बुधवार, 11 जुलाई 2018

पीजीआई नर्व ब्लाक कर देगा पेल्विक पेन से राहत



40 से 60 अायु वर्ग 15 फीसदी लोग पेल्विक पेन से परेशान

मल्टी स्पेसिएलटी सेंटर पर ही इलाज संभव


क्रानिक पेल्विक पेन से 40 से 60 अायु वर्ग के 10 से 15 फीसद महिलाएं और पुरूषों की जिंदगी थम सी जाती है। दर्द के कारण सामाजिक और निजि जिंदगी थम जाती है जिसके कारण अधिकतर लोग डिप्रेशन की चपेट में जाते है। इस परेशानी में गर्भाशय, मूत्राशय, मल द्वार और इनको बांधे रखने वाली मांस पेशी प्रभावित होती है। परेशानी किसी एक अंग में होती है लेकिन बाकी अंगों के जुडे रहने के कारण सबमें परेशानी अा जाती है। संजय गांधी पीजीआई के एनेस्थेसिया विभाग के प्रमुख प्रो. अनिल अग्रवाल और प्रो. सुजीत 
गौतम, प्रो. संजय धीराज के मुताबिक जिस भीतरी अंग  में परेशानी है उसको दूर करने के साथ हम लोग नर्व ब्लाक लगाकर जिंदगी सामान्य कर रहे हैं। विशेषज्ञों ने कहा कि इस परेशानी वही पर इलाज के जाना चाहिए जहां पर स्त्री रोग विशेेषत्र, यूरोलाजिस्ट , गैस्ट्रो इंट्रोलाजिस्ट  और पेन मैनेजमेंट एक्सपर्ट एक छत की नीते हों। इस परेशानी के बारे में जागरूकता न होने के कारण तमाम डाक्टर भी मरीजों को सही तरीके से हैंडिल नहीं कर पाते है । मरीजों को भी नहीं होता है कहां जाना है। इसके लिए हम लोग शनिवार को सीएमई का  अायोजन कर रहे हैं। प्रो. सुजीत ने बताया कि अाम भाषा में पेडूं में दर्द की तेज परेशानी होती है। किसी भी जांच में कुछ खास नहीं निकलता है। इस दर्द का कारण किसी भी तीन अंग में परेशानी हो सकती है। चिकित्सक दर्द की दवा के साथ एंटी बायोटिक और मसल रिलेक्सटेंट देते है लेकिन इससे राहत नहीं मिलती है। हम लोग मांस पेशियों के अाराम के लिए बायोफीडबैक तकनीक से इलाज करते हैं। इसके अलावा रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से में स्थित सुपुरीयर हाइपो गैस्ट्रिक प्लेक्सेस में नर्व ब्लाक लगाते है। इसी नर्व से गर्भाशय , मूत्राशय और मल द्वार में दर्द जाता है। पेल्विक फ्लोर( मासपेशी ) में दर्द से निजात के लिए प्यबडेडल नर्व को ब्लाक करते हैं। हम लोग सप्ताह में दो तीन मरीज को पेल्विक पेन से राहत दे रहे हैं । संस्थान में तकनीक स्थापित हो गयी है।   

दर्द को नहीं मानी जाती है बीमारी
 
  प्रो. सुदीप कुबा  प्रो. चेतना , स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. दीपा कपूर, डा. अंजु रानी, पेट रोग विशेषज्ञ प्रो. यूसी घोषाल, प्रो. अभय वर्मा , यूरोलाजिस्ट प्रो. एमएस अंसारी, प्रो.यूबी सिंह ने कहा कि दर्द को हमारे यहां बीमारी नहीं मानी जाती है। लगातार पेन किलर लेने से दूसरी परेशानियां हो सकती है इस लिए सही मैनेजमेंट करने की जरूरत है। 


यह परेशानी तो ले सलाह
- मासिक के समय गर्भाशय के साथ पेट में दर्द
- 10 बार से अधिक पेशाब और पेशाब में जलन
- बैठने पर मल द्वार में दर्द
- पूडूं में दर्द  

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