खुश रहने से दिमाग में बढ़ता है डोपामाइन और सिरोटोनिन का स्तर
परिवार के साथ रहकर खुश रहें और सबको खुश रखें
कुमार संजय ’ लखनऊ
कोरोना को लेकर सतर्कता तो जरूरी है लेकिन, ज्यादा चिंता ठीक नहीं। आपकी हंसी भी एक ऐसी दवा है जो कोरोना पर कारगर है। आपकी हंसी से भी कोरोना को रोना आ सकता है। कोरोना से बचने के सबसे अच्छा उपाय है खुश रहना, तनाव नहीं लेना। यह मंत्र पीजीआइ के शरीर प्रतिरक्षा वैज्ञानिक प्रो. विकास अग्रवाल ने दिया। उन्होंने बताया कि खुश रहने से दिमाग में डोपामाइन और सिरोटोनिन रसायन का स्तर बढ़ता है, जिससे शरीर का इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। इसके अलावा पैष्टिक आहार लेने की जरूरत है। प्रो. विकास ने कहा कि घर में रह कर खुश रहें और सबको खुश रखें। वायरस संक्रमण को लेकर बहुत ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है। जरूरी यह है कि कम लोगों के संपर्क में आएं।
घबराएं नहीं, बरतें एहतियात : संस्थान के ही पल्मोनरी मेडिसिन के प्रो. जिया हाशिम ने बताया कि यदि कही से यात्र करके आए है या किसी आशंकित व्यक्ति के संपर्क में आए हैं तो तुरंत अपने को अलग कर लें । संक्रमण होगा तो 14 दिन में खत्म हो जाएगा। लक्षण आने पर विशेषज्ञ से सलाह लेने की जरूरत है। प्रो. जिया ने कहा कि कोरोना वायरस के लक्षण हैं तो उन्हे आइसोलेशन में रखने की जरूरत हैं। कोरोना वायरस का संRमण एकदम स्वाइन फ्लू वायरस के संRमण के लक्षण प्रकट करता है। इस संRमण को लेकर बहुत परेशान होने की जरूरत नहीं है केवल लोगों को एहतियात बरतने की जरूरत है।
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श्वसन तंत्र पर पहला हमला
कोरोना में एंटीबायोटिक काम नहीं करती है। अंगों को फेल होने से बचाने के लिए ज्यादा मात्र में तरल पदार्थ दिया जाता है। सिवियर एक्यूट रेस्परटॉरी सिंड्रोम और मिडिल इस्टर्न रेस्परटॉरी सिंड्रोम की परेशानी कोरोना से होती है।
रोगियों का हौसला बढ़ाएं
कोरोना वायरस कमजोर इम्यून सिस्टम वाले और श्वास रोगियों को आसानी से गिरफ्त में ले लेता है। इसके लिए जरूरी है कि घर में बुजुगरे और बीमार व्यक्तियों को खुश रखें और उन्हें एकदम तनाव न लेने दें।
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