलता कि रक्तदाब बढ़ा

हुआ है। उच्च रक्तचाप से प्रति

लोगों को जागरूक करने के लिए इस

साल के विश्व स्वास्थ्य दिवस को उच्च

रक्तचाप दिवस के रूप में मनाया जा

रहा है। संजय गांधी पीजीआई के

हृदय रोग विशेषज्ञ प्रो.सुदीप के

मुताबिक रक्तदाब नपवाने के लिए तय

मानक है। जब भी रक्तदाब नापा

जाएं कम से पांच मिनट पीठ टेक कर

शांती से बैठने के बाद ही रक्तदाब

नपवाए। रक्तदाब नपवाने के दौरान

बात-चीत न करे तभी सही रक्तदाब

का पता लगता है। चल कर आने के

तुरंत बाद रक्तदाब बढ़ा हुआ

मिलता है।  यदि एक बार रक्तदाब 140 ।

90 मिमीपारा है तो दो हफ्ते तक कम


से तीन बार रक्तदाब मानक के अनुरूप

नपवाए । इस दौरान भी बढ़ा है तो

डाक्टर से संर्पक करें।

रक्तदाब नपवाने के मानक

-  एक घंटे पहले से चाय. काफी,

सिगरेट और तंबाकू का सेवन बंद

करें

- सर्दी , जुकाम की  दवा न चल रही हो

- पेशाब और लेट्रिन न लगा हो

- शांत और सामान्य वातावरण  हो

- कपड़े ढीले पहने हो

- किसी तरह का तनाव न हो

- बांह के घेरे के अनुसार ही नापने

वाले मशीन  का कफ(पट्टा) हो ,कफ

साइज गलत है रक्तदाब बढ़ा हुआ

दिखेगा।

तीन साल से अधिक उम्र के बच्चे के भी

रक्तदाब की करें निगरानी

संजय गांधी पीजीआई की बाल रोग

विशेषज्ञा डा. पयाली भाट्टाचार्या ने

बताया कि तीन साल उम्र के बच्चे का

रक्तदाब 90।50 होता है। रक्तदाब का

 उम्र के साथ रिश्ता है। उम्र बढ़ने के

साथ रक्तदाब में बदलाव आता है। उम्र

के साथ रक्तदाब मैच न करने पर माना

जाता है कि बच्चे में उच्चरक्ता चाप की


परेशानी है। 120।80 रक्तदाब 14 साल की

उम्र के बाद होता है। दो से तीन फीसदी

बच्चों में उच्चरक्तचाप की परेशानी देखी

गयी है।

बिना दवा के भी ठीक होता है

उच्चरक्तचाप

   उपाय                      

कितना                                    कितना कम होगा

रक्तदाब

नमक कम करने                आधा ग्राम

रोज                        5.8।  2.5 

वजन कम करने                  4.5

किलो                                7.2। 5.9

शराब बंद करना                  2.7 ड्रिक

रोज                            4.6। 2.3 

कसरत                           30 से 45 मिनट हफ्ते

तीन               10.3। 7.5

आहार                            डाक्टर द्वारा

तय                           11.4। 5.5 

 

इस बीमारियों से निपटना आप के हाथ

-स्ट्रोक, हृदयघात, एम्यूरिज्म. किडनी

फेल्योर के 50 से 60 मामलों में उच्चरक्त

चाप जिम्मेदार है। लाइप स्टाइल बदल

कर र्तचाप को सामान्य रख सकते हैं।

- डायबटीज टाइप टू के 70 फीसदी


मामलों में कारण मोटापा है। लाइफ

स्टाउल में बदलाव ला कर रोका जा

सकता है शुगर पर कंट्रोल रख कर

इसके कारण होने बीमारी किडनी

फेल्योर, हार्ट एटैक, पैर में घाव

सहित अन्य से बच सकते हैं। 

- डायरिया के 50 से 60 फीसदी मामलों

में दूषित खाना और पानी है। साफ पानी

,ताजा भोजन कर और खानेे पहले हाथ

धुल कर  बचा जा सकता है।  

. रोज तीन से चार लीटर पानी पीकर

शरीर की कोशिकाओं का संचालन सही

तरीके से कर सकते हैं

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