रविवार, 1 मार्च 2020

ब्रेन ट्यूमर के 50 फ़ीसदी मामले होते हैं कैंसर

हाइब्रिड और न्यूरो नेवीगेशन तकनीक घटा रही है सर्जरी के बाद परेशानी


50 फीसदी ब्रेन ट्यूमर नहीं होता है कैंसर

ब्रेन ट्यूमरे के पचास फीसदी मामलों में कैंसर नहीं होता है। सर्जरी के बाद एक सप्ताह के अंदर घर जा सकते है साथ ही बढ़िया जिंदगी जी सकते है। ब्रेन ट्यूमर के बाकी मामलों में कैंसर युक्त ट्यूमर होता है जिसमें सर्जरी के बाद रेडियोथिरेपी और कीमोथिरेपी के बाद जिंदगी की डोर लंबी हो जाती है। नई तकनीक आने के बाद सर्जरी के जिंदगी की गुणवत्ता बढ़ रही है। संजय गांधी पीजीआइ के न्यूरो सर्जरी विभाग द्वारा कंट्रो वर्सी इन न्यू सर्जरी थीम पर अधिवेशन में एम्स दिल्ली के प्रो. एसएस काले, अमेरिका प्रो. अनिल नंदा, पुर्तगाल के डा. मैनुअल .  दिल्ली प्रो.वीके जौन, मुंबई के डा. देव पुजारी, त्रिवेंद्रम के डा. मैथ्यू इंब्राहिम, पीजीआई के डा. कमलेश सिंह बैसवारा ने बताया कि हाइब्रिड तकनीक और न्यूरो नेवीगेशन  के चलते ब्रेन सर्जरी की सफलता दर बढ़ी है साथ सर्जरी के बाद होने वाली परेशानियों में कमी आयी है। इस हाईब्रिड तकनीक में इंडोस्कोप और माइक्रोस्कोप का इस्तेमाल एक साथ करते है जिससे ट्यूमर बड़ा दिखता है और कहां पर है साफ दिखता है। इससे सर्जरी के दौरान पूरा ट्यूमर निकल जाता है साथ ट्यूमर के आस-पास का एरिया क्षति ग्रस्त नही होता है।
घट गयी है सर्जरी के बाद जटिलता
विशेषज्ञों ने कहा कि पहले 20 फीसदी मरीजों में सर्जरी के बाद जटिलता आती थी जिसमें दिमाग में सूजन, बेहोशी, झटके आने जैसी कई परेशानी होती थी लेकिन अब तकनीक के चलते यह दर घट कर 10 फीसदी तक आ गयी है।

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