रविवार, 8 जुलाई 2018

दिसंबर तक पीजीआई में बढ़ जाएगा 134 बेड

पीजीआई में134 बेड वाले वार्ड के विस्तार का ‌कार्य शुरू
-पुरानी ओपीडी में पांच विभागों के वार्ड बनेंगे, साथ ही 24 लैब भी शिफ्ट होगी
-दिसम्बर के आखिरी तक मरीजों की भर्ती शुरू होगी

पीजीआई में न्यूक्लीयर मेडिसिन, रेडियोथेरेपी, जेनेटिक्स, एनेस्थीसिया,
रेडियोलॉजी के मरीजों के लिए बेड की समस्या नहीं होगी। अब इन विभागों के
मरीजों लिए 134 बेड वाला स्थायी वार्ड उपलब्ध मिलेगा। फिलहाल अभी इन
विभागों के मरीज दूसरे विभाग के वार्डों में भर्ती किए जा रहे हैं।
शनिवार को पीजीआई निदेशक डॉ. राकेश कपूर ने 134 बेड वाले वार्ड का
निर्माण कार्य थार्मिक अनुष्ठान के साथ शुरू करा दिया। साथ ही इस भवन में
24 लैब भी शिफ्ट की जाएगी।
पीजीआई सीएमएस डॉ. अमित अग्रवाल बताते हैं कि वर्ष 2017 में पुरानी ओपीडी
नवीन में भवन में शिफ्ट होने के बाद खाली हो गई थी। डॉ. अग्रवाल का कहना
है कि न्यूक्लीयर मेडिसिन, रेडियोथेरेपी, जेनेटिक्स, एनेस्थीसिया,
रेडियोलॉजी का स्थायी वार्ड न होने की वजह से मरीजों को भर्ती करने में
दिक्कत हो रही थी। अभी तक इन विभागों के मरीज दूसरे विभाग के वार्ड में
भर्ती किए जा रहे थे। जबकि उन विभागों में मरीजों का दबाव लगातार बढ़ रहा
था। पुरानी ओपीडी में 134 बेड के विस्तार हेतु प्रशासन ने योजना बनायी।
जिसके तहत शनिवार से निर्माण एजेंसी जल निगम ने कार्य का शुरू करा दिया।
निर्माण एजेंसी ने पुरानी ओपीडी भवन को ध्वस्त कर दिया है। शनिवार को
निर्माण कार्य के शुभारम्भ पर आयोजित धार्मिक अनुष्ठान में पीजीआई निदेशक
डॉ. राकेश कपूर के अलावा, डॉ. एके शुक्ला, इंजी. एसके अग्रवाल व आरडी
शर्मा के अलावा सीएल वर्मा व बीपी शर्मा मौजूद रहे।
नए वार्ड में 134 बेड होंगे
पुरानी ओपीडी में पांच विभागों के वार्ड बनेंगे। जिसमें कुल 134 बेड
होंगे। इसमें न्यूक्लीयर मेडिसिन के 10 बेड,  रेडियोथेरेपी के 50 बेड,
जेनेटिक्स के 25, एनेस्थीसिया के 25, रेडियोलॉजी 20 के अलावा चार
प्राइवेट रूम बनेंगे। साथ ही संस्थान में संचालित 24 लैब को इसी भवन में
शिफ्ट किया जाएगा। 24 लैब अभी जहां पर चल रही उस जगह पर आपरेशन थियेटर या
अन्य किसी काम में प्रयोग किया जाएगा
वर्जन
पीजीआई निदेशक डॉ. राकेश कपूर बताते हैं कि नए वार्ड बनने से मरीजों को
बहुत राहत मिलेगी। संस्थान में लगातार मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा
है। खासकर न्यूक्लीयर मेडिसिन, रेडियोथेरेपी, जेनेटिक्स, एनेस्थीसिया,
रेडियोलॉजी के स्थायी वार्ड होने की वजह से मरीजों की भर्ती में बड़ी
दिक्कत हो रही है। जिसके चलते पुरानी ओपीडी में ये वार्ड बनाने की योजना
बनायी गई। डॉ. कपूर का कहना है कि दिसम्बर के आखिर तक इस वार्ड को
क्रियाशील कर दिया जाएगा।

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