शुक्रवार, 13 मार्च 2020

इंफेक्शन कर सकता है किडनी कमजोर--- एक्यूट किडनी इंजरी कर रहा है किडनी खराब

इंफेक्शन कर सकता है किडनी कमजोर


एक्यूट किडनी इंजरी कर रहा है किडनी खराब
मौत का छठवां कारण साबित हो रहा है किडनी डिजीज

किडनी हेल्थ सभी के लिए सभी जगह हर लक्ष्य

कुमार संजय। लखनऊ
क्रानिक किडनी डिजीज से हर दस लाख में 800 लोग ग्रस्त है । हर दस लाख में से 150 से 200 लोग इंड स्टेज किडनी डिजीज से ग्रस्त है जिसमें इलाज केवल ट्रांसप्लांट है। मौत का 6 वां बडा कारण किडनी डिजीज साबित हो रहा है।  विश्व किडनी दिवस के मौके पर संजय गांधी पीजीआइ के गुर्दा रोग विशेषज्ञ प्रो. नरायन प्रसाद,   के मुताबिक एक्यूट किडनी इंजरी क्रानिक किडनी डिजीज का सबसे बडा कारण है।  85 फीसदी मामले लो या मिडिल इनकम ग्रुप देशो से है। सीकेडी और एकेआई के पीछे  हृदय रोग, डायबटीज. उच्च रक्तचाप, मोटापा के अलावा एचआईवी, मलेरिया, टीबी, हिपेटाइटस भी बडा कारण है। ट्रांसप्लांट इलाज मंहगा है। इसके लिए संसाधन, विशेषज्ञो की टीम, आर्गन डोनर के साथ ही डायलसिस की सुविधा की जरूरत होती है। बचाव और इलाज के लिए पालसी की जरूरत है।

गर्भावस्था का कुपोषण शिशु की किडनी डाल सकता है कुप्रभाव

गर्भावस्था के दौरान कुपोषण के कारण गर्भस्थ शिशु के किडनी का विकास बाधित हो सकता है। इनमें नेफ्रांन का आकारा और संख्या कम हो सकती है जिसके कारण आगे चल कर उस शिशु की किडनी प्रभावित हो सकती है। इस लिए इस दौरान पोषण पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।     

जागरूकता का मिल रहा है फायदा

जागरूकता अभियान का फायदा लोगों को मिल रहा है। ओपीडी में आने वाले किडनी मरीजों में केवल 10 फीसदी मरीज ऐसे होते है जिनमें ट्रांसप्लांट और डायलसिस की तुरंत जरूरत होती है। 40 फीसदी सोपोर्टिव ट्रीटमेंट से किडनी फंक्शन को सुधार देते है। 50 फीसदी मरीज एक्यूट किडनी इंजरी के होते है जो दवा से ठीक हो जाते है।   


फैक्ट फाइल
-भारत में लगभग 820 नेफ्रोलाजिस्ट
- लगभग 710 डायलसिस सेंटर
- लगभग 4800 सीएपीडी डायलसिस पर
- लगभग 172 ट्रांसप्लांट सेंटर जिसमें 75 फीसदी सेंटर दक्षिण भारत में जो निजि क्षेत्र में है
-10% नए किडनी के मरीज को भारत में रीटल रिप्लेसमेंट थिरेपी मिल पा रही है

कंगाल कर जाती है किडनी की बीमारी

- हिमोडायलिस में एक बार का खर्च 1050 से 2800  तक का खर्च आता है
- डायलसिस के साथ एथ्रपोयटीन( दवा) हर महीने देना होता जिसमें 10 हजार से 14 हजार का खर्च हर महीने  
- ट्रांसप्लांट में खर्च सरकारी अस्पताल में 56 हजार से 70 हजार
- ट्रांसप्लाट के बाद इम्यूनोसप्रिसव, टेक्रोलिमस, स्टेरायड, मायकोफिनोलेट का हर महीने खर्च 24 हजार से 28 हजार का हर महीने खर्च


कैसे संभव है बचाव
-    हेल्दी लाइफ स्टाल, साफ पानी, हेल्दी डाइट, कई तरह की किडनी डिजीज से बचाव और बीमारी पर
-    र किडनी डिजीज के स्क्रीनिंग की जरूरत है जिसमें पेशाब में प्रटीन, लाल रक्त कणिका की जांच और खून में सीरम क्रिएटनिन की जांच की जाए।  इससे बीमारी बढ़ने से पहले इलाज शुरू किया जा सकता है। खास तौर पर वह लोग डायबटीज, उच्च रक्तचाप, गुर्दे में पथरी, 60 से अधिक आयु है। 
-    किडनी मरीज को बेसिक हेल्थ सर्विस मिले जिसमें बल्ड प्रेशर , कोलेस्ट्राल को नियंत्रित करने  लिए दवाएं दी जाएं

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