गुरुवार, 26 मार्च 2020

कीमोथिरेपी कराने वालो में संक्रमण का खतरा अधिक- प्रो. ज्ञान चंद पीजीआई

पीजीआइ के स्तन कैंसर, डायबिटिक फुट और हारमोनल ग्लैंड कैंसर के विशेषज्ञ ने दी जानकारी




 कैंसर कोशिकाओं को मारने, ट्यूमर के आकार को कम करने के लिए दवाओं के जरिए इम्यून सिस्टम को कम किया जाता है। ऐसे में इन मरीजों में संक्रमण की आशंका बढ़ जाती है। देखा गया है कि इनमें से 20 से 30 फीसद लोगों में बैक्टीरियल या वायरल संक्रमण हो जाता है। इसलिए इन मरीजों को कोरोना वायरस से बचने के विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। यह कहना है संजय गांधी पीजीआइ के स्तन कैंसर, डायबिटिक फुट और हारमोनल ग्लैंड कैंसर के विशेषज्ञ प्रो. ज्ञानचंद का।
उनके मुताबिक, लहसुन आदि एलिसिन से भरपूर खाद्य सामग्री का सेवन करना चाहिए। एलिसिन शरीर के अंदर श्वेत रुधिर कोशिकाओं को संक्रमण से लड़ने के लिए तैयार करता है। साथ ही शरीर में एंटीबॉडी के उत्पादन को भी प्रेरित करता है।
इससे शरीर को बैक्टीरिया या वायरस नुकसान नहीं पहुंचा पाता है। सामान्य लोगों में कोरोना वायरस के संक्रमण की आशंका तो है, लेकिन स्तन कैंसर, डायबटिक फुट या थायरायड कैंसर के मरीजों में इम्यून सिस्टम कमजोर होने से इनके संक्रमित होने की आशंका काफी अधिक है।
ये है इम्यून सिस्टम
प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर के भीतर होने वाली उन जैविक प्रक्रियाओं का एक संग्रह है, जो रोगजनकों और कैंसर कोशिकाओं को मार कर रोगों से रक्षा करती है। यह विषाणुओं से लेकर परजीवी कृमियों जैसे विभिन्न प्रकार के एजेंट की पहचान करने मे सक्षम होती है। साथ ही यह इन एजेंटों को जीव की स्वस्थ कोशिकाओं और ऊतकों से अलग पहचान सकती है, ताकि यह उन के विरुद्ध प्रतिक्रिया न करे और पूरी प्रणाली सुचारु रूप से कार्य करे।
बड़े चालाक होते हैं वायरस और बैक्टीरिया
रोगजनकों की पहचान करना एक जटिल कार्य है, क्योंकि रोगजनकों का रूपांतर बहुत तेजी से होता है और यह स्वयं का अनुकूलन इस प्रकार करते हैं कि प्रतिरक्षा प्रणाली से बचकर सफलतापूर्वक शरीर को संक्रमित कर सकें। शरीर की प्रतिरक्षा-प्रणाली में खराबी आने से रोगजनक हावी हो जाते हैं। प्रतिरक्षा-प्रणाली में खराबी को इम्यूनोडिफिशिएंसी कहते हैं। इम्युनोडिफिशिएंसी या तो किसी आनुवांशिक रोग के कारण हो सकता है, या फिर कुछ खास दवाओं या संक्रमण के कारण भी संभव है।
’>>इम्यून सिस्टम ठीक रखने के लिए पोषक तत्वों का सेवन करें
’>>हाथ हर आधे घंटे पर साबुन से धोते रहे
’>>यात्र में हैं तो सैनिटाइजर से हाथ साफ करते रहें
’>>संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें

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