पीजीआइ में न्यूरो सर्जरी पर अधिवेशन
अब मिर्गी की सर्जरी से मिलेगी राहत
20 फीसदी लोगों में काम नहीं करती है मिर्गी की दवा
मिर्गी के 20 फीसदी मामलों में दवा काम नहीं करती ऐसे में अब इन मरीजों को मिर्गी के दौरे से छुटकारा दिलाने में सर्जरी कारगर साबित हो सकती है। एपीलेप्सी सर्जरी का देश में विस्तार करने में लगे चित्रा इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस त्रिवेंद्रम से डा. मैथ्यू इब्राहिम ने कहा कि देश में केवल 300 से 350 मरीजों को सर्जरी की सुविधा मिल पा रही है जबकि देश में 10 लाख से अधिक लोगों में सर्जरी की जरूरत है। सर्जरी के तकनीक के विस्तार के लिए हम अपने सेंटर पर बुला कर देश के न्यूरो सर्जन को ट्रेंड कर रहे है। संजय गांधी पीजीआइ से भी सर्जन हमारे सेंटर पर आए जिसके बाद यहां पर सर्जरी शुरू करने जा रहे हैं। कुछ सर्जरी किए भी है। देश भर में केवल दस सेंटर जहां एपीलेप्सी सर्जरी हो रही है। बताया कि एपीलेप्सी के 70 फीसदी मामलों में दवा से कंट्रोल में रहता है लेकिन 20 फीसदी मरीजों में दवा से रसिसटेंट हो जाता है इनमें दवा काम नहीं करती जिससे इनकी लाइफ काम लायक नहीं रह जाती है क्योंकि दौरे का कोई समय नहीं होता है।
क्यों आता है मिर्गी का दौरा
प्रो, कमलेश सिंह ने बताया कि मिर्गी रोग में व्यक्ति के दिमाग के कोशाणुओं से अधिक मात्रा में बिजली की तरंगें निकलती हैं। इन तरंगों से प्रेरित होकर दिमाग के एक या एक से अधिक भागों में बिजली की तरंगों की कार्रवाई असाधारण रूप से अस्त-व्यस्त हो जाती है जिसके कारण मिर्गी का दौरा पड़ता है।
कैसे होती है सर्जरी
विशेषज्ञों ने बताया कि दिमाग में जहां से कंरट का नियंत्रण अनियंत्रित होता है उस प्वाइंट का पता पीईटी, एमआरआई, विडियो ईईजी आदि से लगाते है फिर उस प्वाइंट के निकालते है। यह करते है उस हिस्से को निकालने से कोई नुकसान न हो।
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